[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
एशिया कप : भारत ने पाक को हराया, 16वें ओवर में ही कप्तान ने छक्का मारकर जिताया
गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी के अंतिम संस्कार का खर्च उठाने से बीजेपी ने किया इंकार
छत्तीसगढ़ के कॉलेजों में 625 असिस्टेंट प्रोफेसर की होगी भर्ती
स्ट्रेन्जर्स पार्टी का आयोजन और प्रमोशन करने वाले 7 लोग गिरफ्तार
अब भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष पर युवती ने लगाया यौन शोषण का आरोप
थाने में खुद को आग लगाने वाली महिला की इलाज के दौरान मौत
विधायक ने राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा – बड़े पैमाने पर हो रही आदिवासियों के पुश्तैनी जमीन की खरीद बिक्री
243 सीटों पर तेजस्वी के चुनाव लड़ने के ऐलान से बिहार की राजनीति में खलबली
बिहार: चुनावी मौसम के बीच Gen Z को क्यों पीटा बिहार पुलिस ने?
असम में PM मोदी ने फिर से नेहरू पर साधा निशाना, कहा – 1962 में जो घाव दिया वह अभी तक भरा नहीं
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
सरोकार

आईआईटी, एमबीए, यूपीएससी, पीएससी परीक्षा में जुटे नौजवान गौर करें

अपूर्व गर्ग
Last updated: August 4, 2025 10:39 pm
अपूर्व गर्ग
Byअपूर्व गर्ग
स्वतंत्र लेखक
स्वतंत्र लेखक
Follow:
- स्वतंत्र लेखक
Share
upsc aspirant
SHARE

मैं ये मान कर चलता हूं आप सब सफलता के पथ पर अग्रसर हैं। सफल होंगे या हो चुके होंगे या अपनी मंजिल के करीब हैं। ये पूरी प्रक्रिया संघर्ष के पथ से गुजरती है। जीवन के आसमान पर संघर्ष के बादल हमेशा छाए रहते हैं, चाहे कितनी ही ऊंचाइयां छू लें।

इन ऊंचाइयों तक पहुंचने ही नहीं बने रहने के लिए संतुलन चाहिए। आकाश छू लीजिये पर जमीन कभी न छोड़ें !

जमीन के भीतर जड़ें जितनी मजबूत रहेंगी कितनी ही ऊंचाई तय कर लीजिये जड़ें आपको थामे रहेंगी। जमीन से जुड़े होने के लिए जरूरी है जमीनी समझ, जमीन के लोगों को समझना, जमीनी हालत समझना।

प्रिय नौजवानों ये जमीनी समझ सिर्फ विश्वविद्यालयों, कोचिंग इंस्टिट्यूट या नौकरी के दफ्तरों से नहीं मिलेगी….इसके लिए कोर्स से इतर पढ़ना होगा जमीनी लेखकों को, जनता के लेखकों को और इसके लिए पहला नाम है प्रेमचंद।

गांव के गरीबों के लेखक प्रेमचंद, किसानों के संघर्षों के लेखक प्रेमचंद, नारी प्रश्नों को उठाते प्रेमचंद, खासकर अपने साहित्य से युवाओं को प्रेरित करते प्रेमचंद। प्रेमचंद के उपन्यास वरदान, सेवासदन, प्रतिज्ञा, निर्मला, गबन नारी समस्याओं से रू-ब-रू करवाते हैं तो प्रेमाश्रम जैसे कई उपन्यास आपको किसानों से परिचित करवाएंगे।

प्रेमचंद की ‘मंत्र’ कहानी पढ़कर एक युवक जगह -जगह उन्हें ढूंढता रहा सिर्फ ये बताने के लिए कि कैसे ‘मंत्र’ पढ़ने के बाद वो प्रेरित हुआ और लगातार सफल हुआ। बड़े घर की बेटी और पांच परमेश्वर जैसी कई कहानियों को पढ़कर आपने यदि सच्चा रास्ता चुना है, तो अपने आदर्शों पर मजबूती से कायम रह सकते हैं। आईआईटी, इंजीनियरिंग कर फील्ड में जा रहे हैं तो जरा ‘सज्जनता का दंड’ कहानी पर निगाहें इनायत करियेगा।

