नई दिल्ली। पाकिस्तान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा की है कि वह 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नामित कर रहा है। इस पोस्ट में हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान उनकी निर्णायक कूटनीतिक भूमिका और नेतृत्व का दावा किया गया है, जिसमें कहा गया है कि ट्रंप का हस्तक्षेप दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण था, इस दावे को भारत ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। वहीं भारत पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर पाकिस्तान और अमेरिका दोनों ने ही मान लिया है कि युद्ध समाप्त होने में ट्रंप की भूमिका था।
15 बार किया ट्रंप ने सीजफायर करवाने का दावा
भारत का कहना है कि इस्लामाबाद ने युद्ध विराम के लिए नई दिल्ली से संपर्क किया था, जिस पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी और इसमें न तो ट्रंप और न ही अमेरिका की कोई भूमिका थी। इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान भी ट्रंप को यह बात बताई गई थी। ट्रंप 15 बार यह कह चुके हैं कि भारत पाक सीजफायर उन्होंने कराया है।
ट्रंप ने कहा – मैं नोबल का हकदार
ट्रंप, जो अक्सर संघर्षों को शांत करने का श्रेय लेते हैं, ने शुक्रवार को अपना रुख दोहराया और कहा कि वे कई उपलब्धियों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। इनमें भारत और पाकिस्तान से संबंधित उनके प्रयास और एक संधि की मध्यस्थता में उनकी भूमिका शामिल है।ट्रंप ने कहा, “मुझे यह चार या पांच बार मिलना चाहिए था।” “वे मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं देंगे क्योंकि वे इसे केवल उदारवादियों को देते हैं।”
पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की ट्रम्प से मुलाकात
बढ़ते कूटनीतिक जुड़ाव के बीच, सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ एक निजी बैठक की। हालांकि कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया , लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि चर्चा क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित थी। माना जाता है कि इस बैठक ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए ट्रम्प का सार्वजनिक रूप से समर्थन करने के पाकिस्तान के फैसले को मजबूत किया है।