रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कथित धर्मांतरण और मानव तस्करी के केस में दो ननों की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ से लेकर संसद तक बवाल मचा हुआ है। एक तरफ लोकसभा में यह मामला उठा तो दूसरी तरफ सीपीआई (एम) की वृंदा करात के नेतृत्व में केरल के लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) के सांसदों और प्रतिनिधिमंडल ने दुर्ग जेल में दोनों ननों और आदिवासी युवक से मुलाकात की। इसके बाद रायपुर प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि जिस तरह से दोनों ननों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वह गलत है। बजरंग दल के दबाव में रेलवे पुलिस ने दबाव में एफआईआर की है। छत्तीसगढ़ में इस तरह की फर्जी कार्रवाई बढ़ रही है। वहीं, बजरंग दल ने इस कार्रवाई के बाद सरकार के लीपापोती करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

पूरे केस को फर्जी बताने के साथ ही वृंदा करात ने सवाल किया क्या छत्तीसगढ़ में कोई अलग कानून है, जिसके तहत बजरंग दल और RSS जैसे दलों और संगठनों को कानून हाथ में लेकर हिंसा करने का विशेष पॉवर दिया गया है? मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को लिखे पत्र में भी प्रतिनिधिमंडल ने इस बात का जिक्र किया है कि क्या ऐसे संगठनों के कार्यकर्ताओं के हिंसा करने का विशेष कानून बनाया गया है? प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिलने की कोशिश की, लेकिन सीएम के कैबिनेट बैठक में होने की वजह से दल की मुलाकात नहीं हो सकी।
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वृंदा करात ने कहा कि बजरंग दल जैसे संगठनों को विशेष पॉवर की सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि उन लोगों ने कानून हाथ में लेकर हिंसा की। पुलिस के सामने आदिवासी लड़की को मारा गया और उनसे जबरदस्ती बयान दिलवाने का काम किया कि अपनी से नहीं जा रहे हैं। जिन दो ननों के साथ यह घटना हुई, वह भारत की नागरिक हैं और पिछले 30-40 सालों से गरीबों की सेवा कर रहे हैं। सेवा करने वाले लोगों के साथ पुलिस के सामने जो व्यवहार किया गया, एक नागरिक होने के नाते हमारा सिर शर्म से झुक गया है। वृंदा करात ने बताया कि ननों से बातचीत में उन्हें पता चला कि उन दोनों ननों को विदेशी बताया गया। उनसे बड़ी बदतमीजी की गई है। इससे पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था की स्थिति बड़ी खराब हो गई।
वृंदा करात ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए थी। मानव तस्करी पर कानून बनवाने वाले हम लोग हैं। हमें पता है मानव तस्करी क्या होती है। हमने जो एफआईआर पढ़ी है, उससे यह पता चलता है कि यह पूरा केस मनगढ़ंत कहानियों के आधार पर बनाया गया है। युवतियां नौकरी ढूंढने कहीं भी और किसी के साथ भी जा सकती हैँ। लेकिन, फर्जी केस बनाने के बाद उन युवतियों पर दबाव बनाया जा रहा है। आदिवासी लड़कियां गरीब हैं, जिन्हें गलत तरीके से प्रशासन ने बंधक बनाकर रखा है। बजरंग दल द्वारा छत्तीसगढ़ बंद करने के बयान पर बृंदा करात ने कहा कि छत्तीसगढ़ बंद हो सकता है। लेकिन, संविधान बंद नहीं होगा।
एलडीएफ के प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मांग की गई है कि दोनों ननों के खिलाफ की गई एफआईआर को कोर्ट मे वापस लिया जाए और बिना शर्त उनकी रिहाई कराई जाए। इसके अलावा ननों पर हमला करने और उनके साथ आदिवासियों की पिटाई करने वालों की गिरफ्तारी हो। जिन युवतियों के तस्करी करने का आरोप ननों पर लगा हैं, उन्हें तत्काल माता पिता को सौंपने की मांग भी की है।
सीएम को लिखा पत्र, कहा – एफआईआर वापस ले सरकार
