[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
बड़ी खबर : कोई धर्मांतरण नहीं, अपनी मर्जी से आगरा जा रही थी आदिवासी युवती, धमकी देकर ननों के खिलाफ दिलाया बयान
Malegaon Blast Case : आरोपियों की रिहाई पर क्या कह रहे राजनीतिक दिग्गज
केंद्रीय कैबिनेट के फैसले : किसानों को 2000 करोड़ की वित्तीय सहायता, रेलवे की 6 घोषणाएं
“मोदी वही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे”… भारत की अर्थव्यवस्था पर राहुल गांधी का बड़ा बयान
ट्रंप ने भारत-रूस को बताया Dead Economy, बोले-कोई फर्क नहीं पड़ता कि दोनों क्‍या कर रहे हैं
पंच परमेश्वर
बिहार में SIR लोकतंत्र पर हमला, 93 पूर्व नौकरशाहों ने जारी किया खुला पत्र
Malegaon Case : साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित सहित सभी सात आरोपी बरी, जज ने कहा – ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता’
रायपुर में पहली बार सिख गुरुओं की ऐतिहासिक धरोहर का प्रदर्शन
डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए : डॉ. राकेश गुप्ता
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.

Home » जातिगत जनगणना : लोहिया और कांशीराम के नारों ने बदली सियासत

देश

जातिगत जनगणना : लोहिया और कांशीराम के नारों ने बदली सियासत

Arun Pandey
Last updated: April 30, 2025 7:43 pm
Arun Pandey
Share
Caste Census
SHARE

द लेंस डेस्‍क। केंद्र सरकार आखिरकार जातिगत जनगणना कराने के लिए तैयार हो गई है, लेकिन यह मांग 1960 के दशक में उठाई समाजवादी नेता और चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया ने। इसके बाद इसी मांग को 1980 में आगे बढ़ाया बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने।

लोहिया का नारा जहां पिछड़े वर्गों को संगठित करने और उन्हें उनके हक दिलाने का आह्वान था, वहीं कांशीराम का नारा हर वर्ग को उसकी जनसंख्या के आधार पर हिस्सेदारी देने की मांग को रेखांकित करता था। इन नारों ने न केवल राजनीतिक दलों को प्रभावित किया, बल्कि समाज के दबे-कुचले वर्गों में आत्मविश्वास जगाया। आइए जानते हैं क्‍या थे वो नारे जो आज भी जातिगत जनगणना, आरक्षण की बहस में गूंजते हैं।

संसोपा ने बांधी गांठ, पिछड़ा पावे सौ में साठ

संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) के बैनर तले डॉ. राम मनोहर लोहिया ने नारा दिया “संसोपा ने बांधी गांठ, पिछड़ा पावे सौ में साठ”। यह नारा उस समय के सामाजिक और आर्थिक ढांचे पर करारा प्रहार था। लोहिया का मकसद था कि पिछड़े वर्गों, जिनमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) शामिल थे, उनको उनकी आबादी के अनुपात में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी मिले। यह नारा शिक्षा, नौकरी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में समानता की मांग का प्रतीक था। लोहिया का मानना था कि बिना सामाजिक न्याय के लोकतंत्र अधूरा है। उनके इस नारे ने न केवल समाजवादी आंदोलन को मजबूत किया, बल्कि मंडल आयोग की सिफारिशों के लिए भी जमीन तैयार की।

जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी

1980 के दशक में कांशीराम ने “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी” का नारा दिया, जो दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई का आधार बना। बसपा के गठन और इसके पहले के संगठन, बामसेफ और डीएस-4 के जरिए कांशीराम ने इस नारे को जन-जन तक पहुंचाया। यह नारा 1984 में बसपा के उदय के साथ और भी जोर पकड़ गया। कांशीराम का लक्ष्य था कि समाज के हर वर्ग को उसकी जनसंख्या के अनुपात में संसाधनों, अवसरों और सत्ता में हिस्सेदारी मिले। यह नारा जातिगत जनगणना और आरक्षण की मांग को मजबूत करने का हथियार बना, जो आज भी राजनीतिक विमर्श का हिस्सा है।

यह भी देखें : देश में होगी जातिगत जनगणना, आखिरकार केंद्र सरकार हुई तैयार

TAGGED:Caste censusDr. Ram Manohar LohiaKanshi RamLatest_News
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article THE LENS PODCAST The Lens Podcast 30th April 2025 | सुनिए देश-दुनिया की बड़ी खबरें | The Lens |
Next Article jati janganna जाति जनगणना के लिए कैसे तैयार हो गई सरकार

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

कफन से लेकर मृत्युभोज तक, छत्तीसगढ़ के एक गांव ने की नई पहल

न शोक में भोज उचित, न दुख में ढोंग, मृत्यु सत्य है जीवन का, पर…

By Nitin Mishra

समाजवादी आंदोलन की एक प्रेरक शख्सियत को अलविदा, लैला फर्नांडिस का निधन

द लेंस डेस्क। भारतीय राजनीति और समाजवादी आंदोलन से जुड़ी एक प्रख्यात शख्सियत, लैला कबीर…

By Amandeep Singh

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट गठबंधन जीतने में कामयाब, लेकिन क्या बदल रहा है कैंपस का सियासी मिजाज?

नई दिल्ली। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव (JNU student union elections) के परिणाम सोमवार देर रात घोषित…

By Awesh Tiwari

You Might Also Like

Nimisha Priya News
देश

नर्स निमिषा प्रिया को यमन में सजा-ए-मौत से दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई  

By Arun Pandey
family suicide
छत्तीसगढ़

महासमुंद के सरकारी घर में मिली 4 लाशें, सपरिवार आत्महत्या की आशंका

By Lens News
INDIA PAKISTAN TENSION
देश

जम्‍मू, राजस्‍थान में लगातार धमाके की आवाज, भारत-पाक तनाव के बीच IPL रोका गया, तीन दिन से LOC पर गोलीबारी जारी

By Lens News Network
KK Shrivastav Arrested
छत्तीसगढ़

10 महीने से फरार केके श्रीवास्तव EOW की हिरासत में, भोपाल में पकड़ा गया, ब्यूरो के शराब घोटाले सहित 3 केस में भी नाम

By Lens News
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?