रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई की कार्रवाईयों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इसके अलावा चैतन्य बघेल की तरफ से एक याचिका लगाई गई है, जिसमें गिरफ्तारी को चैलेंज किया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने शीर्ष न्यायालय के डबल बेंच में एक याचिका लगाई है, जो सीबीआई और ईडी के खिलाफ है। दोनों एजेंसियों के कानूनों के दुरुपयोग को रोकने को लेकर यह याचिका लगाई गई है। इस याचिका के जरिए भूपेश बघेल ने अपील की है कि जब तक इस याचिका पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक उनके खिलाफ इन एजेंसियों को कार्रवाई से रोका जाए।
मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाला बागची की डबल बेंच में याचिका लगाई है। भूपेश बघेल की याचिका के अलावा चैतन्य बघेल ने शराब स्कैम में अपनी गिरफ्तारी को चैलेंज किया है। सोमवार को इस मामले में सुनवाई हो सकती है।
छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। शराब घोटाले से जुड़े अलग-अलग आरोपियों के बयानों के साथ-साथ कुछ दस्तावेजी साक्ष्य ईडी को हाथ लगे हैं, जो इस ओर इशारा करते हैं कि भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की भूमिका इस घोटाले में थे और केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी अहम भूमिका रही है।
आज कोर्ट में चैतन्य की पेशी
चैतन्य बघेल को ईडी ने 22 जुलाई को ईडी कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा था। 4 जुलाई को न्यायिक रिमांड पूरी हो रही है। ऐसे में उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी फिर से जुडिशल रिमांड मांगेगी। बता दें कि 18 अप्रैल को ईडी ने चैतन्य को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई स्थित घर से गिरफ्तार किया था। उसी दिन ईडी ने चैतन्य को कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद 5 दिन की रिमांड पर लिया। 22 अप्रैल को रिमांड के बाद ईडी ने दोबारा कोर्ट में पेश कर चैतन्य के जुडिशल रिमांड मांगी, जिसके बाद जुडिशल रिमांड पर चैतन्य को जेल भेज दिया गया।
यह भी पढ़ें : ED का बड़ा खुलासा, चैतन्य बघेल को घोटाले से मिले 16 करोड़ 70 लाख को रियल स्टेट में किया निवेश