द लेंस डेस्क।Sheikh Hasina sentenced : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत की अवमानना के एक मामले में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। बांग्लादेश की मीडिया खबरों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने यह सजा सुनाई और फैसला आईसीटी-1 की तीन सदस्यीय पीठ ने दिया।
ढाका ट्रिब्यून अखबार की खबर के मुताबिक इसी फैसले में छात्र लीग के नेता शकील अकंद बुलबुल को दो महीने की जेल की सजा दी गई। आपको बता दें कि शेख हसीना इस वक्त भारत में शरण लिए हुए हैं। यह पहला मौका है जब अवामी लीग की इस पूर्व नेता को पिछले 11 महीनों में पद छोड़ने और देश छोड़कर भागने के बाद किसी मामले में सजा सुनाई गई है। 1 जुलाई को शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध करने के आरोपों से इनकार किया। उन पर अभियोजन पक्ष ने पांच आरोप लगाए थे, जिनमें सहायता, उकसावा, सहभागिता, सुविधा प्रदान करना और सामूहिक हत्या को रोकने में विफलता शामिल है, जो बांग्लादेशी कानून के तहत मानवता के खिलाफ अपराध माने जाते हैं।
किन मामलों में हुई सजा
23 वर्षीय छात्र प्रदर्शनकारी अबू सईद की हत्या, ढाका के चांखरपूल क्षेत्र में छह अन्य लोगों की हत्या और राजधानी के एक अन्य उपनगर अशुलिया में छह लोगों की हत्या और उनके शवों को जलाने के मामले में शेख हसीना को सजा सुनाई गई।
लंदन से जारी एक बयान में, उनकी प्रतिबंधित अवामी लीग ने इसे “प्रदर्शनकारी मुकदमा” करार दिया और कहा कि आरोपित “इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं।” संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले साल जुलाई और अगस्त के बीच करीब 1,400 लोग मारे गए थे, जब हसीना सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए प्रदर्शनकारियों पर दमनकारी कार्रवाई का आदेश दिया था।
हसीना अगस्त में छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के चरम पर भारत भाग गई थीं और ढाका लौटने के आदेशों की अवहेलना की, जहां 1 जून को उनकी अनुपस्थिति में मुकदमे की शुरुआत हुई।