पटना। Vote Adhikar Yatra: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार के रोहतास जिले से वोट अधिकार यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस यात्रा का मकसद राज्य में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) ऑफ इलेक्टोरल रोल्स के खिलाफ विरोध दर्ज कराना है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। मतदाताओं के अधिकारों से समझौता किया जा रहा है। कांग्रेस इन दिनों वोट चोरी अभियान भी चला रही है।
राहुल गांधी की 17 दिन की यात्रा शुरू होने से पहले बिहार में सियासी माहौल गरम है। सत्ता की सहयोगी भाजपा इस यात्रा के खिलाफ माहौल बनाने के लिए आलोचनाएं कर रही है।
वहीं राहुल गांधी ने “वोट चोरी” के आरोपों को लेकर एक वीडियो जारी कर दिया है। इसके साथ उन्होंने कैप्शन लिखा, “चोरी चोरी, चुपके चुपके… अब और नहीं, जनता जाग गई है।”
इस वक्त बिहार दौरे पर मौजूद स्वतंत्र पत्रकार रोहित अनिल त्रिपाठी बताते हैं कि यात्रा के जरिए कांग्रेस उन युवाओं तक पहुंच बनाना चाहती है, जो मौजूदा एनडीए सरकार से नाराज हैं। बिहार की जाति आधारित राजनीति में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर जनता से सीधा संवाद कर अपनी कमजोर स्थिति सुधारना चाहती है। भाजपा इसे गैर-मुद्दा बताती है, लेकिन विपक्ष इसे लोकतंत्र की जीत के रूप में देख रहा है। तो इस यात्रा का कितना लाभ विपक्षी गठबंधन को मिलता दिखाई दे रहा? इस सवाल पर रोहित बताते हैं, “इसका आकलन तुरंत कर पाना जल्दबाजी होगी। बिहार में कांग्रेस अकेले दम पर बड़ी पार्टी के तौर भले नहीं है, लेकिन इस यात्रा से पहले राहुल गांधी ने वोट चोरी का जो मुद्दा उछाला है, वह चौक चौपालों पर चर्चा का विषय तो बन ही गया है। साथ ही आरजेडी कार्यकर्ता इसी मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।“
यात्रा में इंडिया गठबंधन के सभी दल के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी इसमें भाग लेंगे। कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि 17 अगस्त से वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत हो रही है। यह यात्रा बिहार के करीब 24 जिलों से गुजरेगी, जिनमें 118 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यात्रा सासाराम से शुरू होकर गया, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा समेत कई जिलों से गुजरेगी और पटना के गांधी मैदान पर एक बडी रैली के साथ समाप्त होगी।
चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है और कांग्रेस महागठबंधन के साथ मिलकर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है। एसआईआर प्रक्रिया में करीब 65 लाख नाम हटाए जाने की खबरों ने विवाद पैदा किया है, जिसमें विपक्ष का दावा है कि गरीब, एससी-एसटी और विपक्षी समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को हटाए गए नामों की सूची और कारण 19 अगस्त तक प्रकाशित करने का आदेश दिया है।
सियासी बयानबाजियों से माहौल बनाने की कोशिश
वोट अधिकार यात्रा पर भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद तंज कसते हुए कहते हैं ” राहुल गांधी यात्रा पदयात्रा करें, आयोग को गाली देते हैं, संविधान को शर्मिंदा करते हैं। उनकी यात्रा चलती रहती है लेकिन हर बार हार जाते हैं।” वहीं बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू ने कहा, “एनडीए की सरकार मजबूती से काम कर रही है। विपक्ष को यह रास नहीं आ रहा है इसलिए तरह-तरह की यात्राएं निकाल रहे हैं। राहुल गांधी आ रहे हैं, पूरा देश उन्हें पप्पू कह रहा है, यहां ढप्पू भी साथ है। पप्पू-ढप्पू मिलकर सिर्फ भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। ये लोग फर्जी वोटर के संरक्षक हैं।”
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने मंत्री नीरज बबलू के बयान पर जवाब देते हुए कहा, “भाजपा वाले कुछ भी बोल रहे हैं। ऊंट बैठ भी जाए तो गधे से ऊंचा होता है। हाथी चले बाजार, कुत्ता भोंके हजार। हमारे नेता राजनीति करने नहीं बल्कि बिहार और बिहारी के अधिकार के लिए आ रहे हैं। एससी, एसटी, दलित और गरीब का नाम मतदाता सूची से काटा गया है, उसके लिए राहुल गांधी आ रहे हैं।”
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सासाराम में इंडिया ब्लॉक नेताओं के साथ बैठक की और यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने एक्स पर कहा, “लोकतंत्र बचाने की लड़ाई सड़क पर लड़ी जाएगी। 17 अगस्त से विपक्षी दलों के साथ राहुल गांधी बिहार में वोट अधिकार यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा वोट चोरी के खिलाफ बडे़ आंदोलन का रूप लेगी।” कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारु ने कहा कि राहुल गांधी देश में वोट को मजबूत करने निकले हैं। वह भारत के संविधान, लोकतंत्र और मतदाताओं को मजबूत करने बिहार आ रहे हैं। यात्रा बिहार में मतदाता सूची में संशोधन के खिलाफ और वोट चोरी के खिलाफ लड़ाई को एक जन आंदोलन बनाने के लिए की जा रही है।