मुंबई। दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत की आर्थिक प्रगति की खुलकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि भारत 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
स्टार्मर ने भारत की विकास गाथा को असाधारण बताते हुए कहा कि भारत ने हाल ही में जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान स्टार्मर ने ये बातें कहीं। उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे का जवाब माना जा रहा है, जिसमें ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ करार दिया था।
दो महीने पहले रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर अमेरिका और भारत के बीच तनाव के दौरान ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा था कि भारत और रूस अपनी ‘मृत अर्थव्यवस्था’ को और नीचे ले जा सकते हैं, और उन्हें इसकी परवाह नहीं है। यह बयान तब आया था जब अमेरिका ने रूसी तेल की खरीद पर भारत पर भारी शुल्क लगाए थे।

स्टार्मर ने अपने संबोधन की शुरुआत हिंदी में लोगों का स्वागत करके की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत के विकास के सफर में सहयोगी बनना चाहता है। स्टार्मर ने पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य 2028 तक भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाना है।
उन्होंने कहा कि भारत में उनकी यात्रा के दौरान जो कुछ उन्होंने देखा, वह इस बात का सबूत है कि भारत सफलता की राह पर है। स्टार्मर ने 100 से अधिक सीईओ, उद्यमियों, विश्वविद्यालय प्रमुखों और सांस्कृतिक नेताओं के साथ भारत की अपनी यात्रा को भी महत्वपूर्ण बताया, जो ट्रंप के ‘मृत अर्थव्यवस्था’ वाले बयान को खारिज करता है।
स्टार्मर ने गाजा में शांति समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि इसे तुरंत लागू करना चाहिए और गाजा में मानवीय सहायता पर लगे सभी प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए।
भारत में विश्वविद्यालय खोलेगा ब्रिटेन
ब्रिटेन की नौ यूनिवर्सिटियां भारत में केंद्र खोलेंगी, इसकी घोषणा स्टार्मर ने मुंबई में की। पीएम मोदी ने कहा कि स्टार्मर के नेतृत्व में भारत-ब्रिटेन संबंधों में मजबूती आई है। इस साल जुलाई में लंदन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर किए, जिससे आयात आसान होगा, कारोबार बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी हैं। दोनों देशों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), उन्नत संचार, रक्षा प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने का फैसला किया है।
रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता
दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक, पश्चिम एशिया और यूक्रेन संकट पर भी विचार-विमर्श किया। रक्षा क्षेत्र में सहयोग के तहत दोनों देशों ने सैन्य प्रशिक्षण समझौता किया, जिसके तहत भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षक अब ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स में प्रशिक्षक की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग के लिए एक सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी की स्थापना की जाएगी, जिसका एक सैटेलाइट परिसर झारखंड के धनबाद में इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स में बनेगा।
फिल्म मेकिंग पर घोषणा
स्टार्मर ने अपनी यात्रा के दौरान यशराज स्टूडियो के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रिटेन में बॉलीवुड फिल्मों के निर्माण के लिए एक समझौते की घोषणा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की युवा पीढ़ी 2047 के लक्ष्य को हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाएगी। स्टार्मर ने उम्मीद जताई कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के लिए नए निवेश और हजारों कुशल नौकरियां सृजित होंगी।