[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
तो क्‍या डूबने वाला है शेयर बाजार ! अब क्‍या करें?
एमपी सरकार ने गेहूं-धान की सरकारी खरीदी से हाथ खींचे, किसानों में मचा हड़कंप
जिस दवा के उपयोग से डॉक्टरों ने सालभर पहले किया था इंकार, उस पर अब CGMSC ने लगाई रोक
नक्सल संगठन ने माओवादी कमलू पुनेम को बताया ‘अवसरवादी’ और ‘डरपोक’, कहा – पार्टी के 2 लाख लेकर भागा
स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ मुद्दे उछालने वाले पूर्व भाजपा नेता के विरुद्ध समर्थक पहुंचे अदालत
तारीख पर तारीख, उमर खालिद और शरजील के हिस्से में आज भी जेल की छत
शीत कालीन सत्र के पहले दिन पुराने विधानसभा भवन में ‘विदाई सत्र’, फिर बाकी 6 दिन नए भवन में चलेगा पूरा सत्र
पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे की जमानत पर हाईकोर्ट में याचिका, ED को नोटिस, अगली सुनवाई 18 नवंबर को
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने धर्मांतरण रोकने वाले होर्डिंग्स हटाने से किया इंकार, पादरियों के गांव प्रवेश बैन पर PIL खारिज
मंत्री नेताम ने कहा- …तुम्हारा खून बहुत फड़फड़ा रहा है, रक्तदाता युवक को लगा बुरा, वापस कर दिया प्रशस्ति पत्र
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

सेवा की मिसाल, 115 साल पुराना DHAMTARI CHRISTIAN HOSPITAL अब निशाने पर क्यों ?

पूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
Follow:
Published: August 3, 2025 11:00 AM
Last updated: August 4, 2025 12:50 PM
Share
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

आज मैं निकल चली हूं अपनी कर्मभूमि से अपनी जन्मभूमि की ओर, इसलिए नहीं की मुझे इस जगह की याद आ रही है, बल्कि इसलिए कि इस वक्त इस जगह सबकुछ सही नहीं है, और बतौर जर्नलिस्ट इसपर बात किया जाना और आप तक पहुंचाना बेहद जरूरी है.

खबर में खास
DCH : इंसानियत और हौसले की मिसालInfluenza महामारी से लेकर कोविड जंग तककैसे पहुंचा हिंदू संगठनों के निशाने पर अस्पताल?अस्पताल का जवाबछत्तीसगढ़ में निशाने पर ईसाई समुदायअस्पताल का विरोध ! क्या गुंडागर्दी ही है एकमात्र रास्ता ?

DCH : इंसानियत और हौसले की मिसाल

साल 1910, जब छत्तीसगढ़ के घने जंगलों और आदिवासी इलाकों में अस्पताल का नामोनिशान तक नहीं था तब धमतरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल DHAMTARI CHRISTIAN HOSPITAL ने एक छोटे से कमरे से अपनी शुरुआत की। मिशनरी संस्थाओं के जुनून और लोगों की जान बचाने के सपने ने इसे जन्म दिया। आज यह धमतरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल ट्रस्ट के तहत चलता है और रोज़ाना औसतन 300 मरीजों को न सिर्फ़ स्थानीय बल्कि दूर-दराज़ के इलाकों से इलाज के लिए अपनी शरण देता है।

हॉस्पिटल में दूरदराज के इलाकों से इलाज कराने आए मरीज

कल्पना कीजिए, उस दौर में जब न बिजली थी, न सड़कें। बैलगाड़ियों पर लोग सैकड़ों किलोमीटर का रास्ता तय करके यहां इलाज के लिए आते थे। नागपुर से भुवनेश्वर तक, करीब 1000 किलोमीटर के दायरे में ये इकलौता अस्पताल था जहां सर्जरी की सुविधा उपलब्ध थी। 1910 का वो भीषण अकाल, भुखमरी, गरीबी और लेप्रोसी जैसी बीमारियों का कहर, इस अस्पताल ने हर मुश्किल में लोगों का सहारा बनकर राहत पहुंचाई।

