[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
जानिए कौन हैं देश नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत
ट्रंप और जिनपिंग की मुलाकात में पक्‍की हो गई डील !
बॉम्बे हाईकोर्ट के दखल के बाद किसानों का रेल रोको आंदोलन स्‍थगित
एनकाउंटर में मारा गया 17 बच्‍चों का किडनैपर, घटना अंजाम देने के पीछे थी ये वजह- देखिए वीडियो
‘आमार सोनार बांग्ला’ गीत पर सियासी बवाल: एक्‍शन में असम के सीएम, BJP बोली ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ बनाना चाहती है कांग्रेस
मोदी के नाम का इस्तेमाल करने वाले थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर नरेंद्र मोदी स्टडीज’ पर CBI ने की FIR
राहुल के नाचने वाले बयान पर बीजेपी ने चुनाव आयोग से की शिकायत
बिहार में खूनी खेल, मोकामा में RJD नेता की हत्‍या, JDU प्रत्‍याशी अनंत सिंह के समर्थकों पर आरोप
दिल्ली पुलिस का हलफनामा, पूरे भारत में दंगे की साजिश अंजाम देना चाहते थे उमर खालिद और अन्य आरोपी
पीएम मोदी के आने से पहले निःशक्त आंदोलनकारियों की तालाबंदी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस रिपोर्ट

बिहार: चुनावी मौसम के बीच Gen Z को क्यों पीटा बिहार पुलिस ने?

राहुल कुमार गौरव
राहुल कुमार गौरव
Byराहुल कुमार गौरव
Follow:
Published: September 14, 2025 2:55 PM
Last updated: September 15, 2025 3:11 PM
Share
Bihar assembly elections
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

Bihar Katha : चुनावी अभियान को देखते हुए अगस्त महीने में बिहार के शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई)- 4 की तिथि की घोषणा कर दी। विद्यार्थी इसका बड़े दिनों से इंतजार कर रहे थे। इसके अलावा, शिक्षा मंत्री ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी एसटीईटी की भी घोषणा की है। गौरतलब है कि इस परीक्षा में बिहार की मूल निवासी महिला को 35% आरक्षण और नई डोमिसाइल नीति के प्रावधानों पर अमल किया जाएगा।

खबर में खास
चुनावी मौसम में भी युवाओं की नहीं सुन रही सरकारडोमिसाइल लागू होते सीटों में कटौती क्यों?लाठीचार्ज क्यों हुआ?

सरकार की इस घोषणा के बाद सरकार तमाम विज्ञापन के माध्यम से रोजगार पर पेपर ऐड बना रही है, वहीं मेन स्ट्रीम मीडिया में भी इसकी काफी तारीफ हो रही है। इस फैसले के कुछ दिनों के बाद से ही छात्र-छात्राओं का पटना में प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शन ऐसा कि छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज करने की नौबत आ गई। बिहार में युवाओं पर लाठीचार्ज की खबर आम हो चुकी है। इससे पहले दिसंबर 2024 में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर तीन दिन के दौरान दो बार लाठीचार्ज किया गया था। इसके अलावा कई छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया था। 

हम जानने की कोशिश करते हैं, चुनाव से कुछ दिन पहले आखिर सरकार को छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज क्यों करना पड़ा?

चुनावी मौसम में भी युवाओं की नहीं सुन रही सरकार

छात्र संघ से जुड़े अंशु अनुराग बताते हैं,  ‘बिहार के चुनावी मौसम के बीच पटना में छात्र सड़कों पर हैं। इन्हें उम्मीद थी कि सरकार उनकी सुनेगी, क्योंकि दो महीने बाद उनके वोट से अगली सरकार तय होनी है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हर बार की तरह इस बार भी कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए पुलिस सामने आई। लाठियों के बल पर छात्र-छात्राओं को खदेड़ा गया। किसी ने नहीं बताया कि आखिर इनकी गलती क्या है? कुछ के माता-पिता भी प्रोटेस्ट में शामिल होने आए थे। लेकिन कुछ हल नहीं निकला।’

बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले निशांत अनु का कहना है, ‘बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने घोषणा की थी कि STET की परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी। जबकि 2023 के बाद से अभी तक एक बार भी STET परीक्षा आयोजित नहीं की गई है।’

