नेशनल ब्यूरो
इंफाल। मैतेई संगठन अरम्बाई तेंगोल के नेता कानन सिंह की गिरफ्तारी को लेकर मणिपुर में शनिवार को शुरू हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद रविवार को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। प्रशासन ने इंफाल घाटी के पांच जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।
समूह के चार अन्य सदस्यों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। शनिवार रात जब सुरक्षा बल सिंह को हिरासत में लेने गए तो उन्हें अरमबाई टेंगोल के सदस्यों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।

एहतियाती उपाय के तौर पर इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, जबकि इन घाटी क्षेत्रों में वीसैट और वीपीएन सुविधाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं निलंबित कर दी गई है। गिरफ्तारी का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है। किसी का नाम लिए बिना केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि उसने रविवार को इम्फाल हवाई अड्डे पर अरम्बाई टेंगोल के एक सदस्य को गिरफ्तार किया।
इधर प्रदर्शनकारियों ने क्वाकेथेल और उरीपोक में सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर जलाए और मीतेई नेता की रिहाई की मांग की। शनिवार रात को राज्य की राजधानी में अलग-अलग जगहों पर सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हुई। भीड़ ने इंफाल ईस्ट जिले के खुरई लामलोंग में एक बस को भी आग के हवाले कर दिया।
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मणिपुर हिंसा में शामिल था कानन
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा, “वह 2023 में मणिपुर हिंसा से संबंधित विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल था। उसकी गिरफ्तारी से संबंधित जानकारी उसके परिवार के सदस्यों को दे दी गई है।”
बयान में आगे कहा गया है कि सीबीआई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मणिपुर हिंसा मामलों की जांच कर रही है। मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मामलों की सुनवाई गुवाहाटी स्थानांतरित कर दी गई है।
बयान में कहा गया है, “आरंबाई टेंगोल के उक्त गिरफ्तार सदस्य को इम्फाल से गुवाहाटी लाया गया है, और उसे पुलिस रिमांड के लिए सक्षम न्यायालय में पेश किया जाएगा। जांच जारी है।”
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की राज्यपाल से मुलाकात
इस बीच विभिन्न दलों के विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की।बाद में राजभवन ने एक बयान में कहा कि चर्चा के दौरान विधायकों ने राज्यपाल को राज्य की वर्तमान कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया तथा सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने में मदद के लिए उनके हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
आंसू गैस के गोले, लाठीचार्ज

सुरक्षा बलों ने राजभवन से लगभग 200 मीटर दूर कंगला गेट के सामने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे। राजभवन की ओर जाने वाली सड़कों पर केंद्रीय बलों की अतिरिक्त तैनाती कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अशांत पूर्वोत्तर राज्य में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर, इम्फाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि “इंफाल पश्चिम के पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्र में शांति के गंभीर उल्लंघन, सार्वजनिक शांति में बाधा, दंगा या झगड़े तथा असामाजिक तत्वों की गैरकानूनी गतिविधियों के कारण मानव जीवन और संपत्तियों को गंभीर खतरे की सूचना दी है।”
रात १० बजे के बाद घर से निकलने पर रोक
इंफाल पूर्व और बिष्णुपुर जिलों में लोगों को बीएनएसएस की धारा 163 की उपधारा 1 के तहत अगले आदेश तक शनिवार रात 10 बजे से अपने घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “अरम्बाई टेंगोल के एक नेता की गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ झड़प में तीन लोग घायल हो गए हैं। सभी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं।”

घाटी के पांच जिलों में शनिवार रात 11.45 बजे से पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं।
आयुक्त-सह-सचिव (गृह) एन अशोक कुमार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, “विशेष रूप से इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में मौजूदा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाओं को भड़काने वाले चित्र, घृणास्पद भाषण और घृणास्पद वीडियो संदेशों के प्रसारण के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर उपयोग कर सकते हैं, जिसका राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।”
इंफाल हवाई अड्डे का घेराव
क्वाकेथेल में शनिवार रात से कई गोलियों की आवाजें सुनी गईं, लेकिन यह पता नहीं चल सका कि गोलियां किसने चलाईं।अरमबाई टेंगोल नेता की गिरफ़्तारी के बाद प्रदर्शनकारियों ने तुलिहाल में इम्फाल हवाई अड्डे के गेट का घेराव भी किया। वे हवाई अड्डे के साथ सड़कों पर उतर आए और गिरफ़्तार नेता को राज्य से बाहर ले जाने के किसी भी संभावित प्रयास को रोकने के लिए एक मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया।
दूसरी ओर, अरम्बाई टेंगोल के सदस्यों ने गिरफ्तारी के विरोध में प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया।इस बीच, अरम्बाई टेंगोल ने 10 दिन के बंद का आह्वान किया है। इस समूह ने हाल ही में मेइती और कुकी-ज़ो जनजातियों के बीच हुई जातीय हिंसा में प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिसमें 250 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए थे।रविवार को इंफाल घाटी में सड़कें काफी हद तक सुनसान रहीं क्योंकि दुकानें और बाजार बंद रहे। सड़कों पर केवल सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहन ही दिखाई दिए।