पुरानी तस्वीरें, बैलगाड़ी से इलाज कराने पहुंचे मरीज

Influenza महामारी से लेकर कोविड जंग तक

1918-1920 के Influenza महामारी से लेकर 2021 की COVID जंग तक, DCH ने हर कदम पर लोगों का साथ दिया। मातृ-शिशु स्वास्थ्य, संक्रामक रोग, आपातकालीन सेवाएँ, इसने हर मोर्चे पर जिंदगियां बचाईं। एक कमरे से शुरू हुआ यह अस्पताल आज 250 बेड का मज़बूत ढांचा बन चुका है, जो आयुष एंड हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी ऑफ छत्तीसगढ़ से संबद्ध है। 1950 के दशक में यहाँ के मेडिकल स्टाफ को लुधियाना मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता था ताकि वे और बेहतर तरीके से लोगों की सेवा कर सकें। यहां कार्यरत कुछ डॉक्टर पिछले 30 सालों से और कुछ स्टाफ 15-20 सालों से सेवा दे रहे हैं, जिन्होंने सेवा भाव के साथ मरीजों का इलाज किया।

अस्पताल की खासियतें भी ध्यान खींचती हैं, स्वच्छता, स्टाफ का समर्पण और सबसे खास बात, यहाँ इलाज के रेट पहले ही साफ-साफ लिखे होते हैं। आमतौर पर निजी अस्पतालों में बिल थमा दिया जाता है, लेकिन यहाँ पारदर्शिता और अन्य अस्पतालों की तुलना में कम दरों पर इलाज उपलब्ध है।

मरीजों की प्रतिक्रियाएं

कैसे पहुंचा हिंदू संगठनों के निशाने पर अस्पताल?

इतनी शानदार विरासत के बावजूद, पिछले कुछ महीनों से धमतरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों के निशाने पर है। इन संगठनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरती जा रही है, हिंदू मरीजों के साथ भेदभाव हो रहा है और यहां संचालित नर्सिंग कॉलेज में हिंदू छात्रों को अपने धार्मिक रीति-रिवाज़ों का पालन करने की आजादी नहीं दी जा रही। इन आरोपों के आधार पर 28 जून को अस्पताल के मुख्य द्वार पर करीब साढ़े तीन घंटे तक उग्र प्रदर्शन हुआ।

28 जून को हॉस्पिटल परिसर के सामने प्रदर्शन

प्रदर्शन के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने चैनल गेट के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया, अस्पताल के गेट पर लिखा “क्रिश्चियन” शब्द मिटा दिया, छत पर चढ़कर संगठन के झंडे बांधे और स्ट्रेचर, व्हीलचेयर व सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। अस्पताल परिसर को गोबर से लिपा गया और एम्बुलेंस सूचना बोर्ड को उखाड़ फेंका गया। इस हंगामे में कुछ महिला पुलिसकर्मी दब गईं और कई लोग घायल हुए।

3.30 घंटे प्रभावित रही आपातकालीन सेवाएं

अस्पताल का जवाब

जब द लेंस ने मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. संदीप पटोंदा से बात की तो उन्होंने इन आरोपों को निराधार बताया। एक चर्चित मामले में जिसे लेकर आरोप लगाए गए थे, उस मामले में मरीज के रिश्तेदार ने स्वयं मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) से अपनी शिकायत वापस ले ली। डॉ. पटोंदा ने बताया कि अस्पताल अपने ध्येय वाक्य ‘To serve, not to be served यानी सेवा करना, सेवा कराना नहीं’ ध्येय वाक्य के अनुरूप कार्य कर रहा है। मरीजों और उनके परिजनों ने भी अस्पताल की स्वच्छता, स्टाफ के समर्पण और किफायती इलाज की तारीफ की। इस घटना के बाद, धमतरी जिले के सर्व आदिवासी समाज ने अस्पताल की मानवता आधारित सेवाओं के समर्थन में रैली निकाली और सामुदायिक आरोपों का विरोध किया।

मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. संदीप पटोंदा से बातचीत

छत्तीसगढ़ में निशाने पर ईसाई समुदाय

धमतरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल का यह विवाद कोई अकेली घटना नहीं है। हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। रायपुर में प्रशासन ने 100 साल पुरानी ईसाई समुदाय की जमीन को लीज खत्म होने का हवाला देकर वापस ले लिया। दुर्ग में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी का मुद्दा छत्तीसगढ़ से संसद तक गूंजा । कांकेर में एक ईसाई धर्म अपनाने वाले व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर भी विवाद हुआ। इनमें से अधिकांश मामलों में बजरंग दल प्रत्यक्ष रूप से शामिल रहा।

रेट चार्ट और सुविधाओं का जिक्र अस्पताल परिसर में

अस्पताल का विरोध ! क्या गुंडागर्दी ही है एकमात्र रास्ता ?

