रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साइबर ठगी का एक मामला सामने आया है, जहां शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर संतोष कुमार को साइबर अपराधियों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर अपने जाल में फंसाकर 88 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोपों का डर दिखाकर प्रोफेसर को धमकाया और उनके बैंक खाते से भारी राशि हड़प ली। पुरानी बस्ती पुलिस ने प्रोफेसर की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार साइबर अपराधी अक्सर फर्जी कॉल और वीडियो कॉल के जरिए लोगों को डराकर ठगी कर रहे हैं, और यह मामला भी उसी तरह का है।
Digital Arrest in Raipur
जानकारी के मुताबिक, साइबर ठगों ने प्रोफेसर संतोष कुमार को फोन और व्हाट्सएप कॉल के जरिए निशाना बनाया। ठगों ने खुद को सरकारी एजेंसी या पुलिस अधिकारी बताकर प्रोफेसर को डराया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों में हुआ है। इसके बाद उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ में होने का झूठा डर दिखाकर बैंक खातों से 88 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। प्रोफेसर ने शुरू में रायपुर साइबर पुलिस से संपर्क होने पर भी यह बात छिपाई लेकिन जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने तुरंत पुरानी बस्ती थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और ठगों के बैंक खातों और कॉल डिटेल्स की जांच कर रही है।
हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में बताया कि पिछले 18 महीनों में 107 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रायपुर में विशेष साइबर सेल बनाए गए हैं जो संदिग्ध खातों को फ्रीज करने और ठगों को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स पर भरोसा न करें और तुरंत 1930 पर कॉल कर या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। प्रोफेसर संतोष कुमार के मामले में पुलिस ने कुछ बैंक खातों को ट्रेस किया है और जल्द ही ठगों तक पहुंचने की उम्मीद जताई है।