सहरसा जिले के प्रदीप मंडल भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे। वह बताते हैं कि ‘शिक्षक की तैयारी कर रहे छात्र बीते दो वर्षों से परीक्षा की तारीख घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, सरकार और परीक्षा समिति ने अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। ऐसे में सड़क पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’

सुपौल जिले के वीणा पंचायत के बिपुल के मुताबिक STET परीक्षा आयोजित नहीं होने से अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी है। चुनाव की वजह से सरकार लगातार घोषणा पर घोषणा कर रही है, लेकिन  लाखों बेरोजगार शिक्षकों की मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों की मांग है कि TRE-4 परीक्षा आयोजित करने से पहले STET की परीक्षा कराई जाए और उसके परिणाम चुनाव से पहले जारी किए जाएं। यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है। 

सूचना जनसंपर्क विभाग के मुताबिक चौथे चरण की शिक्षक भर्ती से पहले एसटीइटी का आयोजन होगा। आठ सितंबर से इसके लिए अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे एवं 16 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन भर जा सकते हैं। परीक्षा चार अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच आयोजित की जाएगी। परीक्षाफल का प्रकाशन एक नवंबर को किया जाएगा।

एसटीईटी के रिजल्ट के बाद बिहार लोक सेवा आयोग टीआरई-4 की परीक्षा के लिए आवेदन लेगा। टीआर-4 के लिए अभ्यर्थी 16 दिसंबर से लेकर 19 दिसंबर तक परीक्षा देंगे। परीक्षाफल का प्रकाशन अगले साल 20 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक कर दिया जाएगा।  सरकार ने दावा किया कि सभी परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से होंगी।

डोमिसाइल लागू होते सीटों में कटौती क्यों?

इस प्रदर्शन के नेतृत्व में शामिल छात्र नेता दिलीप बताते हैं कि, ‘डोमिसाइल लागू नहीं होने से पहले लाखों पदों पर बहाली की बात होती थी। 50 हजार और 80 हजार के बाद 1.20 लाख पदों पर वैकेंसी का दावा किया गया था। अब डोमिसाइल लागू होते ही सीटों की संख्या घटा दी गई है। सिर्फ 27,910 पदों की वैकेंसी से साफ है कि पहले बाहर के युवाओं को नौकरी देने के लिए आंकड़े बढ़ाए जाते थे, और अब बिहार के युवाओं के साथ छल किया जा रहा है।’

अपना हक मांगने पर इस तरह से नीतीश सरकार द्वारा छात्र नेता दिलीप कुमार को गिरफ्तार कर कोतवाली थाने ले जाया गया है। यह बेहद अन्यायपूर्ण है। pic.twitter.com/QhWArsNC25

— Pratik Patel (@PratikVoiceObc) September 9, 2025

आगे वह बताते हैं, ‘मंगलवार यानी 9 अगस्त को हुए प्रदर्शन में मुझे जबरन घसीट कर गाड़ी में बैठाया गया और धक्का दिया गया, जिससे मैं गर गया। मेरे शरीर पर कई जगह चोटें आई। छात्रों का सब्र टूट चुका है। 1.20 लाख पदों की वैकेंसी जारी की जाए, नहीं तो छात्र सड़कों पर उतरकर और बड़ा आंदोलन करेंगे।’ छात्र संघ से जुड़े अंशु अनुराग के मुताबिक छात्र अपराधी नहीं हैं। यह सिर्फ अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार हमें दबाने के लिए बर्बरता दिखा रही है। 

लाठीचार्ज क्यों हुआ?

मंगलवार और गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज किया गया है। स्थानीय पत्रकार प्रतिभा सिंह के मुताबिक गुरुवार को जब छात्र पटना विश्वविद्यालय से विधानसभा मार्च के लिए जा रहे थे, तभी पुलिस के द्वारा बैरिकेडिंग कर छात्र-छात्राओं को रोकने की कोशिश की गई। इसके बाद उन पर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए।”

कई छात्रों को यह भी आशंका है कि चुनाव खत्म होते ही यह परीक्षा टल जाएगी। हजारों छात्र-छात्राओं ने सालों से तैयारी की है, ऐसे में यह विलंब बेहद निराशाजनक है।

