द लेंस डेस्क। हिमाचल प्रदेश में बुधवार को बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण तीन लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग बाढ़ में बह गए। कांगड़ा जिले में दो और चंबा में एक व्यक्ति की मौत हुई। कांगड़ा के धर्मशाला के पास खनियारा में मनूनी खड्ड में अचानक आई बाढ़ से इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना में काम करने वाले करीब 20 मजदूरों के बहने की आशंका है। कुल्लू के सैंज, जीवा नाला, रेहला बिहाल और शिलागढ़ में बादल फटने की घटनाएं हुईं।
जम्मू-कश्मीर के दो मजदूरों के शव बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि खड्ड के किनारे अवैध रूप से मलबा डाला गया था और मजदूरों के अस्थायी शिविर भी खड्ड के पास बनाए गए थे, जिससे नुकसान बढ़ गया। दूसरी ओर, कुल्लू जिले में चार स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई और तीन लोग लापता हो गए। चंबा के डलहौजी में भारी बारिश के कारण पहाड़ी से गिरे पत्थरों से बचने की कोशिश में एक कार खाई में गिर गई, जिससे पंचायत सचिव मनोज की मौत हो गई।

अधिकारियों के मुताबिक, बारिश के कारण परियोजना का काम रोक दिया गया था। मजदूर अस्थायी आश्रयों में थे, तभी मनूनी खड्ड और आसपास के नालों में बाढ़ का पानी आ गया, जिसने मजदूरों को बहा लिया।
एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और अन्य टीमें बचाव कार्य के लिए लगाई गईं। धर्मशाला के भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर बताया कि इस हादसे में करीब 20 मजदूर बह गए। कुल्लू में बादल फटने से तीन लोग लापता हैं, और कई घर, एक स्कूल, सड़कें और छोटे पुल क्षतिग्रस्त हो गए।
रेहला बिहाल में तीन लोग घर से सामान निकालते समय बाढ़ में बह गए। अतिरिक्त जिला आयुक्त अश्विनी कुमार ने बताया कि मनाली और बंजार में भी अचानक बाढ़ आई। बचाव कार्य जारी है। ब्यास नदी के उफान पर आने से मनाली-चंडीगढ़ राजमार्ग को आंशिक नुकसान पहुंचा, लेकिन यातायात जारी है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बाढ़ की तबाही और कीचड़ में बहते वाहन दिखाई दे रहे हैं। बंजार के विधायक सुरिंदर शौरी ने कहा कि सैंज, तीर्थन और गड़सा में भारी बारिश से नुकसान हुआ है, और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है।