इसमें प्रेमचंद व्यंग्य के साथ आगाह करते हैं ” इंजीनियरों का ठेकेदार से कुछ ऐसा ही संबंध है, जैसा मधुमक्खियों का फूलों से …यह मधुरस कमीशन कहलाता है। रिश्वत लोक और पसरलोक दोनों का ही सर्वनाश कर देती है ….।” अगर पहले ही से मन ‘मधुरस ‘ के लिए ललक रहा तो कुछ नहीं कहना पर अगर कहीं सेवा भाव बचाना है, तो प्रेमचांद को जरूर पढ़िए।

जब परीक्षा या नौकरी बहुत तनावपूर्ण हो जाए, अवसादग्रस्त हों, कुछ अच्छा न लग रहा हो तब उन बातों को पढ़िए जो प्रेमचंद ने अपने मित्र को अवसाद से उबरने के लिए लिखा। “खेल के मैदान में वही शख़्स तारीफ का अधिकारी होता है जो जीत से फूलता नहीं और हार कर रोता नहीं ….हम सब के सब खिलाड़ी हैं मगर खेलना नहीं जानते। एक बाजी जीती, एक गोल जीता, हिप -हिप हुर्रे के नारों से आसमान गूंज उठा, टोपियां आसमान में उछलने लगीं, भूल गए कि ये जीत दायमी फतह की गारंटी नहीं है , मुमकिन है कि दूसरी बाजी में हार हो ……”

इसी बात को रंगभूमि में प्रेमचंद ने कुछ यूं लिखा है, “सच्चे खिलाड़ी कभी रोते नहीं , बाजी पर बाजी हारते हैं , चोट पर चोट खाते हैं, धक्के पर धक्के सहते हैं पर मैदान में डटे रहते हैं, उनकी त्योरियों पर बल नहीं पड़ते। खेल में रोना कैसा, खेल हंसने के लिए दिल बहलाने के लिए है, रोने के लिए नहीं ..”

खूब अभ्यास करने की सलाह प्रेमचंद एक नौजवान को देते हुए कहते हैं, ”प्रोपोगंडा से बचें तो अच्छा ही है ….संसार की सर्वश्रेष्ठ कहानियां पढ़ते रहा करो और लिखना तो ईश्वरीय शक्ति है। अभ्यास से इसे चमकाया जा सकता है, लेकिन जहां नहीं है वहां पूरा पुस्तकालय पढ़ जाने से भी नहीं आता ..”

फिर दो महीने बाद उस नौजवान की सफलता और अच्छी कहानी पर प्रेमचंद लिखते हैं -” आज तुम्हारा’ ऊंगली का घाव’ पढ़कर मुग्ध हो गया। तुम यहां होते तो तुम्हारा हाथ चूम लेता।

TAGGED:IITLatest_NewsMBAPSCupsc aspirant
Byअपूर्व गर्ग
स्वतंत्र लेखक
Follow:
स्वतंत्र लेखक
Previous Article NISAR Satellite Launch NISAR Satellite Launch: अंतरिक्ष में क्‍या करेगा निसार, NASA-ISRO का है संयुक्‍त अभियान
Next Article trump 25 per cent tariff ट्रंप का मनमाना कदम

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

भारतीयों के लिए ईरान ने खोला हवाई क्षेत्र, एक हजार छात्रों की वतन वापसी

इजरायल और ईरान के बीच फंसे भारतीय छात्रों के लिए राहत की खबर है। भारतीयों…

By The Lens Desk

Judiciary bypassed

The sudden appointment of Shri Gyanesh Kumar as the chief election commissioner of India a…

By The Lens Desk

एंटीबायोटिक प्रतिरोध है एक मूक महामारी

एक सदी पहले, जब अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने पेनीसिलिन की खोज की थी, तो दुनिया को…

By Editorial Board

You Might Also Like

Chhattisgarh Mukhya Sachiv
छत्तीसगढ़

मुख्य सचिव : एक फैसला फैसला न करने का

By दानिश अनवर
opposition Press conference
देश

चुनाव आयोग नाकाम, कठपुतली जैसा व्यवहार, भंग हो लोकसभा’ – जानें विपक्ष ने और क्‍या कहा?

By अरुण पांडेय
Sonam Raghuvanshi
अन्‍य राज्‍य

शिलांग से लापता सोनम गाजीपुर में ढाबे में मिली, पति राजा की हत्या का आरोप, पिता बोले – बेटी बेगुनाह, हिरासत में 4 संदिग्ध

By The Lens Desk
CG Vidhansabha Mansoon Session
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा : RI और प्रोफेसर भर्ती गड़बड़ी में अपने ही विधायकों के सवालों से घिरी साय सरकार

By दानिश अनवर
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?