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लेंस रिपोर्ट

राहुल की यात्रा के बाद आखिर तेजस्वी ने क्यों निकाली एक और यात्रा?

राहुल कुमार गौरव
राहुल कुमार गौरव
Byराहुल कुमार गौरव
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Published: September 24, 2025 9:00 AM
Last updated: September 24, 2025 1:32 PM
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bihar katha
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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ ही महागठबंधन के तमाम नेताओं ने सासाराम से राजधानी तक वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी। इस यात्रा के चंद दिनों के भीतर तेजस्वी यादव ने 16 सितंबर से 20 सितंबर तक अधिकार यात्रा की है।

खबर में खास
यात्रा से तेजस्वी को क्या मिला?क्या भीड़ वोट बैंक में तब्दील हो पाएगी?

आखिर बिहार के 22 जिलों की नब्ज टटोलने के बाद तेजस्वी को दूसरी यात्रा निकालने की जरूरत क्यों पड़ी? तेजस्वी को इस यात्रा से क्या कुछ हासिल हुआ? आइए समझते हैं, इन सब सवालों के जवाब इस रिपोर्ट में।

अभी महागठबंधन में छह पार्टियां शामिल हैं। इनमें राजद, कांग्रेस, वीआईपी और तीन वामदल हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा और रालोजपा (पारस गुट) से बातचीत चल रही है।

पटना विश्वविद्यालय से चुनाव लड़ चुके लेखक अभिनव भारद्वाज कहते हैं, ‘मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ हुई यात्रा में राहुल गांधी का कद तेजस्वी से बड़ा था। ऐसे में प्रमुख जिलों और निर्वाचन क्षेत्रों से गुज़रने वाली इस पांच दिवसीय यात्रा के जरिए राजद नेता ने विपक्षी महागठबंधन में अपनी प्रमुखता को दोहराने का काम किया है।

राजद सबसे बड़ी और प्रभावी पार्टी है। इसके बावजूद महागठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी तेजस्वी यादव को अब भी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं मान रही है।‘

वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार कहते हैं, ‘गठबंधन बहुत बढ़िया शब्द है। मगर प्रतिस्पर्धी राजनीति में शामिल पॉलिटिकल पार्टियों के साथ यह संभव नहीं। चुनावी गणित को अपने पक्ष में बनाने के लिए गठबंधन भले हो जाए, मगर इसका दूरगामी परिणाम बहुत बुरा होता है। किसी न किसी एक पॉलीटिकल पार्टी को आगे जाकर के बहुत बुरे परिणाम झेलने पड़ते हैं।‘

लगातार जुट रही जन सुनामी का है यह संदेश!#तेजस्वी_सरकार से ही बिहार बनेगा अग्रणी प्रदेश!!#बिहार_अधिकार_यात्रा @yadavtejashwi pic.twitter.com/1OcaS7583i

— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) September 20, 2025

इसके साथ ही वह कहते हैं, अभी महागठबंधन के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और सीट बंटवारे को लेकर बयानबाजी चल रही है। ऐसे वक्त तेजस्वी की यह यात्रा सीट बंटवारे पर कांग्रेस के कड़े रुख और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में खुद को पेश करने का अच्छा तरीका था।

तेजस्वी ने अधिकार यात्रा के दौरान यह कहकर अपने गठबंधन सहयोगी पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। वोटर अधिकार यात्रा के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा था कि मुख्यमंत्री का चेहरा बिहार का है और बिहार की जनता तय करेगी, आप रुककर देखिए, हड़बड़ी में क्यों हैं।

इस वाकये के बाद राजद सांसद मनोज झा इस मुद्दे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहते हैं, ‘बिहार की जनता तय कर चुकी है। उन्होंने कहा कि यह आपके लिए खबर हो सकती है, बिहार की जनता के लिए नहीं, क्योंकि बिहार की जनता ने तय कर लिया है।’

यात्रा से तेजस्वी को क्या मिला?

