रायपुर। बिहार के बाद अब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh SIR) में भी विशेष गहन संशोधन (SIR) की प्रक्रिया ने जोर पकड़ लिया है। राजधानी रायपुर की विधानसभा सीटों 48 (रायपुर ग्रामीण) और 49 (रायपुर शहर पश्चिम) के 284 मतदान केंद्रों के तहत लाखों वोटरों की सूची को पुरानी रिकॉर्ड्स से मिलान कर नया रूप दिया जा रहा है। यह अभियान 2025 के आगामी चुनावों को पारदर्शी बनाने का दावा कर रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यह संशोधन 2002-2003 की पुरानी लिस्ट को आधार बनाकर हो रहा है, जिसमें सत्यापन के बाद डोर-टू-डोर जांच होगी।
ट्रेनिंग से शुरू हुई कवायद, अब डोर-टू-डोर जांच का दौर
पिछले हफ्ते BLO (बूथ लेवल ऑफिसर), शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए विशेष ट्रेनिंग सत्र आयोजित किए गए। 18 सितंबर को डीडीयू और 19 सितंबर को महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में इनकी ड्यूटी लगाई गई, जहां पुरानी लिस्ट का 2025 के वर्तमान डेटा से मिलान किया जा रहा है। एक BLO ने बताया, “2002-2003 की लिस्ट में दर्ज वोटर अब जीवित हैं या नहीं, उनके परिवार के सदस्य अभी भी उसी पते पर रहते हैं या नहीं, यह सब जांचना पड़ रहा है। कई जगह नाम गायब हैं या डुप्लिकेट लग रहे हैं, जिससे प्रक्रिया जटिल हो गई है।” संशोधन के बाद अनियमितताओं को दूर करने के लिए जल्द ही घर-घर जाकर सत्यापन शुरू होगा। जिला निर्वाचन कार्यालय, रायपुर के अनुसार इन 284 केंद्रों पर करीब 5 लाख वोटर प्रभावित होंगे।
यह प्रक्रिया बिहार में चले SIR के बाद शुरू हुआ है, जहां हाल ही में हजारों संदिग्ध वोटर नाम हटाए गए। छत्तीसगढ़ में भी विपक्ष का आरोप है कि यह ‘वोट बैंक’ साफ करने का तरीका है। इस बीच, ट्रेनिंग और सत्यापन में लगे शिक्षकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने खुलकर नाराजगी जताई। एक शिक्षिका ने कहा, ” हमें चुनावी कामों में उलझा दिया गया। कुछ ही दिनों में स्कूलों में परीक्षाएं शुरू होनी हैं, बच्चों की पढ़ाई कैसे चलेगी?” आंगनबाड़ी सहायिका ने बताया, “हमारा मुख्य काम बच्चों का पोषण और देखभाल है, लेकिन सर्वे और वोटर जांच में दिन भर लग जाता है। पुरानी लिस्ट मिलाने में समय लगता है, और संसाधन भी कम हैं।”
कांग्रेस का हमला- ‘चुनाव आयोग बीजेपी का साथ दे रहा’
सियासी घमासान भी तेज हो गया है। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने साफ कहा, “चुनाव आयोग बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए SIR जैसी कवायद चला रहा है। यह वोट चोरी का खेल है, और डिजिटल वोटर लिस्ट तक पार्टियों को नहीं दी जा रही।” बैज ने राहुल गांधी के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि महाराष्ट्र व हरियाणा में भी इसी तरह की अनियमितताएं हुईं, जहां 1 लाख से अधिक वोट डुप्लिकेट पाए गए। कांग्रेस ने 16 सितंबर से ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ पादयात्रा शुरू की है, जो रायगढ़ से गुजर रही है। दूसरी ओर, भाजपा ने इन आरोपों को ‘भ्रम फैलाना’ बताया है। बैज ने आगे कहा, “हमारे पास सबूत हैं, जल्द खुलासा करेंगे।”