नई दिल्ली -कश्मीर से धारा 370 हटाने के विरोध के बाद चर्चाओं में आए Former IAS officer Kannan Gopinathan आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कन्नन ने एक माह पहले द लेंस से मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने की बात कही थी।कन्नन गोपीनाथ को भारतीय युवाओं और मानव अधिकार समर्थित संगठनों द्वारा एक जुझारु अफसर की तरह देखा जाता है।
कन्नन गोपीनाथन एक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं, जो 2012 बैच के AJMUT कैडर से थे उन्होंने दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव में विभिन्न विभागों- जैसे बिजली, शहरी विकास क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। 2019 में 370 हटने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया और सामाजिक कार्यकर्ता की तरह कम करने लगे। केरल में आई बाढ़ के दौरान वो अपनी पहचान छिपकर जनसेवा करते रहे।
वह 2019 के सीएए विरोधी प्रदर्शनों में प्रमुख चेहरे बने और देश के अलग-अलग शहरों में हो रहे प्रदर्शनों को संबोधित किया.। अप्रैल 2020 में सरकार ने उन्हें ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया था, लेकिन गोपीनाथ ने वापस से नौकरी नहीं ज्वाइन की. इसके बाद से वह अलग-अलग सरकार विरोधी मुद्दों पर आवाज उठाते रहे हैं
कन्नन गोपीनाथन ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और कम्यूनिकेशन बैन के विरोध में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे को लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना खासकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के प्रतीक के रूप में देखा गया, जिसने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई।
इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि सरकार को 370 हटाने का अधिकार है, लेकिन नागरिकों को प्रतिक्रिया देने का अधिकार भी है. लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी का दमन अस्वीकार्य. इस बयान के बाद उनके देश-विदेश की मीडिया ने कवर किया और वह एक आम अफसर से पूरे देश में फेमस हो गए.
गोपीनाथ को आज करीब 11:30 पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व IAS ने कहा, “मैंने 2019 में इस्तीफा दे दिया था। उस समय एक बात साफ थी कि सरकार जिस दिशा में देश को ले जाना चाहती है, वह सही नहीं है यह स्पष्ट था कि मुझे गलत के खिलाफ लड़ना है। मैंने 80-90 जिलों की यात्रा की और लोगों से बात की, मैं कई नेताओं से मिला। तब यह साफ हो गया कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही देश को उस दिशा में ले जा सकती है जिस दिशा में उसे जाना चाहिए”

