[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
तालिबानी विदेश मंत्री के दौरे को लेकर संभल सांसद बर्क ने CM योगी से पूछे सवाल
ऑनलाइन सट्टेबाजी में कांग्रेस विधायक पर शिकंजा, 150 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त
सबरीमाला सोना गबन मामला: मंदिर के नौ अधिकारियों पर कार्रवाई
डिप्टी एसपी की पत्‍नी के भाई को पीट पीटकर मार डाला
मस्जिद में घुसकर मौलाना की पत्नी और दो मासूम बेटियों की दिनदहाड़े हत्या, तालिबानी विदेश मंत्री से मिलने गए थे मौलाना
तेजस्वी के खिलाफ लड़ सकते हैं पीके, खुला चैलेंज
तालिबान की प्रेस कॉन्‍फेंस से भारत सरकार ने झाड़ा पल्‍ला, महिला पत्रकारों की एंट्री बैन पर मचा हंगामा
68 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी मामले में अनिल अंबानी के सहयोगी पर शिकंजा
टीवी डिबेट के दौरान वाल्मीकि पर टिप्पणी को लेकर पत्रकार अंजना ओम कश्यप और अरुण पुरी पर मुकदमा
बिहार चुनाव में नामांकन शुरू लेकिन महागठबंधन और NDA में सीट बंटवारे पर घमासान जारी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

हिन्दी विरोध के बहाने

Editorial Board
Last updated: July 5, 2025 8:59 pm
Editorial Board
Share
uddhav raj thackeray
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई तथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने बीस साल बाद न केवल मंच साझा किया है, बल्कि यह संकेत भी दिए हैं कि वे एक साथ राजनीतिक गठजोड़ करने को तैयार हैं। यह रैली वैसे तो महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा त्रिभाषा फार्मूले के तहत पहली से पांचवी कक्षा तक तीसरी भाषा के रूप में हिन्दी पढ़ाने के आदेश को वापस लेने के फैसले के कारण हुई, जिसे ठाकरे बंधु अपनी जीत बता रहे हैं, लेकिन इसके पीछे की सियासत भी एकदम साफ है। दोनों भाइयों ने हिन्दी थोपे जाने का विरोध किया और भाजपा पर तीखे हमले किए हैं। वास्तव में शिवसेना का जन्म ही भाषायी विरोध को लेकर हुआ था। बाल ठाकरे ने 1966 में दक्षिण भारतीयों के खिलाफ अभियान छेड़ा था जो 1980 के दशक के आते आते हिन्दी और उत्तर भारतीयों के विरोध तक जा पहुंचा। लेकिन उद्धव ठाकरे ने जब शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाअघाड़ी का हिस्सा बनाने का फैसला लिया, तो हिन्दी विरोध की धार भोथरी पड़ गई। दूसरी ओर राज ठाकरे मनसे के जरिये हिन्दी विरोध की खुली राजनीति करते रहे। वास्तव में शिवसेना के विभाजन और एकनाथ शिंदे के पास आधिकारिक पार्टी के चले जाने के बाद उद्धव का धड़ा कमजोर ही हुआ है। बची-खुची कसर पिछले विधानसभा चुनाव में पूरी हो गई। दूसरी ओर राज ठाकरे की मनसे न तो लोकसभा चुनाव में कुछ खास कर पाई न विधानसभा चुनावों में। वास्तव में महाअघाड़ी में शामिल होने के बाद उद्धव की राजनीति एकदम बदल चुकी है और इसका असर उनके भाषण में दिखा जिसमें उन्होंने भाजपा और मोदी सरकार पर तो तीखे हमले किए ही, उद्योगपति गौतम अडानी पर भी को भी नहीं बख्शा जिन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर निशाना बनाते रहते हैं। दूसरी ओर राज ठाकरे ने मराठी अस्मिता को लेकर उसी अंदाज में भाषण दिया जिसके लिए वह जाने जाते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि उद्धव और राज गले तो मिल लिए हैं, लेकिन क्या उनके विचार भी मिल रहे हैं? वैसे उनकी पहली परीक्षा कुछ महीने बाद होने वाले बीएमसी (बृहनमुंबई महानगरपालिका) के चुनाव में हो जाएगी? और तब शायद यह भी पता चलेगा कि क्या वे बाल ठाकरे की विरासत को दोबारा हासिल कर पाते हैं?

TAGGED:EditorialMNSRaj ThackerayUBTUddhav Thackeray
Previous Article रायपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज, छात्रा ने लगाए हैरासमेंट, छेड़छाड़ और मानसिक प्रताड़ना के आरोप
Next Article ONE BIG BEAUTIFUL BILL Undoing 80 years of progress
Lens poster

Popular Posts

छत्तीसगढ़ के 28 जजों का प्रमोशन और तबादला

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जजों का बड़ी संख्या में तबादला और प्रमोशन किया गया है। 28…

By दानिश अनवर

120 बहादुर से जुड़ी कौन सी बात ने फरहान अख्तर को किया प्रेरित, एक्टर ने खुद किया खुलासा

120 BAHADUR : एक्सेल एंटरटेनमेंट और ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज़ ने अपनी फरहान अख्तर स्टारर फिल्म…

By पूनम ऋतु सेन

अमृतसर में जहरीली शराब का कहर: 23 की मौत, 9 गिरफ्तार, 4 अधिकारी सस्पेंड

द लेंस डेस्क। पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब (poisonous liquor)…

By Lens News

You Might Also Like

Jobs in danger due to AI
English

Reimagining our collective future

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

पूंजीगत व्यय का भार किस पर?

By The Lens Desk
karnataka farmers protest
लेंस संपादकीय

शांतिपूर्ण आंदोलन की जीत

By Editorial Board
English

Balochistan in boil again

By The Lens Desk

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?