रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भारतमाला हाईवे प्रोजेक्ट घोटाले में आरोपी बनाए गए एक पटवारी ने खुदकुशी कर ली है। इस घोटाले में पटवारी सुरेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया था। बिलासपुर के सकरी में सुरेश मिश्रा ने अपनी बहन के फार्म हाउस में खुदकुशी की है। सुरेश मिश्रा ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उन्होंने जबरन फंसाने का आरोप लगाया है। बिलासपुर के सकरी थाने में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

मृतक सुरेश मिश्रा ने अपने सुसाइड नोट मे लिखा, ‘मैंने कोई गड़बड़ी नहीं की। मुझे झूठा फंसाया जा रहा है। जिन लोगों ने करोड़ों का घोटाला किया, वे आज कुर्सी पर बैठे हैं। मेरी मौत के बाद भी अगर जांच निष्पक्ष नहीं हुई, तो ये सिस्टम कभी नहीं सुधरेगा।‘
सुरेश की खुदकुशी के बाद उनके भाई राजेश मिश्रा ने आरोप लगाया कि सुरेश पर जबरन दबाव बनाया जा रहा था कि वे अफसरों के नाम न लें। जब से उन्हें निलंबित किया गया था, तब से वे तनाव में थे और उन्हें बलि का बकरा बनाया गया था।
जानकारी के अनुसार भारतमाला परियोजना के तहत बिलासपुर-उरगा नेशनल हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण में कथित फर्जी दस्तावेजों की जांच में उन्हें दोषी पाया गया था। बताया जा रहा है कि सुरेश मिश्रा कुछ समय से मानसिक तनाव में थे। वह अक्सर जोकी गांव अपनी बहन के फार्महाउस जाया करते थे।
इस मामले में जिला प्रशासन ने दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट 15 दिनों में प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं। दूसरी तरफ इस केस में जांच कर रही एजेंसी EOW ने भी सुरेश के आरोपों पर गंभीरता से लेकर बड़े अफसरों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है।