नई दिल्ली। वरिष्ठ पार्टी नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) के इंदिरा गांधी सरकार के ऑपरेशन ब्लू स्टार से निपटने के तरीके पर की गई टिप्पणी से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नाराज है।
चिदंबरम के पार्टी सहयोगी राशिद अल्वी ने चिदंबरम की हालिया टिप्पणियों पर सवाल उठाया कि क्या उनके खिलाफ आपराधिक मामले के कारण उन पर ‘किसी तरह का दबाव’ है?
कांग्रेस के एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘कांग्रेस आलाकमान से लेकर आम कार्यकर्ता तक परेशान है। एक वरिष्ठ नेता, जिसे कांग्रेस से सब कुछ मिला है, को सोच-समझकर बोलना चाहिए। बार-बार ऐसे बयान देना ठीक नहीं है जिससे पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़े।’
हिमाचल प्रदेश के कसौली में खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव में बोलते हुए, पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर को कट्टरपंथी तत्वों के नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए ‘गलत रास्ता’ चुना था।
उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी सैन्य अधिकारी का अनादर नहीं कर रहा हूँ, लेकिन वह (ब्लू स्टार) स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने का गलत तरीका था। कुछ साल बाद, हमने सेना को बाहर रखकर स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने का सही रास्ता दिखाया।’
चिदंबरम ने कहा, ‘श्रीमती गांधी को उस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। यह सेना, पुलिस, खुफिया विभाग और सिविल सेवाओं का फैसला था। आप इसके लिए सिर्फ़ श्रीमती गांधी को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते।’
चिदंबरम लेखक हरिंदर बावेजा की पुस्तक ‘दे विल शूट यू, मैडम: माई लाइफ थ्रू कॉन्फ्लिक्ट’ पर चर्चा के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
ऑपरेशन ब्लू स्टार, पंजाब में अलगाववादी आंदोलन के दौरान स्वर्ण मंदिर में छिपे कट्टरपंथी प्रचारक जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया एक सैन्य अभियान था।
1 जून से 8 जून के बीच, भारतीय सेना ने सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक, स्वर्ण मंदिर परिसर पर धावा बोल दिया। इस सैन्य अभियान के दौरान अकाल तख्त को मलबे में तब्दील कर दिया गया था, जिससे सिखों में भारी आक्रोश फैल गया था।
कुछ महीनों बाद, इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी हत्या के बाद समुदाय के खिलाफ व्यापक हिंसा भड़क उठी। कई कांग्रेस नेताओं पर इस हिंसा को भड़काने का संदेह था।
सरकारी अनुमानों के अनुसार, दिल्ली और अन्य जगहों पर 3,000 से ज्यादा सिख मारे गए।
कांग्रेस के पूर्व सांसद राशिद अल्वी ने पूछा कि कांग्रेस के खिलाफ बोलने के पीछे चिदंबरम की ‘मजबूरी’ क्या है?
उन्होंने कहा, ‘चिदंबरम वही कर रहे हैं जो भाजपा करती है। उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। चिदंबरम के खिलाफ एक आपराधिक मामला लंबित है। क्या चिदंबरम पर ये बयान देने का कोई दबाव है? भाजपा के खिलाफ बोलने के बजाय, चिदंबरम कांग्रेस की कमियाँ गिना रहे हैं। यह गलत है। कांग्रेस ने इन नेताओं को इतना कुछ दिया, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये नेता अब पार्टी को बर्बाद करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं।’
यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही चिदंबरम ने मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों पर भारत की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करके सुर्खियां बटोरी थीं। हाल ही में एक साक्षात्कार में, पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि 26/11 के हमलों के बाद उनके मन में जवाबी कार्रवाई का विचार आया था।
उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण लोगों के साथ इस पर चर्चा की थी। मेरा अनुमान है कि प्रधानमंत्री ने हमले के दौरान इस मामले पर चर्चा की थी। और यह निष्कर्ष काफी हद तक विदेश मंत्रालय और भारतीय विदेश सेवा के इस निष्कर्ष से प्रभावित था कि हमें स्थिति पर शारीरिक प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए, बल्कि कूटनीतिक तरीके अपनाने चाहिए।’
उन्होंने कहा था, ‘यह निष्कर्ष विश्व की ओर से पड़ रहे दबाव के बीच निकाला गया, जो दिल्ली पर यह कहने के लिए पड़ रहा था कि युद्ध शुरू मत करो।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इस टिप्पणी का इस्तेमाल किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, हाल ही में, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता, जो पूर्व गृह मंत्री भी रह चुके हैं, ने एक साक्षात्कार में बड़ी बातें उजागर कीं।
उन्होंने दावा किया कि मुंबई हमले के बाद, हमारी सेनाएं पाकिस्तान पर हमला करने के लिए तैयार थीं। पूरा देश यही चाहता था। लेकिन उस कांग्रेसी नेता के अनुसार, तत्कालीन सरकार ने किसी दूसरे देश के दबाव में भारतीय सेना को कार्रवाई करने से रोक दिया।
पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि विदेशी दबाव में आकर किसने यह फैसला लिया, किसने मुंबई की राष्ट्रीय भावनाओं से खिलवाड़ किया। देश को जानने का अधिकार है। कांग्रेस की इस कमजोरी ने आतंकवादियों को मजबूत किया और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर किया, जिसकी कीमत देश को बार-बार जान गंवाकर चुकानी पड़ी।
प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए चिदंबरम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री के शब्दों को उद्धृत करता हूं (जैसा कि टाइम्स ऑफ इंडिया में रिपोर्ट किया गया है)। उन्होंने कहा है कि भारत 26/11 के बाद जवाब देने के लिए तैयार था, लेकिन कुछ देशों के दबाव के कारण, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारत के सशस्त्र बलों को पाकिस्तान पर हमला करने से रोक दिया।’
पूर्व गृह मंत्री ने कहा, ‘बयान के तीन भाग हैं और उनमें से प्रत्येक गलत है, बहुत गलत है। यह पढ़कर निराशा हुई कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने इन शब्दों की कल्पना की और उन्हें मेरे नाम से जोड़ दिया।’
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