बस्तर के मांदर में 6 लोगों को हेलीकॉप्टर से किया गया रेस्क्यू, जगदलपुर, दंतेवाड़ा में करीब 200 लोगों का बचाया गया
बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में भारी बारिश के कारण बाढ़ (Bastar Flood) से हालात बन गए हैं। बस्तर संभाग में इंद्रावती नदी के साथ साथ गोदावरी का बैक वॉटर, सबरी, दंकिनी, संकिनी, तालपेरू, कोकरल, मिलनाचल और मारकंडेय नदी के किनारे के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। करीब दर्जनभर छोटे बड़े पुल टूट गए हैं।

कई नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे में पानी ही पानी नजर आ रहा है। अंदरूनी इलाकों में कई ब्रिज और पुलिया टूट गए हैं। एसडीआरएफ की टीम सभी को सुरक्षित निकालने में लगी है। दरभा घाटी में बाढ़ के कारण दो कार बह गई। एक कार में बैठे चार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, दूसरी कार में बैठे 6 लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित निकाल लिया है।
इस बाढ़ से जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले प्रभावित हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित जगदलपुर और दंतेवाड़ा हैं। जगदलपुर के लोहंडीगुड़ा इलाके में एक गांव से 6 ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया है। वहीं, 16 ग्रामीणों को मोटर बोट से रेस्क्यू किया गया।
जगदलपुर के ही केशलूर में हाईवे में बंस में फंसे 45 लोग और बाइक में फंसे एक शख्स को मोटर बोट के जरिए रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाला।

दंतेवाड़ा के बालपीत गांव में दर्जनों घर डूब गए हैं। करीब 15 से 20 मकान गिर गए, जिसमें फंसे 43 लोगों को बचाया गया है। इसी तरह दंतेवाड़ा में एक छात्रावास में फंसी करीब 30 बच्चियों को बचाया गया है।
दंतेवाड़ा में करीब 100 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। दंतेवाड़ा में कुछ अंदरूनी इलाकों में ब्रिज टूटने से हालात ऐसे थे कि दंतेवाड़ा की रेस्क्यू टीम भी पानी के तेज बहाव के कारण दूसरी तरफ नहीं जा सकी। ऐसे में सुकमा और बीजापुर जिले की रेस्क्यू टीम ने आकर लोगों को बचाया और बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला।
जापान दौरे पर गए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बस्तर में बाढ़ की जानकारी ली। उन्होंने राजस्व सचिव और आपदा राहत आयुक्त रीना बाबासाहेब कंगाले और बस्तर संभाग आयुक्त डोमन सिंह से फोन पर बात कर राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली।
राजस्व सचिव ने मुख्यमंत्री को बताया कि दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर जिले में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा, दरभा और तोकापाल विकासखंडों में प्रशासन लगातार राहत कार्य संचालित कर रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि एसडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रखा जाए और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। उन्होंने संभाग के सभी कलेक्टरों को निचले इलाकों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क करने और सुरक्षित स्थानों पर शीघ्र पहुँचाने के निर्देश दिए।
वहीं, इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बस्तर में भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तुरन्त राहत और बचाव कार्य शुरू करे। ग्रामीणों को हुए नुकसान का आंकलन कर तुरंत मुआवजा वितरित किया जाए।
दूसरी तरफ बाढ़ और उसमें फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के अलावा स्थानीय प्रशासन आपदा प्रबंधन टीम के साथ नुकसान का आंकलन करने में जुटी है। अब तक करोड़ों के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
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