Aandolan Ki Khabar: छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के आह्वान पर आज पूरे प्रदेश के दिव्यांगजन राजधानी रायपुर के सड़कों पर उतर आए। यह महाआंदोलन लंबे समय से चली आ रही 6 सूत्रीय मांगों को लेकर “अधिकार की अंतिम लड़ाई” के रूप में किया गया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार टोंडे ने द लेंस को बताया की बीते 8 महीनों से वे अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में है 26 मार्च को पैदल यात्रा किया गया था लेकिन राज्य सरकार इस दिशा में कार्य नहीं कर रही न ही हमारी मांगे सुन रही है।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए दिव्यांग जन संघ के सदसयों ने घडी चौक पर प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों का कहना है कि इंतजार का समय खत्म हो चुका है, और यदि मांगें पूरी न हुईं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल और बहिष्कार तेज होगा।
Multiple Conferences of the Contracting Parties (COPs) are scheduled for 2025, covering different international environmental agreements. The most prominent upcoming COPs for 2025 are:
निःशक्तों की पुकार क्यों नहीं सुन रही सरकार
रायपुर की सड़कों पर दिव्यांगजन व्हीलचेयर, बैसाखियों और नारों के साथ मार्च कर रहे हैं, जिसमें महिलाएं, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हैं। यह आंदोलन अगस्त 2025 में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आश्वासन के बाद स्थगित प्रदर्शन का विस्तार है लेकिन फर्जी प्रमाण-पत्रों पर कार्रवाई न होने और अन्य मांगों की अनदेखी से फिर से भड़का है।

मुख्य मांगें हैं: फर्जी दिव्यांग कर्मचारियों की बर्खास्तगी, पेंशन ₹5000 मासिक और BPL शर्त हटाना, अविवाहित दिव्यांग महिलाओं के लिए विवाह सहायता, आवास प्राथमिकता, अलग आरक्षण कोटा, और मुफ्त यात्रा सुविधा। संघ ने राज्योत्सव के बहिष्कार की भी घोषणा की है।

