[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
24 साल के लड़के ने ठुकराया 1000 करोड़ का ऑफर, फिर Zuckerberg ने दिया 2000 करोड़ का ऑफर, जानें कौन हैं वो ?
SBI में नौकरी का मौका, आप भी करें अप्‍लाई
फिल्म 120 Bahadur का टीजर हुआ रिलीज, INDIA-CHINA युद्ध में भारतीय सैनिकों की बहादुरी पर बेस्ड
मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर और उनके करीबियों की 40 करोड़ की प्रॉपर्टी ED ने की जब्त
उत्तरकाशी में बादल फटा, सैलाब में बहा पूरा गांव
हसदेव में अब पांच लाख पेड़ काटने की तैयारी!
शुभेंदू अधिकारी के काफिले पर हमला, कार के शीशे तोड़े
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन
Rupee vs Dollar : 88 के करीब पहुंचा रुपया, 6 महीने की सबसे बड़ी गिरावट
राज्यसभा में CISF तैनाती पर तीखी बहस, खरगे ने स्‍पीकर से पूछा – क्या अमित शाह चला रहे हैं सदन?
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

ट्रंप की धमकी के आगे झुकने से इंकार, भारत रूस से खरीदता रहेगा तेल

आवेश तिवारी
Last updated: August 3, 2025 9:52 pm
आवेश तिवारी
Share
SHARE

नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस को आर्थिक मदद देने पर टैरिफ और जुर्माना लगाने की धमकी के बावजूद, भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा। ट्रंप की धमकी का सीधे तौर पर जवाब दिए बिना, एक सूत्र ने समाचार एजेंसी रायटर्स को कहा कि रूस के साथ भारत के समझौते में “दीर्घकालिक अनुबंध” शामिल हैं। सूत्र का कहना था कि “रातोंरात खरीदारी बंद करना इतना आसान नहीं है।”

खबर में खास
ट्रम्प ने क्या धमकी दी?ट्रंप तक पहुंची गलत खबरभारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ताक्या रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाया गया है?

ट्रम्प ने क्या धमकी दी?

बुधवार को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्रुथ सोशल के ज़रिए घोषणा की कि भारत ने “अपने ज़्यादातर सैन्य उपकरण हमेशा रूस से ख़रीदे हैं और रूस का सबसे बड़ा ऊर्जा खरीदार है।”

राष्ट्रपति ने लिखा कि इसके परिणामस्वरूप, भारत को 25 फीसदी टैरिफ़ का सामना करना पड़ेगा, “और इसके लिए जुर्माना भी देना होगा।” ट्रंप की धमकियाँ मास्को को बातचीत की मेज़ पर लाने की एक कोशिश हैं ताकि वह यूक्रेन में युद्ध को ख़त्म कर सकें।

ट्रंप तक पहुंची गलत खबर

शुक्रवार तक, उन्हें लग रहा था कि उनकी चेतावनी काम कर गई है, और उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने सुना है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप ने कहा, “मैं समझता हूँ कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। मैंने यही सुना है। मुझे नहीं पता कि यह सही है या गलत। यह एक अच्छा कदम है। देखते हैं क्या होता है।”

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता

समाचार एजेंसी एएनआई से सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि देश रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा, और कहा कि उसके खरीद निर्णय “कीमत, कच्चे तेल की श्रेणी, भंडार, रसद और अन्य आर्थिक कारकों द्वारा निर्देशित होते हैं।” भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है।

शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा , “हम देखते हैं कि बाजारों में क्या उपलब्ध है, क्या पेशकश की जा रही है, और साथ ही मौजूदा वैश्विक स्थिति या परिस्थितियां क्या हैं,” उन्होंने कहा कि उनके देश और रूस के बीच “स्थिर और समय-परीक्षित साझेदारी” है।

क्या रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाया गया है?

एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि न तो अमेरिका और न ही यूरोपीय संघ ने कभी रूस के कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाए हैं। दोनों ही मानते हैं कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादक रूस से तेल निर्यात बंद करने से विश्व अर्थव्यवस्थाएँ चरमरा सकती हैं।

इसके बजाय, जी-7 देशों और यूरोपीय संघ ने रूसी तेल की कीमतों पर सीमा लगा दी ताकि उसकी आय सीमित हो सके। रॉयटर्स के अनुसार, भारत रूस की कुल तेल आपूर्ति का 35 फीसदी से ज़्यादा हिस्सा खरीदता है।*राष्ट्रहित में तेल आयात*सूत्रों ने कहा कि रूसी तेल का आयात जारी रखने का भारत का निर्णय न केवल राष्ट्रीय हित में है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।

सूत्रों ने कहा, “अगर भारत ने ओपेक+ द्वारा 5.86 एमबी/डी (प्रति दिन मिलियन बैरल) के उत्पादन में कटौती के साथ रियायती रूसी कच्चे तेल को नहीं खरीदा होता, तो वैश्विक तेल की कीमतें मार्च 2022 के 137 अमेरिकी डॉलर/बीबीएल (प्रति बैरल) के शिखर से काफी आगे बढ़ सकती थीं, जिससे दुनिया भर में मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ जाता।”

TAGGED:India Russia oil dealTop_Newstrump tariff
Previous Article chhattisgarh nuns arrest Immune from political scrutiny
Next Article सेवा की मिसाल, 115 साल पुराना DHAMTARI CHRISTIAN HOSPITAL अब निशाने पर क्यों ?

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

लालू यादव ने बेटे तेजप्रताप को पार्टी से निकाला बाहर, महिला मित्र के साथ शेयर की थी फोटो

द लेंस डेस्क। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू…

By Lens News Network

बोस्‍टन में राहुल ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल, इधर बीजेपी तिलमिलाई

Rahul Gandhi in Boston : नई दिल्‍ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष…

By The Lens Desk

और अब “आनंद” नहीं आएगा

दिल्ली इतफाक की आबादी है, यह बार-बार अपने लुटने और बसने की बस्ती है। परोक्ष…

By चंचल

You Might Also Like

NEET UG COUNSELLING 2025
देश

NEET UG COUNSELLING 2025 : जल्द शुरू होगी काउंसलिंग, जानें टॉप मेडिकल कॉलेज

By पूनम ऋतु सेन
MONSOON ALERT
देश

उत्तर भारत में मानसून की मार, हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ से भारी तबाही, 51 लोगों की गयी जान

By पूनम ऋतु सेन
WMO warning
दुनिया

2029 तक 1.9 डिग्री से. तक बढ़ सकता है धरती का तापमान, डब्लूएमओ की चेतावनी  

By अरुण पांडेय
Controversial post
छत्तीसगढ़

आपरेशन सिंदूर पर महिला का विवादित पोस्ट, पुलिस ने किया गिरफ्तार

By नितिन मिश्रा
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?