नारायणपुर। सीपीआई माओवादी पार्टी यानी कि माओवादी संगठन की टॉप लीडरशिप में से आधे नेताओं को फोर्स ने खत्म कर दिया है। बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने दो केन्द्रीय कमेटी (सीसी) सदस्यों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद नारायणपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बात का खुलासा किया है।
बस्तर आईजी ने कहा, ‘माओवादी पार्टी में 19 केंद्रीय कमेटी सदस्य थे। इनमें से महासचिव बसवराजू सहित 9 सदस्यों को फोर्स ने मार गिराया है। वहीं, एक नक्सली लीडर सुजाता ने सरेंडर कर दिया है। इससे 10 लीडर खत्म हो गए हैं।’
आईजी ने बताया कि कल नारायणपुर और महाराष्ट्र के सीमांत एरिया मे हुई मुठभेड़ में मारे गए दो माओवादी राजू दादा और कोसा दादा सीसी मेंबर थे। इन दोनों को मिलाकर अब तक 9 सीसी मेंबर मारे जा चुके हैं।

इसके साथ ही आईजी ने ऐलान किया कि जल्द ही माओवादी संगठन को पूरी तरीके से खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब बस्तर में छोटे नक्सल कैडर इन आंध्रा के बड़े नक्सल नेताओं के ढाल नहीं बन रहे हैं। वे मुठभेड़ मे बड़े नेताओं को छोड़ भाग जा रहे है। वे अपील भी कर रहे हैं कि नक्सल संगठन को छोड़ मुख्यधारा में जुड़े।
पी सुन्दरराज ने उदाहरण देते हुए बताया कि माओवादियों के सेंट्रल कमिटी महासचिव के मुठभेड़ के समय भी स्थानीय जनमिलिशिया सदस्य और स्थानीय नक्सलियों ने टॉप लीडरो का साथ नहीं दिया। इसी तरह कल के मुठभेड़ मे भी टॉप लीडर्स को स्थानीय माओवादियों का साथ नहीं मिला। यही वजह है कि मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सीसी मेंबर्स का शव आसानी से रिकवर हो जाता है।
आईजी ने बताया कि राजू दादा और कोसा दादा पर कुल 91 क्रीमनल केस दर्ज थे। इन माओवादियों पर अलग-अलग राज्यों मे मिलाकर हर एक पर 1 करोड़ 80 लाख का इनाम घोषित है। इन दोनों माओवादियों पर पुरे बस्तर संभाग मे सैकड़ो सुरक्षा बलों के जवानों और सिविलियनों के हत्या के मामले दर्ज हैं।

IG सुन्दरराज ने कहा कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के खिलाफ चलाए जा रहे निर्णायक अभियानों से संगठन को बड़ी चोट पहुंची है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल बस्तर की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा कर रहे हैं।
आईजी ने माओवादी कैडरों और उनके नेतृत्व से अपील की है कि वे यह स्वीकार करें कि माओवादी आंदोलन अब अपने अंत की ओर है। यह समय है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटें और सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सुरक्षा और लाभ प्राप्त करें।
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