रायपुर। छत्तीसगढ़ में नवंबर में पहली बार डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस (DG-IG conference) की मेजबानी करेगा। 28 नवंबर से यह कॉन्फ्रेंस शुरू होगी, जो 3 दिवसीय होगी। इस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। वे 30 नवंबर को कॉन्फ्रेंस का समापन करेंगे।
इस कॉन्फ्रेंस में देशभर से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री, गृह मंत्री सहित सभी राज्यों के मुख्य सचिव और गृह सचिव भी मौजूद होंगे।
31 मार्च 2026 की तारीख के साथ नक्सल मुक्त भारत अभियान के तहत चलाए जा रहे ऑपरेशन के बीच छत्तीसगढ़ में इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन गृह मंत्री अमित शाह देश को मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं। इस बैठक में आंतरिक सुरक्षा, नक्सल विरोधी अभियान और साइबर सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर इस दौरान गहन चर्चा की जाएगी।
यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि लगातार चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन के बीच माओवादी संगठन में दो फाड़ हो गया है। माओवादी इतिहास में पहली बार नक्सली शांति वार्ता के लिए हथियार छोड़ने को तैयार हुए हैं।
नक्सल विरोधी अभियान के अलावा आंतरिक सुरक्षा के तहत सबसे ज्यादा फोकस ड्रग्स तस्करी को लेकर होगा। बॉर्डर राज्यों के जरिए पड़ोसी मुल्कों से ड्रग्स की सप्लाई के अलावा ड्रग्स के इंटरनेशनल कार्टल भी देशभर में एक्टिव हैं। उनको रोकने के लिए प्रयासों पर चर्चा होगी।
2014 से यह कॉन्फ्रेंस देश के अलग-अलग राज्यों में होती है। 2013 तक इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन सिर्फ दिल्ली में होता था। अब तक दिल्ली के अलावा राजस्थान के जयपुर, यूपी लखनऊ, ओडीशा के भुवनेश्वर, महाराष्ट्र के पुणे, असम के गुवाहाटी, गुजरात के कच्छ और केवड़िया, तेलंगाना के हैदराबाद, मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित टेकनपुर में हो चुका है।
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