रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित बन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद रिटायर्ड IAS डॉ आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने कोर्ट में सरेंडर किया। कोर्ट ने सरेंडर स्वीकार लिया। जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दोनों को नान केस में गिरफ्तार कर लिया।
दोनों की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चार हफ्ते की रिमांड मांगी गई है। ईडी कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
इससे पहले आलोक शुक्ला लगातार दो दिन कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे लेकिन ईडी ने केस डायरी न होने का हवाला देते हुए सोमवार तक गिरफ्तार करने की बात कही, जिसके बाद आलोक शुक्ला सोमवार को सरेंडर करने कोर्ट पहुंचे।
खाद्य विभाग के तात्कालीन सचिव और रिटायर्ड आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला और नान के एमडी अनिल टुटेजा को नान घोटाले में आरोपी बनाया गया था। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से आलोक शुक्ला के साथ पूर्व आईएएस और शराब घोटाले में जेल में बंद अनिल टुटेजा को अग्रिम जमानत मिली थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद ईडी नान घोटाले में दोनों अफसरों को गिरफ्तार करेगी। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, दोनों अधिकारियों को पहले दो हफ्ते ईडी की कस्टडी में रहना होगा। उसके बाद दो हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों ने 2015 में दर्ज नान घोटाला मामले और ईडी की जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।