बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उम्र निर्धारण को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उम्र निर्धारण के लिए केवल मैट्रिक सर्टिफिकेट को ही अंतिम आधार माना जाएगा। अन्य मेडिकल दस्तावेज, डॉक्यूमेंट या मौखिक साक्ष्य पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
यह फैसला भानुप्रतापपुर पॉक्सो केस की सुनवाई के दौरान लिया गया। हाईकोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोपी योगेश पटेल की अपील को खारिज कर दिया।
आरोपी ने पॉक्सो एक्ट हटाने और अपनी सजा को कम करने के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उसके पक्ष में कोई राहत देने से इनकार कर दिया। विशेष कोर्ट द्वारा दी गई 10 साल की सजा को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा। सुनवाई के दौरान स्कूल रिकॉर्ड से साबित हुआ कि पीड़िता की उम्र 16 साल 9 महीने थी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि मैट्रिक सर्टिफिकेट के आधार पर ही उम्र का निर्धारण होगा, और इस मामले में पीड़िता की उम्र सही पाई गई। कोर्ट ने आरोपी के तर्कों को नामंजूर करते हुए सजा को उचित ठहराया।
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