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Home » लेंस अभिमत : आश्वासन नहीं चिकित्सा शिक्षा के अमले को कसना होगा

छत्तीसगढ़

लेंस अभिमत : आश्वासन नहीं चिकित्सा शिक्षा के अमले को कसना होगा

Danish Anwar
Last updated: July 2, 2025 3:31 am
Danish Anwar - Journalist
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Lens Abhimat
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दानिश अनवर

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंगलवार को बड़ी सहृदयता दिखाई। वे रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सभागृह में थे। उनके कार्यक्रम के दौरान मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने जम कर नारेबाजी की। वे नारे लगा रहे थे – हमारी मांगे पूरी करो! वी वांट हॉस्टल! उन्हें हॉस्टल चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इन विद्यार्थियों को आश्वासन भी दिया। लेकिन, मुद्दा है सरकारी चिकित्सा शिक्षा का हाल।

आमतौर पर किसी विद्यार्थी की पहली पसंद अंबेडकर अस्पताल जैसा सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय होता है। जिन विद्यार्थियों को सरकारी कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाता और जिनके पालक सक्षम, संपन्न होते हैं, उनके बच्चे निजी मेडिकल कालेजों का रुख करते हैं। निजी तो फिर निजी होते हैं। पैसा दो और सुविधाएं हासिल करो। लेकिन, सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों को सुविधाओं के लिए अंततः सरकार पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

इस तस्वीर को देखिए।

गर्ल्स हॉस्टल का हाल

मंगलवार के कार्यक्रम के बाद कुछ विद्यार्थियों ने गोपनीयता की शर्त पर thelens.in को ये तस्वीरें भेजी हैं। ये गर्ल्स हॉस्टल की तस्वीरें हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि डॉक्टर बनने का सपना लेकर एक लड़की जब ऐसे किसी हॉस्टल में दाखिल होती है, तब शायद उसे अंदाज होता होगा कि उसका संघर्ष क्या है ?

एक बच्ची के पिता ने हॉस्टल की इन तस्वीरों से इतर हॉस्टल की व्यवस्थाओं की भी जो जानकारी दी, वो भी असहज करती हैं।

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के नए भवन का निर्माण भी दो साल से चल रहा है। दो वर्षों में बस ढांचा खड़ा हुआ है और काम रुका पड़ा है।

इसकी भी तस्वीर देखिए।

मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन हॉस्टल का ढांचा

दरअसल, ये एक ऐसा प्रश्न है जो किसी मुख्यमंत्री के किसी एक कॉलेज के नारेबाजी कर रहे विद्यार्थियों को आश्वासन देने से हल नहीं होगा।

इसके लिए मुख्यमंत्री को चिकित्सा शिक्षा के पूरे अमले को कसना होगा और पूछना होगा कि उनकी मौजूदगी में नारेबाजी की नौबत क्यों आई ? पूछना होगा कि दो–दो साल से भवन निर्माण का काम क्यों रुका पड़ा है? मुख्यमंत्री को अपने अमले से समझना यह होगा कि क्या दड़बे जैसी इन व्यवस्थाओं में रह कर बेटियां अपने सपने पूरे करेंगी ?

मुख्यमंत्री के सामने हुई नारेबाजी की घटना सामान्य नहीं है। इस घटना ने उस गुलाबी तस्वीर को चीर दिया जो अधिकारी मुख्यमंत्री के सामने पेश करना चाहते थे।

इस मामले में पहली जरूरत तो यह सुनिश्चित करने की है कि नारेबाजी में शामिल एक भी विद्यार्थी किसी भी तरह की प्रताड़ना का शिकार ना हो। इसके बाद सबसे जरूरी काम यह है कि विद्यार्थियों की मांगों के प्रति जो सहृदयता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिखाई है, उसी के अनुरूप विद्यार्थियों की आवासीय तथा अन्य सुविधाओं की समीक्षा की जाए और जरूरी कदम उठाए जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस काम में बजट की कमी आड़े ना आए क्योंकि जिन विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री के सामने नारे लगाने का हौसला दिखाया है, उनके हौसलों को परीक्षा में फेल करने की धमकियां दे कर पस्त करना मुश्किल होगा।

TAGGED:ChhattisgarhCM VISHNU DEO SAILatest_NewsLens AbhimatPt JNM Medical College Raipur
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ByDanish Anwar
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दानिश अनवर, द लेंस में जर्नलिस्‍ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 13 वर्षों का अनुभव है। 2022 से दैनिक भास्‍कर में इन्‍वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग टीम में सीनियर रिपोर्टर के तौर पर काम किया है। इस दौरान स्‍पेशल इन्‍वेस्टिगेशन खबरें लिखीं। दैनिक भास्‍कर से पहले नवभारत, नईदुनिया, पत्रिका अखबार में 10 साल काम किया। इन सभी अखबारों में दानिश अनवर ने विभिन्न विषयों जैसे- क्राइम, पॉलिटिकल, एजुकेशन, स्‍पोर्ट्स, कल्‍चरल और स्‍पेशल इन्‍वेस्टिगेशन स्‍टोरीज कवर की हैं। दानिश को प्रिंट का अच्‍छा अनुभव है। वह सेंट्रल इंडिया के कई शहरों में काम कर चुके हैं।
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