नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी की है, और इस तरह वह ईरान इजरायल युद्ध में सीधे तौर पर शामिल हो गया है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति के प्रोफेसर गुलशन सचदेवा कहते हैं यह देखना आवश्यक होगा कि अब इस हमले पर ईरान ही नहीं अन्य देशों की क्या प्रतिक्रिया आती है। गौरतलब है कि रूस ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले न करने की अमेरिका को चेतावनी दी थी। America
बमबारी पर ट्रंप के बोल
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा था कि अमेरिका को इजरायल के पक्ष में संघर्ष में शामिल होना चाहिए या नहीं , इस पर निर्णय लेने में उन्हें दो सप्ताह का समय लगेगा। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने अब कहा है कि अमेरिकी विमानों ने फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर “बहुत सफल हमला किया उन्होंने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, “सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। बमों का पूरा पेलोड प्राथमिक स्थल, फोर्डो पर गिरा दिया गया। सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर की ओर जा रहे हैं।”उन्होंने कहा, “हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई भी ऐसी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती हो। अब शांति का समय है! इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।”
ईरान से युद्ध खत्म करने की अपील
डोनाल्ड ट्रम्प ने यह भी कहा कि वह ईरान में अमेरिका के “अत्यंत सफल सैन्य अभियान” के संबंध में राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहा, “यह संयुक्त राज्य अमेरिका, इजरायल और विश्व के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए।”
इजरायल -ईरान युद्ध तब शुरू हुआ जब इजरायली सेना ने ईरान के खिलाफ”ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” शुरू किया और ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों, शीर्ष जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों पर हमला किया। इजरायल का कहना था कि उसे लगता है कि तेहरान परमाणु हथियार विकसित करने की कगार पर है।
ईरान में अब तक 600 मरे
वाशिंगटन स्थित ईरानी मानवाधिकार समूह के अनुसार ईरान इजरायल युद्ध में ईरान में अब तक 600 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। इज़राइल ने कहा है कि ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन दागे हैं, जिसमें कम से कम 24 लोग मारे गए हैं।
नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका द्वारा बमबारी पर क्या कहा
सीएनएन के अनुसार इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी सेना द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमला करने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प की प्रशंसा की। अमेरिकी हमले के बाद एक वीडियो संबोधन में श् नेतन्याहू ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रम्प और मैं अक्सर कहते हैं: ‘शक्ति के माध्यम से शांति।’ पहले शक्ति आती है, फिर शांति आती है। और आज रात, डोनाल्ड ट्रम्प और संयुक्त राज्य अमेरिका ने बहुत ताकत के साथ काम किया।
अमेरिका के इजरायल के सैन्य अभियान में शामिल होने
नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइलों के शस्त्रागार के “अस्तित्व संबंधी खतरों” को समाप्त करने के लिए ईरान में इजरायली सैन्य अभियान “तब तक जारी रहेगा, जब तक ऐसा करना आवश्यक होगा”।
ईरान पर हमले में अमेरिकी बी-2 बमवर्षक शामिल
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के लिए बी-2 बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया।
रॉयटर्स ने शनिवार को खबर दी थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका प्रशांत द्वीप गुआम पर बी-2 बमवर्षक विमान भेज रहा है।
बी-2 को अमेरिका के 30,000 पाउंड (लगभग 13,600 किलोग्राम) के जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को ले जाने के लिए सुसज्जित किया जा सकता है, जिसे जमीन के अंदर गहरे लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।
विशेषज्ञों ने कहा था कि यह वह हथियार है जिसका उपयोग फोर्डो सहित ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला करने के लिए किया जा सकता है।
बंकर में खामेनेई
बंकर में रह रहे ईरान के खामेनेई ने 3 संभावित उत्तराधिकारियों के नाम बताए
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई , जो इजरायल के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद सेएक गहरे बंकर में रह रहे हैं, ने तीन वरिष्ठ मौलवियों को उम्मीदवार के रूप में नामित किया है, जो उनकी हत्या होने की स्थिति में उनका स्थान लेंगे।
न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार खामेनेई की आपातकालीन युद्ध योजनाओं से परिचित तीन ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया कि उन्होंने अधिकारियों को अपने आसपास के सभी इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों को बंद करने का निर्देश दिया है, ताकि उन्हें ढूंढ पाना कठिन हो जाए।