रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की अदालत में पेशी के बाद उनकी न्यायिक हिरासत को और बढ़ा दिया गया है। चैतन्य को 18 अगस्त तक के लिए रिमांड पर भेजा गया है।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच चैतन्य को रायपुर की सेंट्रल जेल से कोर्ट में पेश किया था। इससे पहले वह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चैतन्य को शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी का दावा है कि चैतन्य ने अपनी कंपनियों में इस घोटाले से जुड़े धन का निवेश किया।
चैतन्य के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि उनकी न्यायिक हिरासत को 14 दिन और बढ़ाया गया है। ईडी को कोर्ट ने सात दिन के भीतर चालान पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जमानत की अर्जी को हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया है। वकील ने कहा कि वे अदालत के अगले फैसले के अनुसार कदम उठाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य को झटका देते हुए उनकी गिरफ्तारी से संरक्षण की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने दोनों को हाईकोर्ट का रुख करने को कहा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों की शक्तियों से संबंधित एक अन्य याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है, जिस पर 6 अगस्त को विचार होगा। कोर्ट ने टिप्पणी की कि पीएमएलए कानून पर सवाल अक्सर तभी उठाए जाते हैं, जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति गिरफ्तार होता है।
रायपुर जेल में हैं चैतन्य
शराब घोटाले के मामले में ईडी ने 20 जुलाई 2025 को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। तब से वह रायपुर जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच 2100 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ, जिसका सारा धन चैतन्य ने प्रबंधित किया।