पत्रकारों और आम जनता से बातचीत

इतना सब देखने और सुनने के बाद, मेरे मन में बार-बार यही सवाल उठता है आखिर इतने बेहतरीन अस्पताल का विरोध क्यों? क्या सिर्फ इसलिए कि इसके नाम में “क्रिश्चियन” शब्द जुड़ा है? अगर इतने गंभीर आरोप हैं, तो क्या कानूनी रास्ता अपनाने की बजाय गुंडागर्दी और तोड़फोड़ जायज़ है? उस दिन विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल के साइनबोर्ड से “क्रिश्चियन” शब्द को पत्थर से घिसकर मिटाने की कोशिश की। यह दाग आज भी अस्पताल के नाम पर नज़र आता है, जिसे एक महीने बाद भी ठीक नहीं किया गया। यह नेमप्लेट आज देश की धर्मनिरपेक्ष और बहुलतावादी संस्कृति पर एक हमले की तरह दिखती है।

एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (Association of Healthcare Providers India AHPI) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। द लेंस ने स्थानीय पत्रकारों और आम लोगों से भी इस मुद्दे पर बात की, जिन्होंने इस विवाद को गलत ठहराया।

AHPI के स्टेट हेड डॉ राकेश गुप्ता ने प्रदर्शन की निंदा

धमतरी क्रिश्चियन हॉस्पिटल सिर्फ़ एक अस्पताल नहीं, बल्कि हौसले, हिम्मत और इंसानियत की मिसाल है, जो 115 सालों से लोगों की जिंदगियों को रोशन कर रहा है। इस कहानी को आप तक पहुंचाने में मेरा मकसद भावनात्मक जुड़ाव से ज़्यादा सच्चाई को सामने लाना था। इस रिपोर्ट को आप यूट्यूब के इस वीडियो में देख सकतें हैं और अपने विचार या प्रतिक्रियाएं कमेंट्स के ज़रिए हम तक पहुंचा सकतें हैं।

TAGGED:bajrang dalchristain chhattisgarhDHAMTARI CHRISTIAN HOSPITALLatest_Newsvhpvishwa hindu parishad
Byपूनम ऋतु सेन
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article ट्रंप की धमकी के आगे झुकने से इंकार, भारत रूस से खरीदता रहेगा तेल
Next Article leopard attack भैंसों से संघर्ष में तेंदुए की मौत, तीन लोगों को कर चुका था घायल
Lens poster

Popular Posts

शुभमन गिल बने भारत के नए टेस्ट कप्तान, इंग्लैंड दौरे से शुरू होगी नई पारी

द लेंस डेस्क । shubman gill: भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत हो…

By Amandeep Singh

प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर युवा कांग्रेस ने राजधानी में तला पकौड़ा, इस दिन को बताया बेरोजगारी दिवस

रायपुर। प्रदेशभर में युवा कांग्रेस (Youth Congress) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को राष्ट्रीय…

By दानिश अनवर

अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों को कहा – ‘पाकिस्तानियों को घर भेजें’, पीड़ितों से की मुलाकात के राहुल गांधी ने कहा – ‘आतंकी कुछ भी कर लें, हम उन्‍हें हरा देंगे’

लेंस नेशनल ब्‍यूरो। श्रीनगर गृह मंत्री अमित शाह ने आज शुक्रवार दोपहर को सभी मुख्यमंत्रियों…

By Lens News Network

You Might Also Like

Justice Gavai
देश

“संविधान सिर्फ एक शासकीय दस्तावेज नहीं”, CJI गवई ने ऐसा क्‍यों कहा ?

By Lens News Network
Balochistan military convoy attacked
दुनिया

बलोच विद्रोहियों का सैन्‍य काफिले पर हमला, छह पाकिस्तानी सैनिकों की मौत

By The Lens Desk
लेंस रिपोर्ट

सभी 10 महापौर भाजपा के, कांग्रेस का नहीं खुला खाता, बिलासपुर की सबसे बड़ी नगर पालिका में आप ने दर्ज की जीत तो पामगढ़ में बसपा का किला बरकरार

By The Lens Desk
छत्तीसगढ़

शराब घोटाला: कारोबारी विजय भाटिया गिरफ्तार, दुर्ग– भिलाई में EOW ने 8 ठिकानों पर मारा छापा, कोर्ट में किया गया पेश

By नितिन मिश्रा

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?