लेंस डेस्क। 50% tariff on India : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को डबल झटका दे दिया है। उन्होंने 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने वाला एक कार्यकारी आदेश जारी किया। अमेरिका का कहना है कि यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीदारी के जवाब में उठाया गया है। इसके साथ ही भारत पर अब कुल 50 प्रतिशत शुल्क लागू होगा।
मंगलवार को ट्रंप ने कहा था कि भारत अमेरिका के साथ भारी व्यापार करता है, लेकिन अमेरिका को इस व्यापार से उतना लाभ नहीं हो रहा। इसलिए भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का निर्णय लिया गया, जो 7 अगस्त से प्रभावी होगा। हालांकि उन्होंने अगले 24 घंटों में इस शुल्क को और बढ़ाने की बात भी कही।
ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार में संतुलन की कमी है। भारत का रूस के साथ व्यापार यूक्रेन के खिलाफ रूसी युद्ध मशीन को समर्थन दे रहा है। इस कारण अमेरिका को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पड़ी।
भारत सरकार ने क्या कहा
ट्रंप प्रशासन की नई नीति की घोषणा पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है और जवाबी कदम उठाने की बात कही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि अमेरिका ने हाल ही में भारत के रूस से तेल आयात को बार-बार निशाना बनाया है।
उन्होंने कहा, “हमारा रुख पहले ही साफ है। हम बाजार की परिस्थितियों और अपनी जनता की ऊर्जा जरूरतों के आधार पर निर्णय लेते हैं। “उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका का भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला बेहद खेदजनक है, क्योंकि अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों के लिए ऐसा करते हैं।
भारत इसे अनुचित और अन्यायपूर्ण मानता है और अपने हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। यह तीन दिनों में दूसरा मौका है जब भारत ने ट्रंप के विवादास्पद बयानों पर कड़ा ऐतराज जताया है।
राहुल गांधी ने बताया, आर्थिक दबाव की रणनीति
इस बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ के ऐलान को आर्थिक दबाव की रणनीति करार दिया। बुधवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर राहुल ने लिखा कि यह भारत को अनुचित व्यापार समझौते के लिए मजबूर करने की कोशिश है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को अपनी कमजोरियों को देश के हितों पर भारी नहीं पड़ने देना चाहिए।”