नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज में 16 अक्टूबर को एक शिक्षक को थप्पड़ मारे जाने की घटना पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने चिंता और खेद व्यक्त किया हैं। एक तरफ शिक्षक आंदोलनरत हैं दूसरी तरफ संगठन ने अपनी ओर से एक आंतरिक जांच समिति का गठन किया है।
एबीवीपी ने जारी नोट में कहा है कि किसी भी परिस्थिति में शिक्षक के प्रति हिंसक व्यवहार अस्वीकार्य है और संगठन हमेशा शिक्षकों के सम्मान और गरिमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के भीमराव अंबेडकर कॉलेज में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) की संयुक्त सचिव दीपिका झा पर कॉलेज के शिक्षक को थप्पड़ मारने और अन्य शिक्षकों के साथ धक्का-मुक्की करने का आरोप लगा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद कॉलेज और विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया था।
कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सदानंद प्रसाद ने इस मामले में ज्योति नगर थाने में पुलिस को शिकायत दर्ज करा थी। वहीं इस मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विश्वविद्याल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।
विद्यार्थी परिषद ने जांच प्रक्रिया के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) की संयुक्त सचिव दीपिका झा को जांच पूरी होने तक संगठनात्मक गतिविधियों से अलग रखा है। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद संगठन आगे की कार्रवाई तय करेगा।
एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश कार्यालय मंत्री रोबिन सिंह ने कहा कि शिक्षक, शिक्षाविद और विद्यार्थी यह तीनों एक शैक्षिक परिवार के महत्वपूर्ण अंग हैं। परस्पर सम्मान और संवाद से ही स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण बनता है और अभाविप इन मूल्यों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि संगठन घटना की सच्चाई सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।
अभाविप की तरफ से विश्वविद्यालय प्रशासन से प्राध्यापक की भूमिका की भी जांच की मांग की गई है।
संगठन का आरोप है कि प्राध्यापक ने छात्रविरोधी और शिक्षक पद की गरिमा के विपरीत गतिविधियां कीं, जिनकी विश्वविद्यालय स्तर पर निष्पक्ष जांच जरूरी है।
संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच तथ्यों पर आधारित होगी और किसी भी पक्ष को बिना सुने दोषी नहीं ठहराया जाएगा। अगर जांच में किसी की जिम्मेदारी सिद्ध होती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।