LDF के प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाकपा, माकपा और केरल कांग्रेस (मणि) की तरफ से एक पत्र मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को लिखा गया है। यह पत्र मंगलवार को ही लिखा गया था। प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जेल में ननों से मिलने की अनुमति नहीं देने पर सवाल खड़े किए और इसे जेल नियमावली के खिलाफ बताया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान बनाए गए वीडियो के आधार पर कहा कि देश भर में ननों का अपमान, धमकी और डराना-धमकाना शर्मनाक, गैरकानूनी और असंवैधानिक है। यह और भी जटिल है कि कानून हाथ में लेने वालों को आपकी सरकार का संरक्षण प्राप्त है, यही वजह है कि उनकी खुली गुंडागर्दी के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। क्या छत्तीसगढ़ सरकार ने बजरंग दल और ऐसे ही अन्य संगठनों के तथाकथित “कार्यकर्ताओं” को कानून हाथ में लेने की इजाज़त दे दी है? इनमें एक महिला भी शामिल थी, जिसने ननों को गंदी गालियां दीं और सुरक्षा एजेंसियों की मौजूदगी में आदिवासियों की पिटाई की। वीडियो साक्ष्य उपलब्ध हैं। उसे इस तरह का व्यवहार करने का संरक्षण किसने दिया? हम इस शर्मनाक घटना में शामिल सभी लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं। एफआईआर का हवाला देते हुए लिखा कि एफआईआर देखकर सीधा पता चल रहा है कि यह एक मनगढ़ंत एजेंडा से प्रेरित दस्तावेज है।
दोनों ननों और आदिवासी युवक की जमानत अर्जी खारिज
धर्मांतरण और मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों नन और आदिवासी युवक की तरफ से दुर्ग सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई गई थी, जिसे खारिज कर दी गई है। खारिज करने के पीछे यह वजह बताई गई कि मानव तस्करी का केस सुनने का अधिकार सेशन कोर्ट को नहीं है। मानव तस्करी के केस की सुनवाई NIA कोर्ट बिलासपुर में होगी। वहीं जमानत अर्जी लगाई जाए। यह कहते हुए जज ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। आपको बता दें कि इस केस में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जमानत अर्जी लगाने से पहले एनआईए कोर्ट में अपील करना अनिवार्य है।
भाजपा अध्यक्ष ने ननों की गिरफ्तारी को बताया गलत
भाजपा ने भी छत्तीसगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई को गलत बताया है। केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि गिरफ्तार ननों का धर्मांतरण और मानव तस्करी से कोई संबंध नहीं है। इनकी गिरफ्तारी गलत है। राजीव चंद्रशेखर ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ में पुलिस ने ननों के खिलाफ गलत कार्रवाई की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उन्होंने केरल भाजपा के महासचिव अनूप एंटनी को छत्तीसगढ़ भेजा है और वे छत्तीसगढ़ सरकार से इस संबंध में मुलाकात करेंगे। राजीव चंद्रशेखर पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और हाल ही में उन्हें प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है। बता दें कि भाजपा के महामंत्री अनूप एंटनी इसी सिलसिले में मंगलवार को रायपुर आए और गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की।
डिप्टी सीएम बोले : राजनीति गलत, कानून अपना काम कर रहा
उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को कहा कि दुर्ग जीआरपी थाने में एफआईआर हुई है। बयान के आधार पर एफआईआर हुई है और उसका आधार पर पुलिस के पास है। अबूझमाड़ के क्षेत्र की लड़कियों को ये दोनों नन ले जा रहीं थीं। ऐसी घटनाएं कुछ वर्षों में बढ़ी हैं, इसलिए ये जांच का विषय है। कानून अपना काम कर रही है। वहीं, प्रदेश के दूसरे डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि इस तरह के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए।
सरकार लीपापोती करेगी तो उग्र आंदोलन करेगा बजरंग दल
एक तरफ जहां इस मामले में छत्तीसगढ़ से लेकर केरल और दिल्ली तक राजनीति तेज हो गई है, तो वहीं दूसरी तरफ बजरंग दल इस मामले में उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहा है। बजरंग दल के प्रांत संयोजक ऋषि मिश्रा ने कहा है कि इस मामले में सरकार लीपा पोती करेगी, तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन और चक्का जाम किया जाएगा। प्रदेश भर में क्रिश्चियन धर्मांतरण कर रहे हैं। ऐसे में अगर ननों की गिरफ्तारी के केस में सरकार लीपापोती की कोशिश करेगी, तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।