[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
जिस जज ने चार पत्रकारों को राहत दी वह नहीं करेंगे परंजॉय गुहा ठाकुरता की सुनवाई
माओवादियों की आधी लीडरशिप खत्म
अयोध्‍या में बाबरी के बदले बनने वाली मस्जिद का नक्‍शा ही खारिज, अब तक एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी…
छत्तीसगढ़ में पढ़ रहे विदेशी छात्र की इलाज के दौरान मौत
क्या रायपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष का विवाद सुलझेगा आज?
बाढ़ से टैरिफ तक : अनेक संकटों से निपटने की तैयारी कहां है
मोहन भिया ‘गोली’ थोड़ी छोटी रखो…..
आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा
छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार : रजिस्ट्रेशन के नाम पर रिश्वतखोरी, स्वास्थ्य सचिव ने जांच के आदेश दिए
कोलकाता में भारी बारिश से सात लोगों की मौत, जल भराव से जनजीवन प्रभावित, दुर्गा पूजा पर संकट
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

बाढ़ से निपटने के लिए कितनी तैयार है बिहार सरकार ?

Lens News Network
Last updated: July 7, 2025 9:39 pm
Lens News Network
ByLens News Network
Follow:
Share
BIHAR KATHA
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

बिहार हर साल बाढ़ की आपदा झेलता आ रहा है। पिछले कई दशकों से बिहार में कोई साल ऐसा नहीं रहा है, जब यहां बाढ़ ने कहर ना बरपाया हो। पिछले वर्ष की बात करें, तो बाढ़ से प्रदेश के 19 जिलों के 16 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित थे। कुछ महीने बाद चुनाव हैं, तो इस बार बाढ़ एक बड़ा मुद्दा बन गई है। 

बिहार में मुख्यतः 12 नदी बेसिन हैं और लगभग सभी हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं। उत्तर बिहार बाढ़ से काफी ज्यादा प्रभावित रहता है। उत्तर बिहार की प्रमुख नदियों में कोसी, बागमती और गंडक हिमालय से निकलती हैं, जिससे ये बाढ़ के दौरान तेजी से जलस्तर बढ़ा देती हैं। खास कर कोसी बेसिन की बाढ़ का स्वरूप भयावह होता है। पिछले वर्ष कोसी नदी के अलावा गंगा नदी के बाढ़ की वजह से भी काफी नुकसान हुआ था। 

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश सरकार बाढ़ सुरक्षा पर प्रतिवर्ष करीब 600 करोड़ रुपये खर्च करती है। वहीं राहत अभियान में भी हजारों करोड़ खर्च किए जाते हैं। इसी क्रम में इस साल भी जल संसाधन विभाग द्वारा ईएसएमएल एवं अन्य योजना के तहत तटबंध को मजबूत करने के लिए अधिकारियों द्वारा लगातार काम किया जा रहा है। जल संसाधन विभाग ने तटबंधों की मरम्मत, निगरानी, चेतावनी प्रणाली और नेपाल से समन्वय जैसे कई कदम उठाए हैं। विभाग लगातार इसका प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर भी करता है। 

वहीं आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक मानसून आने से पहले आपदा विभाग भी लगातार काम कर रहा है। 20 मई, 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पटना स्थित मुख्य सचिवालय सभागार में एक उच्चस्तरीय बैठक कर बाढ़ पूर्व तैयारियों की गहन समीक्षा की गई। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतनी तैयारी के बावजूद प्रत्येक वर्ष आपदा खासकर बाढ़ से बिहार को इतना नुकसान क्यों होता है?

बाढ़ विशेषज्ञों के अनुसार बाढ़ से नियंत्रण के लिए बिहार सरकार के कई विभाग एक साथ काम करते हैं। हालांकि इन विभागों के बीच समन्वय नहीं रहता है, इससे काम काफी धीमी गति से होता है। खासकर आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग के बीच। 

वरिष्ठ पत्रकार राजेश ठाकुर कहते हैं कि, “प्रत्येक साल की तुलना में इस साल सरकार बाढ़ से बचाव के लिए ज्यादा जागरूक रहेगी। इसकी मुख्य वजह चुनाव है, क्योंकि बाढ़ से हुए नुकसान का मुद्दा सत्ताधारी पार्टी के लिए नुकसान कर सकता है।” 

 अभी जून महीने में ही खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा अचानक अपने लोकसभा क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त इलाका में जायजा लेने पहुंचे थे। वहां पर पत्थर की जगह ठेकेदार तटबंध के किनारे मिट्टी भरवा रहा था। सांसद महोदय ने ठेकेदार को डांटा और कहा कि आप लोगों की वजह से पूरी बस्ती नदी में चला जाती है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल भी हो रहा है। हालांकि अधिकांश बाढ़ग्रस्त इलाके में सरकारी व्यवस्था की यही हालत है। 