तेजस्वी भीड़ से पूछते थे कि, ‘आप सबको बदलाव चाहिए ना?’ और भीड़ एक स्वर में जवाब देती है, ‘हां।’ बिहार में अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी जहां-जहां से गुज़र रहे हैं, उनका नाम घर-घर पहुंच रहा है। लोग एक झलक देखने के लिए आ रहे हैं।
वैशाली राजद कार्यकर्ता सुमित यादव आंकड़े और योजनाएं गिनाते हुए कहते हैं,

‘नीतीश कुमार की नकली सरकार है। यह सरकार जो घोषणा कर रही है,वो हमारी घोषित योजनाओं और पहलों की नकल कर रही हैं।’

वैशाली में यात्रा में शामिल रहे सौरभ ने कहा, अफसरशाही और भ्रष्टाचार चरम पर है। जनता चुनावी घोषणा से पिघलने वाली नहीं है। हमलोग चाहते हैं कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बने। इसी यात्रा में शामिल प्रतीक सिंह के मुताबिक करीब छह घंटे विलंब होने के बावजूद वैशाली जिले की सीमा में तेजस्वी यादव को देखने व सुनने राजद कार्यकर्ताओं की भीड़ डटी रही।

कलम, काम और कारखाना
नए दौर में नई पीढ़ी को है दिलाना!

है तेजस्वी का प्रण!

~ मा0 श्री @yadavtejashwi जी,#बिहार_अधिकार_यात्रा #TejashwiYadav #RJD #Bihar #india pic.twitter.com/HRxr4peeTx

— Arun Kumar Yadav (@Arunrjd) September 20, 2025

बिहार अधिकार यात्रा की शुरुआत के समय तेजस्वी ने बताया कि ये यात्रा उन जिलों से होकर गुजरेगी जो पहले ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल नहीं थे। इनमें नालंदा, बेगूसराय, खगड़िया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, समस्तीपुर, वैशाली जैसे जिले शामिल हैं। पार्टी के बड़े नेताओं के मुताबिक तेजस्वी यादव की इस यात्रा का मकसद सिर्फ अभियानों-प्रदर्शनों का सिलसिला नहीं है, बल्कि यह उनकी पार्टी की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना था।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर भी पहले काफी खींचतान चली। कांग्रेस और वीआईपी जैसे दल मंचों से बड़ी हिस्सेदारी की मांग करते रहे थे। तेजस्वी यादव ने ‘अधिकार यात्रा’ के दौरान एक टीवी चैनल से इंटरव्यू के दौरान कहा कि, ‘क्या हम भाजपा हैं कि चेहरा ही नहीं देंगे?

हम चुनाव बिना सीएम फेस बताए नहीं लड़ेंगे। बिहार को बदलने की जरूरत है और मुख्यमंत्री की कुर्सी महज लक्ष्य नहीं बल्कि साधन है। सीट शेयरिंग के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि 5-10 दिन में सीट शेयरिंग हो जाएगी।’

तेजस्वी यादव ने इस यात्रा में राहुल गांधी की तरह वोट-चोरी के मुद्दे के साथ सरकारी योजना, विकास और रोजमर्रा की समस्याओं पर जोर दिया। यात्रा के दौरान महिलाओं को ‘माई-बहन’ जैसे सम्बोधन के जरिए अपनी योजना और महिला सुरक्षा, महिला-कल्याण पर काफी जोर दिया।

क्या भीड़ वोट बैंक में तब्दील हो पाएगी?

अधिकार यात्रा में शामिल प्रियांशु कुशवाहा बहुजन विचारधारा के बेहतर लेखक है। वह बताते हैं कि “ उजियारपुर यात्रा के दौरान सड़क पर लोग खड़े थे। माइक से घोषणा की गई, कृपया नेता को आगे जाने दें। कृपया सड़क के दोनों ओर खड़े हो जाएं। नेता को रास्ता दें। यात्रा यहां तीन घंटे की देरी से पहुंची है। लेकिन लोग सुनने को तैयार नहीं।

