शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई तथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने बीस साल बाद न केवल मंच साझा किया है, बल्कि यह संकेत भी दिए हैं कि वे एक साथ राजनीतिक गठजोड़ करने को तैयार हैं। यह रैली वैसे तो महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा त्रिभाषा फार्मूले के तहत पहली से पांचवी कक्षा तक तीसरी भाषा के रूप में हिन्दी पढ़ाने के आदेश को वापस लेने के फैसले के कारण हुई, जिसे ठाकरे बंधु अपनी जीत बता रहे हैं, लेकिन इसके पीछे की सियासत भी एकदम साफ है। दोनों भाइयों ने हिन्दी थोपे जाने का विरोध किया और भाजपा पर तीखे हमले किए हैं। वास्तव में शिवसेना का जन्म ही भाषायी विरोध को लेकर हुआ था। बाल ठाकरे ने 1966 में दक्षिण भारतीयों के खिलाफ अभियान छेड़ा था जो 1980 के दशक के आते आते हिन्दी और उत्तर भारतीयों के विरोध तक जा पहुंचा। लेकिन उद्धव ठाकरे ने जब शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाअघाड़ी का हिस्सा बनाने का फैसला लिया, तो हिन्दी विरोध की धार भोथरी पड़ गई। दूसरी ओर राज ठाकरे मनसे के जरिये हिन्दी विरोध की खुली राजनीति करते रहे। वास्तव में शिवसेना के विभाजन और एकनाथ शिंदे के पास आधिकारिक पार्टी के चले जाने के बाद उद्धव का धड़ा कमजोर ही हुआ है। बची-खुची कसर पिछले विधानसभा चुनाव में पूरी हो गई। दूसरी ओर राज ठाकरे की मनसे न तो लोकसभा चुनाव में कुछ खास कर पाई न विधानसभा चुनावों में। वास्तव में महाअघाड़ी में शामिल होने के बाद उद्धव की राजनीति एकदम बदल चुकी है और इसका असर उनके भाषण में दिखा जिसमें उन्होंने भाजपा और मोदी सरकार पर तो तीखे हमले किए ही, उद्योगपति गौतम अडानी पर भी को भी नहीं बख्शा जिन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर निशाना बनाते रहते हैं। दूसरी ओर राज ठाकरे ने मराठी अस्मिता को लेकर उसी अंदाज में भाषण दिया जिसके लिए वह जाने जाते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि उद्धव और राज गले तो मिल लिए हैं, लेकिन क्या उनके विचार भी मिल रहे हैं? वैसे उनकी पहली परीक्षा कुछ महीने बाद होने वाले बीएमसी (बृहनमुंबई महानगरपालिका) के चुनाव में हो जाएगी? और तब शायद यह भी पता चलेगा कि क्या वे बाल ठाकरे की विरासत को दोबारा हासिल कर पाते हैं?
हिन्दी विरोध के बहाने

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!
Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
Popular Posts
नेतन्याहू का दावा- हमास चीफ को मार गिराया, उधर गजा ने कहा- हो गया युद्ध विराम
द लेंस डेस्क। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को दावा किया कि इजरायली…
गिनती से सामने आ सकता है नया जातीय इतिहास
राज्य का आधार संख्या है। संख्या के बिना उसका काम नहीं चलता है। कोई चीज…
ट्रंप ने एप्पल सीईओ से कहा- छोड़ो भारत, अमेरिका आओ
द लेंस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में एप्पल की उत्पादक इकाइयों को…