पिछले वर्ष भी बिहार को बाढ़ से काफी नुकसान हुआ था। तत्कालीन कृषि मंत्री मंगल पांडे के मुताबिक पिछले वर्ष 19 जिलों के 92 प्रखंड प्रभावित हुए।‌ बाढ़ से कुल 673 पंचायतों के लगभग 2,24,597 हेक्टेयर रकबा प्रभावित हुआ एवं प्रभावित क्षेत्रों में 91,817 हेक्टेयर रकबा में फसलों की क्षति 33 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है। 

सरकारी व्यवस्था पर भरोसा नहीं

मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 1 जून, 2025 से 21 जून, 2025 के बीच में 64.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि 87.8 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए। इसके बावजूद 20 जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक 6 बजे सुबह तक नेपाल ने 75,775 क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अभी ठीक से मानसून आया भी नहीं है, ऐसी स्थिति में पानी की इतनी मात्रा काफी ज्यादा है। 

दशकों से बाढ़ झेल रहे ये गांव वाले अब बाढ़ के साथ जीना सीख चुके हैं। बाढ़ के निपटने के तमाम इंतजाम ये लोग खुद ही करते हैं और इसके लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहते। हर साल बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांव में सुपौल जिले की पिपड़ा खुर्द पंचायत शामिल है। इस गांव के रहने वाले 55 वर्षीय रामकिशोर यादव बताते हैं कि, “तटबंध के भीतर के लोग सरकार के भरोसे जिंदा नहीं है। हम लोग राहत सामग्री से लेकर नाव तक की व्यवस्था कर रहे हैं। सरकार के भरोसे रहे, तो सब कुछ खत्म हो जाएगा। सरकार बेहतर नाव तक की व्यवस्था नहीं कर पाती है।”

बाढ़ पीड़ितों के लिए वर्षों से कम कर रहें कोसी नवनिर्माण मंच के अध्यक्ष महेंद्र यादव बताते हैं कि, “सालों मरम्मत, नए निर्माण, बाढ़ राहत और बचाव के नाम पर जम कर पैसे का बंदरबांट किया जाता हैं। हर साल इतनी तैयारी के बावजूद 3-4 लाख क्यूसेक से अधिक पानी डिस्चार्ज होने के साथ ही नदी का आक्रमण प्रभाव दिखने लगता है। एस्टिमेट बनता है, लेकिन काम क्या होता है? यदि तटबंधों की मरम्मत और बाढ़ से निपटने की तैयारियां सही ढंग से हो तो वे टूटेंगे कैसे?” हर साल बाढ़ से प्रभावित होने वाले बिहारी खुलकर कहते हैं कि बिहार में बाढ़ एक घोटाला है। 

:: लेखक वरिष्‍ठ पत्रकार हैं ::

TAGGED:BagmatiBiharFlood in BiharGandakKosiTop_News
Previous Article SAMAJWADI PARTY 16 महीने पहले पार्टी के खिलाफ जाने वाले यूपी के 3 विधायकों को सपा ने अब पार्टी से निकाला, इनमें से एक ने तो पहले ही दे दिया था इस्तीफा
Next Article by-elections Results 4 राज्यों में 5 विस ​​उपचुनाव के नतीजे:  गुजरात में बीजेपी और आप को एक-एक सीट, कालीगंज में टीएमसी और नीलांबुर में कांग्रेस विजयी

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

71st National Film Awards : शाहरुख और विक्रांत बेस्ट एक्टर, रानी मुखर्जी को मिला बेस्ट एक्ट्रेस

लेंस डेस्क। 71st National Film Awards: 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2023 के विजेताओं की घोषणा…

By पूनम ऋतु सेन

Immune from political scrutiny

The news of bail to both the nuns by a special NIA court in Durg,…

By Editorial Board

बिहार चुनावी रंग: मंत्रियों को जनता ने दौड़ाया वहीं सत्ताधारी पार्टी के नजदीकी दबंग नेता हो रहे अदालत से बरी

बिहार चुनाव के रंग में रंग चुका है। सत्ता की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत…

By राहुल कुमार गौरव

You Might Also Like

Beating Retreat Ceremony
देश

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी फिर से शुरू हुई, लेकिन भारत ने नहीं खोला दरवाजा, न ही एक दूसरे से मिलाया गया हाथ

By Lens News Network
KOTA SUICIDE
अन्‍य राज्‍य

‘केवल कोटा में ही क्यों हो रही हैं आत्महत्याएं?’ : सुप्रीम कोर्ट

By पूनम ऋतु सेन
Congress Internal Politics
देश

कांग्रेस ने तेज तर्रार प्रवक्ता आलोक शर्मा और लालू के समधी अजय यादव को क्यों हटाया?

By आवेश तिवारी
Nigam Karmchari
छत्तीसगढ़

रायपुर में नगर निगम कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, सुरक्षा की मांग को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

By नितिन मिश्रा
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?