रायपुर। छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बस्तर से बड़ी खबर सामने आ रही है। छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र बॉर्डर पर नारायणपुर जिले में मुठभेड़ में राजू दादा और कोसा दादा के मारे जाने के बाद बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
दंतेवाड़ा में 64 लाख के 30 ईनामी सहित कुल 71 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय और पुलिस के अन्य बड़े अधिकारियों के आगे सरेंडर किया है। सरकार के लोन वर्राटू अभियान के तहत यह सरेंडर किया गया है। इन 71 नक्सलियों में से कई हथियार बंद नक्सली थे।
दंतेवाड़ा एसपी ऑफिस में आत्मसमर्पण को लेकर पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई।
एसपी रॉय ने बताया कि इन आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। ये नक्सली कई घटनाओं में शामिल थे। आत्म समर्पित माओवादियों को जिला प्रशासन ने पुर्नवासन योजना के तहत दैनिक उपयोगी वस्तुएं प्रदान की गई।
छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बस्तर से बड़ी खबर सामने आ रही है। छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र बॉर्डर पर नारायणपुर जिले में मुठभेड़ में राजू दादा और कोसा दादा के मारे जाने के बाद बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
दंतेवाड़ा में 64 लाख के 30 ईनामी सहित कुल 71 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय और पुलिस के अन्य बड़े अधिकारियों के आगे सरेंडर किया है। सरकार के लोन वर्राटू अभियान के तहत यह सरेंडर किया गया है। इन 71 नक्सलियों में से कई हथियार बंद नक्सली थे।
बस्तर संभाग में चलाये जा रहे आत्मसमर्पण और पुनर्वास-पूना मारगेम यानी कि पुनर्वास से पुनर्जीवन अभियान और दंतेवाड़ा जिले में चलाये जा रहे लोन वर्राटू यानी कि घर वापस आईये अभियान से प्रभावित होकर 71 माओवादियों ने सरेंडर किया। इसमें 21 महिलाएं और 50 पुरुष शामिल हैं।
सरेंडर करने वाले माओवादियों में ईनामी नक्सलियों के अलावा कई अपने-अपने क्षेत्र में नक्सली बंद सप्ताह के दौरान रोड खोदना, पेड़ काटना, नक्सली बैनर, पोस्टर एवं पाम्प्लेट लगाने जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
इन 71 माओवादियों को आत्मसमर्पण कराने में डीआरजी/बस्तर फाईटर्स, विशेष आसूचना शाखा दन्तेवाड़ा/जगदलपुर, 111वीं वाहिनी सीआरपीएफ, 195वीं वाहिनी सीआरपीएफ, 230वीं वाहिनी सीआरपीएफ एवं 231वीं वाहिनी सीआरपीएफ का विशेष योगदान रहा।
सरेंडर माओवादियों को पुनर्वास नीति के तहत् 50 हजार रूपये की सहायता राशि के साथ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधायें जैसे स्किल डेवलपमेंट हेतू प्रशिक्षण, कृषि भूमि इत्यादि मुहैया कराई जाएगी।
पूना मारगेम यानी कि पुनर्वास से पुनर्जीवन अभियान बस्तर रेंज के माओवादी प्रभावित जिलों में शांति स्थापना, पुनर्वास और सामाजिक पुनर्स्थापना की दिशा में चलाए जा रहा अभियान है।
इसी तरह ‘लोन वर्राटू’ गोंडी भाषा में घर लौटो अभियान दंतेवाड़ा पुलिस ने शुरू किया था। यह जन-जागरूकता और विष्वास-स्थापना अभियान है, जिसके माध्यम से माओवाद प्रभावित ग्रामीणों और कैडरों को मुख्यधारा में लौटने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
इस अभियान के तहत अब तक 1000 से अधिक नक्सलियों को सरेंडर किया जा चुका है। पूना मारगेम उसी सोच को विस्तार देने वाला कदम है, जिसमें आत्मसमर्पण करने वालों को सम्मान, पुनर्वास और भविष्य निर्माण के ठोस अवसर दिए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर, पिछले 19 महीनों में दंतेवाड़ा जिला में 129 ईनामी माओवादी सहित कुल 461 से अधिक माओवादियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा को अपनाया है। माओवादियों की वरिष्ठ नेतृत्व से लेकर आधार क्षेत्र के सक्रिय कैडर तक बड़ी संख्या में माओवादी संगठन से अलग हो चुके हैं।
लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 297 ईनामी माओवादियों सहित कुल 1113 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण जिसमें जिला दन्तेवाड़ा के साथ-साथ सीमावर्ती जिलों बस्तर, बीजापुर एवं नारायणपुर के 887 पुरूष माओवादी तथा 226 महिला माओवादी शामिल है।
खबर अपडेट की जा रही है।
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