काठमांडू। हिंसा के बीच अशांत नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की ने शपथ ले ली है। शुक्रवार रात राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने उन्हें शपथ दलाई।
फिलहाल किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है। साथ ही राष्ट्रपति ने अगले 6 महीने में चुनाव कराने की घोषणा की है।
शुक्रवार सुबह हुई बैठक में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त करने पर सहमति बनी।
राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में शुक्रवार सुबह से चली आ रही गहन वार्ताओं के बाद, यह फैसला लिया गया। यह जानकारी राष्ट्रपति के प्रेस सलाहकार किरण पोखरेल ने नेपाल की मीडिया को दी।
उधर zen-z पीढ़ी के नेताओं ने नई सत्ता में जगह लेने से साफ मना कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सत्ता का हिस्सा तो नहीं बनेंगे मगर उसके हर कदम पर नजर रखेंगे।
राजधानी नेपाल के मेयर बालेन्द्र शाह ने सुशीला कार्की के पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद उन प्रदर्शनकारियों को याद किया जिनकी जान गई थी। उन्होंने युवाओं के प्रयासों व त्याग के लिए श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि युवा साथियों के संघर्ष व समर्पण ने राष्ट्र को नई दिशा दी है। उन बहादुरों को हमारा सादर प्रणाम। उनका दिया हुआ अनुपम उपहार आने वाली नस्लों को राष्ट्रप्रेम व दायित्वबोध का पाठ पढ़ाएगा।
नेपाल में भारत के प्रतिनिधि नवीन श्रीवास्तव ने पदग्रहण के अवसर पर सुशीला कार्की से भेंट की और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
सुशीला कार्की के बारे में..
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के विराटनगर में हुआ था। उन्होंने वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की, जबकि विधि की शिक्षा उन्होंने नेपाल की त्रिभुवन विश्वविद्यालय से हासिल की।
शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने वकीली और न्यायिक सुधारों के दायरे में अपना पेशेवर सफर शुरू किया। वे नेपाल की सर्वोच्च अदालत की पहली महिला प्रमुख न्यायाधीश के रूप में इतिहास रच चुकी हैं। अपने सुप्रीम कोर्ट कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुकदमों पर फैसला सुनाया, जिसमें चुनाव संबंधी विवाद भी प्रमुख थे।
हिंसा में अब तक 51 की मौत
नेपाल में हाल के दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंध के विरोध में चले ‘जेन जी’ आंदोलन के दौरान कम से कम 51 व्यक्तियों की मौत हो गई, जिनमें एक भारतीय मूल का नागरिक भी शामिल है।
काठमांडू पोस्ट समाचार पत्र ने नेपाल पुलिस के सहायक महानिरीक्षक रमेश थापा के बयान का हवाला देते हुए बताया कि मृतकों में एक भारतीय, तीन पुलिस वाले और बाकी नेपाली हैं। गुरुवार और शुक्रवार को देशभर से 17 शवों का पता चला।
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