रायपुर। लखनऊ
अलग-अलग राज्यों के दो बीजेपी नेता नाबालिगों के खिलाफ मामलों से चर्चा में आ गए हैं। एक मामला यूपी के सिद्धार्थनगर जिले से जुड़ा है। जिला उपाध्यक्ष का वह वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें वह नाबालिग के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे हैं। जिसमें बाद पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर में भाजपा मंडल महामंत्री को कोर्ट में पांच साल की सजा सुनाई है। यह मामला भी पॉक्सो एक्ट का है।
यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक नेता से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। बीजेपी ने अपने जिला उपाध्यक्ष गौरी शंकर अग्रहरि को एक अश्लील वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तत्काल प्रभाव से पार्टी से बाहर कर दिया। इस वीडियो में गौरी शंकर को एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया।
बीते रविवार की शाम को यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसके बाद जिले में खलबली मच गई और राजनीतिक हलकों में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। यह वीडियो करीब एक सप्ताह पुराना बताया जा रहा है और बांसी तहसील क्षेत्र के एक कमरे में किसी महिला द्वारा रिकॉर्ड किया गया था।
किशोरी के नाबालिग होने की जानकारी सामने आने के बाद यह मामला और भी संगीन हो गया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमला बोलना शुरू कर दिया है और तीखे सवाल उठा रहे हैं।
मामला तूल पकड़ता देख बीजेपी जिला अध्यक्ष की रिपोर्ट और क्षेत्रीय अध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श के बाद प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल ने गौरी शंकर अग्रहरि को निष्कासित करने का निर्देश जारी किया। बीजेपी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पार्टी अपने मूल्यों और सिद्धांतों के खिलाफ किसी भी तरह के कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस तरह का व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है।
गौरी शंकर अग्रहरि बीजेपी के साथ लगभग तीन दशकों से जुड़ा था। साल 2020 में उन्हें जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 2023 में बांसी नगरपालिका चुनाव में उन्होंने पार्टी से टिकट की मांग की थी, लेकिन नहीं मिला।
बीजेपी मंडल महामंत्री महेश कश्यप को पांच साल सजा
गरियाबंद जिले के मैनपुर में भाजपा मंडल महामंत्री महेश कश्यप को नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोप में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पांच साल की कैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने धारा 354, 454 और पॉक्सो एक्ट के तहत यह फैसला सुनाया।
घटना जून 2022 की है, जब महेश कश्यप ने एक नाबालिग लड़की को 2,000 रुपये का प्रलोभन देकर अश्लील हरकत की और उससे छेड़छाड़ की। पीड़िता ने इसकी शिकायत अपने परिजनों से की, जिसके बाद 4 जून 2022 को पुलिस में मामला दर्ज हुआ।
शुरुआत में कश्यप 27 दिन जेल में रहे और फिर जमानत पर रिहा हो गए। हालांकि, अदालत में 8 गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया। न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने मामले की सुनवाई 3 साल 3 महीने तक चली और अंततः कश्यप को सजा सुनाई गई।