नारायणपुर/ रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ जंगल में बुधवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई एक भीषण मुठभेड़ में 27 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। इस ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों में कुख्यात नक्सली नेता बसव राजू भी शामिल है, जिसे नक्सल संगठन का एक बड़ा चेहरा माना जाता था। मुठभेड़ के बाद गुरुवार को मारे गए नक्सलियों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए हेलीकॉप्टर के जरिए नारायणपुर लाया गया। इस ऑपरेशन को नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। बसवराजु का शव उनके गांव वाले लेकर जाएंगे। फाेर्स से इस संबंध में गांव के लोगों ने संपर्क किया है।
सुरक्षाबलों ने चलाया संयुक्त ऑपरेशन
बस्तर क्षेत्र के अबूझमाड़ जंगल में डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा बटालियन और अन्य सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने यह ऑपरेशन चलाया। पुलिस को सूचना मिली थी कि नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर अबूझमाड़ के घने जंगलों में बड़ी संख्या में नक्सली छिपे हुए हैं। इसके आधार पर सुरक्षा बलों ने एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। सुबह करीब 9 बजे शुरू हुई यह मुठभेड़ दिनभर रुक-रुक कर चली और शाम तक गोलीबारी जारी रही। इस दौरान सुरक्षा बलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें बसव राजू जैसे वरिष्ठ नक्सली कमांडर भी शामिल थे।
शवों को हेलीकॉप्टर से लाया गया
naxal encounter: मुठभेड़ के बाद मारे गए नक्सलियों के शवों को जंगल से निकालने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। गुरुवार को ये शव नारायणपुर लाए गए, जहां बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी. सुंदरराज और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शवों का निरीक्षण किया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए स्थानीय अस्पताल भेजा गया है, और उनकी पहचान की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस ऑपरेशन में एक जवान के शहीद होने की भी खबर है, जिसे लेकर सुरक्षा बलों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
क्या बोले डीजीपी?
माओवादियों के शव नारायणपुर लाने के दौरान डीजीपी अरुण देव गौतम नारायणपुर में ही मौजूद थे। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी पिछले 3-4 दिनों से अभियान चला रहे थे। अभियान में शीर्ष नक्सली नेता बसवराजू समेत 27 नक्सली मारे गए हैं। अभियान ने नक्सली संगठन को बड़ी चोट पहुंचाई है। बसवराजू नक्सलियों के सैन्यीकरण में प्रमुख भूमिका निभा रहा था। नक्सलवाद के कारण कई निर्दोष लोगों की जान गई है। आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है, जब शीर्ष नक्सली नेता मारा गया और उम्मीद है कि नक्सलवाद जल्द ही खत्म हो जाएगा। नारायणपुर डीआरजी ने अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दो जवानों ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। पिछले कुछ वर्षों में हम सुरक्षा की कमी को पूरा करने में सफल रहे हैं और जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तय की गई समयसीमा 31 मार्च 2026 है। हम तय समयसीमा से पहले ही इसे पूरा कर लेंगे।
मुख्यमंत्री ने दी प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस ऑपरेशन की सफलता पर सुरक्षा बलों की सराहना की। उन्होंने कहा, “जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, हम नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं। 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य के साथ हमारे जवान आगे बढ़ रहे हैं। नारायणपुर में 27 नक्सलियों को मार गिराना इस दिशा में एक बड़ा कदम है।” उन्होंने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी और घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं, जिनमें एके-47, एसएलआर, इंसास राइफल और अन्य स्वचालित हथियार शामिल हैं। यह बरामदगी नक्सलियों की ताकत को कमजोर करने में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ स्थल की तलाशी अभी भी जारी है, और अन्य नक्सलियों के शव या सामग्री मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
लाल आतंक के खिलाफ अभियान तेज
छत्तीसगढ़ में हाल के महीनों में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है। बीजापुर, सुकमा, और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में भी हाल में कई बड़े ऑपरेशन किए गए हैं, जिनमें दर्जनों नक्सली मारे गए हैं। नारायणपुर का यह ऑपरेशन भी उसी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत सुरक्षा बल नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उन्हें निशाना बना रहे हैं।