PM MODI ON GST : यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम किए गए आज तक के संबोधनों से बेहद अलग था। पीएम मोदी कल से लागू होंगे जा रहे जीएसटी के नए स्लैब को ऐतिहासिक बताते हुए जनता से बचत उत्सव मनाने की बात कह रहे थे। जबकि आठ साल पहले जीएसटी का ऐलान करते हुए 1 जुलाई, 2017 को संसद के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे देश के इतिसाह में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार करार दिया था।
प्रधानमंत्री ने रविवार शाम पांच बजे राष्ट्र को संबोधित किया। उनके भाषण में डबल बोनांजा, नियो मिडिल क्लास, एमएसएमई, नेक्स्ट जेनरेशन ट्रांसफार्मेशन की बात थी तो स्वदेशी पर भी जोर था। अमेरिकन टैरिफ से ढह रहे भारतीय बाजार को बचाने की कोशिश में सरकार ने कल से देश में केवल दो जीएसटी दरों के होने की बात कही हैं। अब केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी दो स्लैब होंगें।
तब भी ऐतिहासिक अब भी
पीएम मोदी ने 1 जुलाई 2017 मध्य रात्रि को संसद के विशेष सत्र में जब जीएसटी का ऐलान किया था। तब कहा था कि 125 करोड़ भारतीय इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं। देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ा है। प्रधाननंत्री ने तब कहा था कि ‘आजादी के बाद यह सबसे बड़ा टैक्स सुधार है। महात्मा गांधी ने कहा था कि असली आजादी तभी होगी जब हम सब एक हो जाएंगे। जीएसटी उसी भावना को साकार करने वाला एक कदम है।‘
लेकिन आठ साल पहले ही जीएसटी की दरों और उसकी विसंगतियों को लेकर भारी विरोध शुरू हो गया था। आज जब जीएसटी दरों में बदलाव करना पड़ा है पीएम इसे भी ऐतिहासिक बता रहे हैं। गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसे गब्बर सिंह टैक्स कहते रहे हैं।
अगली पीढ़ी का सुधार
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को आगामी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बदलावों को “अगली पीढ़ी का सुधार( next generation GST)” बताया, जो भारत की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बढ़ावा देगा और देश भर के मध्यम वर्ग, युवाओं और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाएगा।
शाम 5 बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने कहा कि सोमवार, 22 सितंबर से प्रभावी नई जीएसटी दरें केवल कर में कटौती नहीं हैं, बल्कि “जीएसटी बचत उत्सव” हैं जो दैनिक आवश्यक वस्तुओं की लागत को कम करेंगी और उपभोग-संचालित विकास को बढ़ावा देंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह सुधार केवल कीमतें कम करने के लिए नहीं है, बल्कि नए अवसर पैदा करने के लिए भी है। हमारे मध्यम वर्ग की बचत बढ़ेगी, हमारे युवाओं को लाभ होगा और पूरी अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।”
हर परिवार प्रभावित होने का दावा
प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि ये सुधार भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने और आत्मनिर्भर भारत की नींव को मज़बूत करने में मदद करेंगे। उन्होंने आगे कहा, “जब लोगों की क्रय शक्ति बढ़ती है, तो इसका लाभ उद्योग से लेकर कृषि और सेवा क्षेत्र तक, हर क्षेत्र को मिलता है। यह एक ऐसा सुधार है जो हर घर को प्रभावित करेगा।”
जीएसटी दरों में पहला सुधार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस महीने की शुरुआत में घोषित जीएसटी दरों में कटौती, ऑटोमोबाइल से लेकर उपभोक्ता उत्पादों तक, कई तरह की वस्तुओं पर लागू होगी। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से यह सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार है।
यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क में भारी वृद्धि कर इसे 100,000 डॉलर करने की घोषणा के एक दिन बाद आई है। इस कदम से भारतीय आईटी पेशेवरों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
कांग्रेस चाहती थी ट्रंप के ऐलान पर बात
इससे पहले दिन में, कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया था कि क्या प्रधानमंत्री भारत-पाकिस्तान पर ट्रंप की टिप्पणियों और लाखों एच-1बी वीज़ा धारकों की चिंताओं पर बात करेंगे। हालाँकि, मोदी ने अपने संबोधन में जीएसटी कटौती के लाभों और सरकार के आर्थिक रोडमैप को रेखांकित करने पर ध्यान केंद्रित किया।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की मुख्य बातें:
- जीएसटी ने ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के सपने को साकार किया है।
- पहले करों और टोलों के जाल ने व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए कठिनाइयां पैदा की थीं।
- जीएसटी सुधारों के तहत दैनिक आवश्यक वस्तुएं, दवाएं और बीमा सस्ते हो जाएंगे।
- 22 सितंबर से शुरू होने वाला “जीएसटी बचत उत्सव” बचत बढ़ाएगा और परिवारों में खुशियां लाएगा।
- सुधारों से भारत की विकास गाथा में तेजी आएगी, व्यापार सरल होगा और अधिक निवेश आकर्षित होगा।
- भारत की विकास यात्रा में प्रत्येक राज्य समान भागीदार होगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने जीएसटी रिफॉर्म को बचत उत्सव कहने पर तंज करते हुए कहा कि 8 साल तक अनियमित जीएसटी लगाकर प्रदेश के गरीब मध्यम वर्ग परिवार किसानों से करोड़ों रुपए की वसूली की गई। गब्बर सिंह टैक्स के कारण आम लोगों को आर्थिक चोट पहुंचा। उनकी बचत खत्म हुई कर्जभार बढ़ा इस के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है।उस दौरान कांग्रेस ने जीएसटी के अनियमित स्लैब को लेकर बार बार सरकार से बदलाव करने की मांग की।जीएसटी को आम जनता व्यापर उद्योग के लिए आर्थिक विनाशकारी बताया।तब मोदी सरकार तानशाही करते हुए जीएसटी को दूसरी आजादी बताया था जबकि मनमानी ढंग से लगाई गई जीएसटी के कारण हर वर्ग कर के गुलामी झेला है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि गब्बर सिंह टैक्स के कारण बीते 8 साल में प्रदेश के किसानों से कृषि यंत्रों कीटनाशक,ट्रेक्टर एवं अन्य स्रोतों से लगभग 4000 करोड रुपए की अतिरिक्त वसूली हुई।गरीब मध्यम वर्गी परिवार से हर माह लगभग 9 हजार रुपया वसूला गया।जिससे उनकी बचत खत्म हुई।उद्योग व्यापार पर इसका दुष्प्रभाव भयानक पड़ा जिसे व्यवसाय जगत आज भी उबर नही पाया है। जीएसटी विभाग जीएसटी के नाम व्यापारी उद्योगपतियों ठेकेदारों को डरा धमका कर अवैध वसूली करता रहा है। गब्बर सिंह टैक्स कारण जो प्रताड़ित हुए हैं उसके लिए भाजपा की सरकार जिम्मेदार है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार आज भी जीएसटी में दो स्लैब होने का दावा कर जनता को गुमराह कर रही है जबकि सच्चाई यह है आज भी जीएसटी में 6 प्रकार के स्लैब है।नए प्रावधान में 40 वस्तुओं पर जीएसटी की इस तरह बढ़ाई गई है। 17 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 परसेंट से बढ़कर 40 फ़ीसदी किया गया है और 19 वस्तुओं को 12 फ़ीसदी से निकालकर 18 प्रतिशत में ला दिया गया है। यही नहीं अब भी 35 से अधिक कृषि उत्पाद जीएसटी के दायरे में हैं। केवल 2 जीएसटी स्लैब होने का दावा झूठा है, सोने चांदी पर 3 जीएसटी दर के साथ 5 प्रतिशत का स्लैब, 18 प्रतिशत और 40 प्रतिशत के साथ ही जीरो और निल रेटेड स्लैब भी होंगे, अर्थात कुल 6 तरह के स्लैब जीएसटी 2.0 में रहेंगे।