नई दिल्ली। यदि कोई व्यक्ति नियमों का पालन करते हुए हाथी रखता है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। यह बात सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर में वनतारा वन्यजीव केंद्र से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान कही है। इस मामले में विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में वनतारा को क्लीन चिट दे दी है। हालांकि कोर्ट ने अभी इस मामले में कोई अंतिम आदेश जारी नहीं किया है।
सुनवाई के दौरान विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की। यह मामला एक जनहित याचिका से जुड़ा है, जिसमें वनतारा में वन्यजीवों के अवैध हस्तांतरण और हाथियों को गैरकानूनी तरीके से रखने के आरोपों की गहन जांच की मांग की गई थी। पहले 25 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था।
एसआईटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे. चेलामेश्वर, उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी अनिश गुप्ता शामिल हैं। जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस प्रसन्ना वराले की पीठ ने कम समय में रिपोर्ट जमा करने के लिए जांच दल की प्रशंसा की।
वनतारा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वे नहीं चाहते कि पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक हो, क्योंकि इससे व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण दुरुपयोग हो सकता है। इस पर जस्टिस मिथल ने आश्वासन दिया कि कोर्ट ऐसा नहीं होने देगा और वनतारा को रिपोर्ट सौंपी जाएगी ताकि आवश्यक सुधार किए जा सकें। साल्वे ने कहा कि वे जरूरी कदम उठाएंगे।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि एसआईटी की रिपोर्ट उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में है और बार-बार एक ही मुद्दे को उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। याचिकाकर्ता ने मंदिरों में रखे गए हाथियों का मुद्दा उठाया, तो पीठ ने पूछा, “आपको कैसे पता कि मंदिरों में हाथियों को ठीक से नहीं रखा जा रहा?” कोर्ट ने कहा कि देश में कई ऐसी चीजें हैं जिन पर गर्व किया जा सकता है और उन्हें अनावश्यक विवादों में नहीं घसीटना चाहिए।
एसआईटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा की थी, जिसका सोमवार को अवलोकन किया गया। जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस पीबी वराले ने बताया कि जांच दल ने वनतारा को इन आरोपों से मुक्त कर दिया है। बता दें कि वनतारा एक पशु बचाव और पुनर्वास केंद्र है, जिसके मालिक अनंत अंबानी हैं। इस पर जानवरों खासकर हाथियों की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए गए थे।