रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नगर निगम में कांग्रेस पार्षद दल के बीच चल रहा विवाद सुलझने की बजाए और उलझ गया है। विपक्ष के पांच पार्षदों ने नगर निगम के सभापति सूर्यकांत राठौर से मिलकर साफ कर दिया है कि वे कांग्रेस पार्टी के फैसले से सहमत नहीं हैं। पूर्व में पार्टी की तरफ से घोषित संदीप साहू ही उनके नेता होंगे।
पांचों पार्षदों संदीप साहू, उपनेता प्रतिपक्ष जयश्री नायक, रोनिता प्रकाश जगत, दीप मनीराम साहू और रेणु जयंत साहू ने सभापति से मिलकर कहा है कि वे पार्टी की तरफ से घोषित आकाश तिवारी को नेता मानने को तैयार नहीं हैं। वे संदीप साहू को ही नेता प्रतिपक्ष मानते हैं।
दरअसल, संदीप साहू की घोषणा के करीब 3 महीने बाद आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की घोषणा से पांचों पार्षदों ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बाद में यह चर्चा थी कि सभी ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, जिसकी सूचना शहर कांग्रेस की तरफ नगर निगम के सभापति को दी गई।
इसी पर सभापति ने सामान्य सभा से पहले सभी पांच पार्षदों को नेता प्रतिपक्ष की स्थिति साफ करने के बुलाया था। इस मुलाकात में पांचों पार्षदों ने साफ कर दिया है कि वे आकाश तिवारी से सहमत नहीं हैं।
दरअसल, नगर निगम के चुनाव में 70 सीटों में कांग्रेस के सिर्फ 7 पार्षदों ने जीत दर्ज की थी। वहीं, कांग्रेस से ही पहले पार्षद रह चुके आकाश तिवारी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के ही पूर्व पार्षद और प्रत्याशी कामरान अंसारी को हराया था। निर्दलीय उम्मीदवारी करने के बाद आकाश तिवारी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन कुछ महीनों बाद आकाश को कांग्रेस में वापस ले लिया गया।
पार्टी में वापसी होने से पहले शहर कांग्रेस कमेटी ने संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष बनाया था। संदीप साहू को नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष का कमरा भी अलॉट कर दिया गया था। बाद में जब आकाश तिवारी की पार्टी में वापसी हो गई तो कांग्रेस ने आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की घोषणा कर दी। लेकिन, कमरा अभी तक संदीप साहू के नाम से ही अलॉट है।
इस घोषणा से नाराज राजेश साहू और साथी 4 पार्षदों ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा दे वालों में पार्षद संदीप साहू, उपनेता प्रतिपक्ष जयश्री नायक, रोनिता प्रकाश जगत, दीप मनीराम साहू और रेणु जयंत साहू थीं। संदीप साहू ने तब पीसीसी पर तानाशाही का आरोप लगाया था। सिर्फ दो पार्षद शेख मुशीर और अर्जुमन ढेबर ने ही इस्तीफा नहीं दिया था।
बाद में पार्षदों ने इस्तीफा वापस ले लिया था, लेकिन नगर निगम में आधिकारिक तौर पर अब भी राजेश साहू नेता प्रतिपक्ष हैं।
कांग्रेस के महज 8 पार्षदों में नेता प्रतिपक्ष को लेकर चल रही खीच तान के बीच सभापति सूर्यकांत राठौर ने इस्तीफा देने वाले 5 पार्षदों को बुलाया है।
विशेषज्ञों से राय लेकर निर्णय लिया जाएगा : सभापति
नेता प्रतिपक्ष को लेकर सूर्यकांत राठौर ने कहा कि यह स्थिति कांग्रेस ने ही पैदा की है। पहले एक पार्षद का नाम दिया। तीन महीने बाद दूसरे पार्षद को नेता प्रतिपक्ष बना दिया। अब पार्टी के पांच पार्षदों ने संदीप साहू को ही अपना नेता बताया है। ऐसे में फिलहाल इस पर फाइनल निर्णय से पहले विशेषज्ञों से राय ली जाएगी।
नगर निगम चुनाव के परिणाम के आधार पर कांग्रेस के 7 पार्षद हैं। बाद में कांग्रेस प्रत्याशी को हराने वाले निर्दलीय पार्षद आकाश तिवारी को कांग्रेस में शामिल किया गया। इस तरह 8 पार्षद हो गए।
पहले शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे ने नगर निगम का यह पत्र लिखा था कि संदीप साहू नेता प्रतिपक्ष होंगे। करीब 3 महीने बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नेतृत्व बदलाव करते हुए पार्टी में रिजल्ट के बाद शामिल हुए निर्दलीय पार्षद आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया।
नगर निगम में आज एमआईसी (मेयर इन काउंसिल) की बैठक है।
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