सोशल मीडिया पर भीड़ देख लीजिए। मेनस्ट्रीम मीडिया नहीं दिखाएगा। दरभंगा के जाले में जब एक अति पिछड़ा समाज से आने वाले पत्रकार को मंत्री जीवेश मिश्रा ने पिटवाया, तब स्वयं नेता प्रतिपक्ष दरभंगा के सिंहवाड़ा थाना पहुंच गए एफआईआर करवाने।’

इस यात्रा के बारे में वरिष्ठ पत्र अजय कुमार कहते हैं कि, असली सवाल यह है कि तेजस्वी की आवाज यादव और मुस्लिम के अलावा क्या अन्य समुदाय भी सुन रहे हैं? तेजस्वी से जुड़ रहे हैं? अगर जुड़ने की बात है, तो यह साहब ज्यादातर पोस्टरों में अकेले क्यों दिख रहे हैं?

औरंगाबाद के प्रिंस सिंह पॉकेट एफएम में लेखक हैं। वह बताते हैं कि, राजद पार्टी के कार्यक्रम में भीड़ हमेशा से रहती है। राजद पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता यात्रा के दौरान कुछ ज्यादा ही उत्साही लगते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की दीवानगी बिहार की जनता के बीच काफी है।

लेकिन बिहार की जनता के बीच 90 के दशक के डर का नैरेटिव आज भी बना हुआ है। दरअसल, राजद के अति उत्साहित कार्यकर्ता कई बार जाने-अनजाने अपनी हरकतों से अराजकता के संकेत दे जाते हैं। तेजस्वी यादव अब तक इस नैरेटिव को नहीं तोड़ पाए हैं।

भाजपा ने तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ के आखिरी दिन महुआ विधानसभा क्षेत्र में एक वीडियो साझा दावा किया है कि यात्रा के दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां हीराबेन मोदी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया, जबकि तेजस्वी मंच पर खड़े होकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा रहे थे।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मोदी जी की स्वर्गीय मां का अपमान किया। उन्होंने बिहार की संस्कृति को फिर से तार-तार कर दिया। रैली में आरजेडी कार्यकर्ता जितनी गालियां दे रहे थे, तेजस्वी उतना ही उनका हौसला बढ़ा रहे थे। बिहार की मां-बहनें इस गुंडागर्दी और अपशब्दों के लिए उन्हें जरूर जवाबदेह ठहराएंगी।’

पहले कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री मंत्री मोदी जी की स्वर्गवासी माताजी को गाली दी गई, अब फिर राजद के मंच से वही अपराध।

इंडी के पास कोई और मुद्दा नहीं तो माँ की मर्यादा पर कर रही लगातार प्रहार। इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता!

मर्यादा की सारी हदें लांघने वालों…जनता कभी माफ… pic.twitter.com/275syV6uJn

— BJP Bihar (@BJP4Bihar) September 21, 2025

इस घटनाक्रम पर राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन कहते हैं कि, तेजस्वी जी की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ को मिले अभूतपूर्व समर्थन से भाजपा काफी घबरा गई है। यात्रा में तेजस्वी जी द्वारा जिन मुद्दों को उठाया जा रहा है, भाजपा और उसके सहयोगी उन मुद्दों पर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। इसलिए ध्यान भटकाने के लिए भाजपा द्वारा प्रायोजित तरीके से कुचक्र और प्रपंच किया जाता रहा है।
राजद के प्रवक्ता अरुण कुमार यादव इस रैली पर कहते हैं कि, तेजस्वी यादव जी की बिहार अधिकार यात्रा ने पिछले सभी यात्रा के इतिहास को ध्वस्त करते हुए नया कृतिमान स्थापित किया है।

इस यात्रा के माध्यम से राजद ने सड़क से लेकर सदन तक तमाम मुद्दों को उठाया है। बाकी बिहार की जनता आने वाले दिनों में चाय की दुकानों पर यात्रा और समापन का असली मूल्यांकन करेगी।

यह भी देखें : जमीन अधिग्रहण को लेकर बिहार में किसान क्यों कर रहे हैं विरोध?

TAGGED:Bihar assembly electionsbihar kathabihar politicRahul GandhiTejashwi YadavTop_NewsVote Adhikar Yatra
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