[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
राजनांदगांव में नेशनल हाईवे में 26 करोड़ से बनेगी सर्विस लेन
रायपुर में श्रमिक संगठनों ने निकाली मशाल रैली, ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच कल करेगा देशव्यापी हड़ताल
कांग्रेस–भाजपा : वार–पलटवार, बयान युद्ध से छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई
दिल्‍ली में अब नवंबर से नो फ्यूल नीति, चलन से बाहर होंगे पुराने वाहन
अमित शाह नहीं आएंगे मैनपाट, ऑनलाइन ही सांसदों और विधायकों को देंगे टिप्स
बीजापुर में गश्त पर निकले जवानों पर नक्सलियों का हमला, IED ब्लास्ट में दो जवान घायल
कोंटा IED ब्लास्ट केस में एक नक्सली गिरफ्तार, SIA को घटना में शामिल नक्सलियों का भी पता चला
अघोषित सेंसरशिप के खिलाफ भारत सरकार और X आमने सामने
कितनी सुलझी खेमका मर्डर केस की गुत्‍थी, अब तक एक एनकाउंटर, पुरानी रंजिश का खुलासा  
अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री की कॉलोनी में पांच घरों में चोरी, बस एक केस में ही हुई FIR
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.

Home » जानिए देश में एफडीआई का ताजा हाल,  96.5 फीसदी गिरावट की क्‍या है वजह

देश

जानिए देश में एफडीआई का ताजा हाल,  96.5 फीसदी गिरावट की क्‍या है वजह

Lens News Network
Last updated: May 24, 2025 7:01 pm
Lens News Network
Share
FDI in India
SHARE

नई दिल्ली। (FDI in India) भारत में वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में रिकॉर्ड 96.5 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े बताते हैं कि इस वित्त वर्ष में शुद्ध एफडीआई प्रवाह केवल 353 मिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 10 अरब डॉलर की तुलना में कम है। यह आंकड़ा पिछले दशक में एफडीआई में सबसे बड़ी गिरावट को दर्शाता है। यह तब है जब मोदी सरकार निवेश-अनुकूल नीतियों के दावे पर दावे करती रही है।

खबर में खास
एफडीआई में कमी की वजह क्या है?क्‍या कहते हैं आरबीआई के आंकड़े

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा था, “निवेशकों को भारत में निवेश से किसने रोका है?” सरकार का दावा है कि भारत का विशाल बाजार, राजनीतिक स्थिरता, और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में सुधार निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

एफडीआई में कमी की वजह क्या है?

आरबीआई और अन्य विशेषज्ञों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, एफडीआई में गिरावट की कई वजहें हैं। पहली, विदेशी निवेशकों द्वारा भारत से बड़े पैमाने पर पूंजी वापसी प्रमुख कारण रही है। वित्‍तीय साल 20225 में 49 अरब डॉलर की पूंजी भारत से बाहर निकाली गई, जो पिछले वर्ष के 41 अरब डॉलर से अधिक है। इसका कारण स्विगी और विशाल मेगा मार्ट जैसे बड़े आईपीओ में निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली करना रहा है। हुंडई मोटर्स ने अपने आईपीओ में हिस्सेदारी 100% से घटाकर 82.5% कर दी।

दूसरी वजह भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में निवेश में बढ़ोतरी है। भारतीय कंपनियों ने विदेश में 29 अरब डॉलर का निवेश किया, जो पिछले वर्ष के 17 अरब डॉलर से काफी अधिक है। यह ग्लोबल सप्लाई चेन में बदलावों का फायदा उठाने की रणनीति को दर्शाता है।

तीसरा, कराधान और नियामक जटिलताएं भी निवेशकों के लिए चुनौती बनी हुई हैं। बार-बार बदलते कर कानून और अनुपालन की जटिलताओं ने विदेशी निवेशकों का भरोसा कम किया है।

क्‍या कहते हैं आरबीआई के आंकड़े

आरबीआई की मासिक बुलेटिन के मुताबिक साल 2025  में सकल एफडीआई प्रवाह में 13.7 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 81 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो मुख्य रूप से विनिर्माण, वित्तीय सेवाओं, बिजली, और ऊर्जा क्षेत्रों में केंद्रित है। हालांकि शुद्ध एफडीआई में भारी कमी का कारण पूंजी की वापसी और भारतीय कंपनियों का विदेशी निवेश रहा। आरबीआई ने यह भी उल्लेख किया कि यह ट्रेंड एक परिपक्व बाजार का संकेत देता है, जहां निवेशक आसानी से निवेश कर सकते हैं और मुनाफा निकाल सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में वित्तीय सेवा फर्म सिस्टमैटिक्स ग्रुप के शोध प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, “एफडीआई की प्रकृति बदल गई है। अब विदेशी निवेशक लंबी अवधि के पूंजी निर्माण के बजाय अल्पकालिक मुनाफे पर ध्यान दे रहे हैं।” वहीं, इंडियन वेंचर कैपिटल एसोसिएशन का कहना है कि आईपीओ के जरिए निवेशकों को निकलने के मौके बढ़े हैं, जिसने एफडीआई को प्रभावित किया है।

TAGGED:FDI in IndiaLatest_NewsRBI
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article Niti Aayog बस्तर बन रहा मेक ऑफ इंडिया का केंद्र, 2047 तक छत्तीसगढ़ को 75 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने का दावा
Next Article Dr. Lohia हिंसा से विचार नहीं मरता, इससे व्यवस्था को तर्क मिलता है : रघु ठाकुर

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

Two steps forward and one step backward

The trade deal agreed to in Switzerland yesterday has come as a huge relief for…

By Editorial Board

विज्ञान, मानव का सबसे बड़ा दोस्त

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस : 2025 की थीम है, 'विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार…

By Poonam Ritu Sen

मास्को वुशू स्टार इंटरनेशनल चैंपियनशिप 2025, ओडिशा के जिन्दल स्पोर्ट्स हॉस्टल के खिलाड़ियों ने जीते स्वर्ण पदक

रायपुर। भारतीय खेल जगत को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। ओडिशा के बड़बिल स्थित…

By Lens News

You Might Also Like

all party delegation
देश

क्या सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान को आतंकवाद का पनाहगार साबित कर पाया ?

By Awesh Tiwari
Amit Shah
देश

नक्सल ऑपरेशंस में शामिल अधिकारियों से मिले गृहमंत्री अमित शाह, X पर लिखे- अभियान में शामिल जवानों से मिलने के लिए उत्सुक हूं

By Lens News
Fake news
दुनिया

ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय मीडिया की धज्जियां उड़ाता वाशिंगटन पोस्ट का पूरा पन्ना

By Lens News Network
Supreme Court : निशिकांत दुबे पर आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू
देश

सीजेआई के बाद दुबे के निशाने पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी, इधर सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक अवमानना को लेकर कवायद शुरू

By Awesh Tiwari
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?