कोलकाता। पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी में अंदरूनी तनाव की खबरें एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रमों में नदारद रहे, जिसके बाद पार्टी के भीतर मतभेद की अटकलें तेज हो गई हैं।
दिलीप घोष ने अपनी अनुपस्थिति पर मीडिया में सफाई देते हुए कहा, “मुझे इन कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित नहीं किया गया, इसलिए मैं नहीं गया।” उन्होंने कोलकाता में अमित शाह की जनसभा और पीएम मोदी के एक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। इस बयान ने बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच नाराजगी को हवा दी है, जिन्होंने घोष पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ नजदीकी बढ़ाने और पार्टी की भावनाओं के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।
हाल ही में, दिलीप घोष ने दीघा में जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह में ममता बनर्जी से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनकी अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठने लगे। इस मुलाकात ने बीजेपी के कुछ नेताओं को असहज कर दिया, और इसे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के प्रति नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है।
दिलीप घोष ने हालांकि इन आलोचनाओं को हल्के में लेते हुए कहा, “लोग मेरे बारे में बात करते रहते हैं।” पार्टी सूत्रों पर आधारित मीडिया खबरों के मुताबिक, घोष की अनुपस्थिति ने पश्चिम बंगाल बीजेपी में नेतृत्व और एकता को लेकर बहस छेड़ दी है। कुछ कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह घटना पार्टी के भीतर गुटबाजी को उजागर करती है। दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा, “मैं इस विषय पर कुछ नहीं कहना चाहता।”
बीजेपी ने शुरू किया 2026 मिशन शंखनाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा भी पश्चिम बंगाल में हुई। जहां उन्होंने भाजपा के 2026 मिशन का शंखनाद का शुभारंभ किया। रामलीला मैदान में हुए इस कार्यक्रम में अमित शाह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला और दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार बनेगी।
अमित शाह ने कहा, “बंगाल में भाजपा की सरकार आएगी, घुसपैठ रुकेगी और हिंदुओं का पलायन थमेगा।” शाह ने ममता सरकार पर तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार और राजनीतिक हिंसा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि SSC और राशन घोटालों में बंगाल के युवाओं का हक छीना जा रहा है। शाह ने दावा किया कि 2026 में तृणमूल का अंत निश्चित है और भाजपा सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा, “26 मई को हमारा मुख्यमंत्री शपथ लेगा।”
शाह ने मुर्शिदाबाद की हालिया हिंसा को “राज्य प्रायोजित” करार दिया, जो वक्फ कानून के विरोध में भड़की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने बीएसएफ से मदद नहीं ली, जबकि केंद्र ने बार-बार चेतावनी दी थी। हाई कोर्ट के आदेश पर BSF को हस्तक्षेप करना पड़ा। शाह ने सवाल उठाया कि तृणमूल नेता BSF पर इल्जाम लगाकर दंगाइयों को क्यों बढ़ावा दे रहे थे और ममता बनर्जी वक्फ संशोधनों का विरोध कर किसे बचा रही थीं?
शाह ने कहा कि बंगाल का अगला चुनाव सिर्फ राज्य के भविष्य का नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा का सवाल है। उन्होंने ममता पर बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। शाह के मुताबिक, ममता ने सीमा पर बाड़ लगाने के लिए जमीन देने से इनकार किया ताकि घुसपैठ जारी रहे और उनका वोट बैंक मजबूत हो। उन्होंने चेतावनी दी कि ममता का “भतीजा सीएम बनने” का सपना पूरा नहीं होगा।
पीएम मोदी का सीएम ममता पर हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान अलीपुरद्वार में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। जिसके बाद हुई एक सभा में टीएमसी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य हिंसा, भ्रष्टाचार और अराजकता से जूझ रहा है।
उन्होंने मुर्शिदाबाद और मालदा में हाल की सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए टीएमसी सरकार पर “निर्ममता और उदासीनता” का आरोप लगाया। पीएम ने कहा, “बंगाल में चीख-पुकार मची है, लोग निर्मम सरकार नहीं चाहते। वे बदलाव और सुशासन की मांग कर रहे हैं।”
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि यह अभी खत्म नहीं हुआ है और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी। पीएम ने कहा, “पहलगाम हमले के बाद भारत ने दुनिया को बता दिया है कि अगर भारत पर आतंकी हमला होगा, तो दुश्मन को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”