बिहार में TRE-4 के प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की बर्बर लाठीचार्ज ने बड़ा सवाल खड़ा किया है। क्या सरकार छात्रों की आवाज़ से इतनी डर गई है? नौकरियों के सपनों को लाठियों से कुचला नहीं जा सकता। लोकतंत्र में युवा की मांग सुनी जाती है, दबाई नहीं जाती।

लेकिन BJP या NDA के राज… pic.twitter.com/t5JTVc8q2O

— Dr. Laxman Yadav (@DrLaxman_Yadav) September 10, 2025

इस घटना के बाद छात्रों के पांच  सदस्य प्रतिनिधि मंडल ने बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात की। छात्र नेता सौरभ ने कहा कि, ‘मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया था कि आपकी जो मांग है, उसे सरकार जल्द ही पूरा करेगी। इसके बाद छात्रों का प्रदर्शन डाकबंगला चौराहे पर समाप्त हुआ और छात्र वापस लौटे। हालांकि अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।’

छात्रों पर लाठी चार्ज के अलावा 9 सितंबर को जमीन सर्वे के बर्खास्त संविदा कर्मियों पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कुछ का सिर फट गया तो कई कर्मी घायल हुए। विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी संघ से जुड़े रंजीत कुमार बताते हैं कि, ‘संपूर्ण बिहार के हज़ारों संविदा कर्मी 16 अगस्त से हड़ताल पर हैं। हड़ताल पर जाने के बाद से 8,000 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। ऐसे में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।’

बिहार मे सरकार के खिलाफ युवाओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है , युवा अब रोजगार मांग रहे है , लेकिन रोजगार तो छोड़ो इनकी तो नौकरी छीन ली गयी ,

आज पटना मे संविदा कर्मी पर पुलिसवालों ने सिर पर लाठीचार्ज किया , जिसके बाद सुनिए युवाओ ने क्या कहा 👇 pic.twitter.com/O8QZmDgkmu

— Nargis Bano (@Nargis_Bano78) September 10, 2025

छात्र खुलकर बोलने लगे हैं कि बिहार में जिस तरह से नीतीश जी छात्रों पर लाठीचार्ज करवा रहे हैं, उससे पता चलता है कि उनकी सेहत के साथ साथ उनके दिन भी बुरे चलने वाले हैं।

TAGGED:bihar kathaLatest_NewsTRE
Previous Article Narendra Modi असम में PM मोदी ने फिर से नेहरू पर साधा निशाना, कहा – 1962 में जो घाव दिया वह अभी तक भरा नहीं
Next Article Tejashwi Yadav 243 सीटों पर तेजस्वी के चुनाव लड़ने के ऐलान से बिहार की राजनीति में खलबली
Lens poster

Popular Posts

सुप्रीम कोर्ट से एमपी ई-टेंडरिंग प्रकरण में ईडी का केस खारिज

तेलंगाना हाई कोर्ट पहले ही कर चुका है रद्द, गोपाल रेड्डी और एमएस राजू को…

By Lens News Network

देश के खुफिया चीफ छत्‍तीसगढ़ में क्‍यों?

रायपुर। छत्‍तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर चल रहे देश में अब तक के…

By दानिश अनवर

जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की झोली में रसायन विज्ञान का नोबेल

लेंस डेस्‍क। 2025 का रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार जापान के सुसुमु कितागावा, ऑस्ट्रेलिया के रिचर्ड…

By अरुण पांडेय

You Might Also Like

Godavari factory accident
छत्तीसगढ़

गोदावरी फैक्ट्री हादसे के मृ़तकों को 45-45 लाख का मुआवजा, 10 हजार पेंशन और नौकरी भी, घायलों को कुछ नहीं, मैनेजमेंट के खिलाफ FIR

By दानिश अनवर
Pen and politics
सरोकार

आंबेडकर, कांशीराम और राहुल की कलम

By सुदीप ठाकुर
Malegaon Blast Case
देश

Malegaon Blast Case : आरोपियों की रिहाई पर क्या कह रहे राजनीतिक दिग्गज

By आवेश तिवारी
Bihar assembly elections
लेंस रिपोर्ट

बिहार: वोटर अधिकार यात्रा के जरिए महागठबंधन में कांग्रेस और राज्य में वोट चोरी का मुद्दा मजबूत हो रहा

By राहुल कुमार गौरव

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?