नई दिल्ली। देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत को नियुक्त कर दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह नियुक्ति की है। वह 24 नवंबर को अपना कार्यभार संभालेंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को समाप्त हो रहा है। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जस्टिस सूर्यकांत को बधाई देते हुए उनकी नियुक्ति की घोषणा की।
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उन्होंने 24 मई, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया था। जस्टिस सूर्यकांत दो दशकों के न्यायिक अनुभव के साथ इस शीर्ष पद पर पहुंचे हैं।
उनके प्रमुख फैसलों में अनुच्छेद 370 को हटाने, अभिव्यक्ति की आजादी, लोकतंत्र, भ्रष्टाचार, पर्यावरण और लैंगिक समानता से जुड़े महत्वपूर्ण मामले शामिल हैं। वह उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून पर रोक लगाई और सरकार द्वारा समीक्षा होने तक इसके तहत नई प्राथमिकी दर्ज न करने का आदेश दिया।
जस्टिस सूर्यकांत सात सदस्यीय पीठ का हिस्सा थे, जिसने 1967 के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फैसले को पलट दिया, जिससे संस्थान के अल्पसंख्यक दर्जे पर नए सिरे से विचार का रास्ता बना। वह पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई करने वाली पीठ में भी शामिल थे, जिसने अवैध निगरानी के आरोपों की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी। इसके अलावा, उन्होंने 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठन में भी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा था कि ऐसे मामलों में “न्यायिक रूप से प्रशिक्षित दृष्टिकोण” की जरूरत होती है।
केंद्रीय विधि, न्याय और संसदीय कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “भारत के संविधान के तहत दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए, राष्ट्रपति महोदय ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को 24 नवंबर, 2025 से देश का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं।”
इसी साल 14 मई को मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस गवई ने केंद्रीय विधि मंत्रालय को जस्टिस सूर्यकांत को अगला मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी। इसी आधार पर सरकार ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी और राष्ट्रपति ने इसकी पुष्टि की। 24 मई, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने जस्टिस सूर्यकांत का मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल लगभग 15 महीने का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होंगे।

