[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
VIT विश्वविद्यालय के प्रोफेसर का शव कमरे में मिला, प्रबंधन के खिलाफ पहले ही गुस्से में थे छात्र
सचिन पायलट के सामने क्यों भिड़ गए कांग्रेसी?
भारत करेगा Commonwealth Games-2030 की मेजबानी, 20 साल बाद फिर मिला मौका
रेल कॉरीडोर : पुरानी लाइनों के वादों को भूल सरकार का खनिज परिवहन पर जोर
लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने खुद बताया कहां हैं वो, तलाश में यूपी पुलिस की दो टीमें
दिल के अंदर घुसी गोली,अम्बेडकर अस्पताल की टीम ने सफलतापूर्वक निकाला
SIR में मसौदा सूचियों के प्रकाशन का समय बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट सहमत
स्मृति मंधाना-पलाश मुच्छल की शादी टली, पिता की तबीयत सुधरी, अफवाहों के बीच जानिए क्या है पूरा मामला?
CJI ने कहा- दिल्ली की खराब हवा में मेरा टहलना मुश्किल
कॉमेडियन कुणाल कामरा फिर विवादों में, इस बार टी-शर्ट बनी वजह
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

हिन्दी विरोध के बहाने

Editorial Board
Editorial Board
Published: July 5, 2025 8:59 PM
Last updated: July 5, 2025 8:59 PM
Share
uddhav raj thackeray
SHARE

शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई तथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने बीस साल बाद न केवल मंच साझा किया है, बल्कि यह संकेत भी दिए हैं कि वे एक साथ राजनीतिक गठजोड़ करने को तैयार हैं। यह रैली वैसे तो महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा त्रिभाषा फार्मूले के तहत पहली से पांचवी कक्षा तक तीसरी भाषा के रूप में हिन्दी पढ़ाने के आदेश को वापस लेने के फैसले के कारण हुई, जिसे ठाकरे बंधु अपनी जीत बता रहे हैं, लेकिन इसके पीछे की सियासत भी एकदम साफ है। दोनों भाइयों ने हिन्दी थोपे जाने का विरोध किया और भाजपा पर तीखे हमले किए हैं। वास्तव में शिवसेना का जन्म ही भाषायी विरोध को लेकर हुआ था। बाल ठाकरे ने 1966 में दक्षिण भारतीयों के खिलाफ अभियान छेड़ा था जो 1980 के दशक के आते आते हिन्दी और उत्तर भारतीयों के विरोध तक जा पहुंचा। लेकिन उद्धव ठाकरे ने जब शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाअघाड़ी का हिस्सा बनाने का फैसला लिया, तो हिन्दी विरोध की धार भोथरी पड़ गई। दूसरी ओर राज ठाकरे मनसे के जरिये हिन्दी विरोध की खुली राजनीति करते रहे। वास्तव में शिवसेना के विभाजन और एकनाथ शिंदे के पास आधिकारिक पार्टी के चले जाने के बाद उद्धव का धड़ा कमजोर ही हुआ है। बची-खुची कसर पिछले विधानसभा चुनाव में पूरी हो गई। दूसरी ओर राज ठाकरे की मनसे न तो लोकसभा चुनाव में कुछ खास कर पाई न विधानसभा चुनावों में। वास्तव में महाअघाड़ी में शामिल होने के बाद उद्धव की राजनीति एकदम बदल चुकी है और इसका असर उनके भाषण में दिखा जिसमें उन्होंने भाजपा और मोदी सरकार पर तो तीखे हमले किए ही, उद्योगपति गौतम अडानी पर भी को भी नहीं बख्शा जिन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर निशाना बनाते रहते हैं। दूसरी ओर राज ठाकरे ने मराठी अस्मिता को लेकर उसी अंदाज में भाषण दिया जिसके लिए वह जाने जाते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि उद्धव और राज गले तो मिल लिए हैं, लेकिन क्या उनके विचार भी मिल रहे हैं? वैसे उनकी पहली परीक्षा कुछ महीने बाद होने वाले बीएमसी (बृहनमुंबई महानगरपालिका) के चुनाव में हो जाएगी? और तब शायद यह भी पता चलेगा कि क्या वे बाल ठाकरे की विरासत को दोबारा हासिल कर पाते हैं?

TAGGED:EditorialMNSRaj ThackerayUBTUddhav Thackeray
Previous Article रायपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज, छात्रा ने लगाए हैरासमेंट, छेड़छाड़ और मानसिक प्रताड़ना के आरोप
Next Article ONE BIG BEAUTIFUL BILL Undoing 80 years of progress
Lens poster

Popular Posts

पहलगाम के हीरो नजाकत अली का छत्तीसगढ़ में जोरदार स्वागत, लोगों ने कहा – ‘मानवता का नायक’

रायपुर। 6 महीने पहले इंसानियत को झकझोर देने वाले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए…

By दानिश अनवर

जरूरत रोजगार पैदा करने की है

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को देश भर के 47 शहरों में हुए रोजगार मेलों में…

By Editorial Board

ASIA CUP 2025: UAE में 9 से 28 सितंबर तक होगा टी-20 टूर्नामेंट, भारत-पाक तनाव के कारण न्यूट्रल वेन्यू तय

द लेंस डेस्क। क्रिकेट प्रेमियों के लिए बड़ी खबर सामने आयी है, ASIA CUP 2025…

By पूनम ऋतु सेन

You Might Also Like

Protest against NMDC
लेंस संपादकीय

एनएमडीसी के दरवाजों पर जायज नारे

By Editorial Board
BJP internal politics
लेंस संपादकीय

भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष कब तक ?

By Editorial Board
Reality reckons Trump
English

Reality reckons Trump

By Editorial Board
अन्‍य राज्‍य

संजय राउत के दावे से सियासी हलचल : संघ मुख्यालय रिटायरमेंट का आवेदन लिखने गए थे मोदी

By अरुण पांडेय

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?