रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रीमंडल की सोमवार को हुई बैठक में शांति नगर के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है। शांति नगर रिडेवलमेंट प्रोजेक्ट करीब 5 साल पुरानी परियोजना है, लेकिन किन्हीं कारणों से यह रुक गई थी। अब इसे फिर से शुरू होने की अनुमति राज्य कैबिनेट से मिल गई है। शांति नगर के अलावा रायपुर में बीटीआई शंकर नगर को भी शामिल किया गया है। इन दोनों जगहों पर अलग-अलग विभागों, निगम, मंडल और कंपनी के जर्जर मकानों और भवनों को तोड़कर नए तरीके से रिडेवलप किया जाएगा।
इन दोनों जगहों के अलावा राजनांदगांव के कैलाश नगर, जगदलपुर का चांदनी चौक फेस 2, कांकेर सिविल लाइन, महासमुंद क्लब पारा और कोरबा के कटघोर में जर्जर भवनों को तोड़ा जाएगा।
जानकारी के अनुसार शांतिनगर में करीब 35 एकड़ सरकारी जमीन पर कॉलोनी और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के तौर पर डेवलप करने का काम शुरू हुआ था। लेकिन, मकानों को तोड़कर इसे डेवलप करने का प्रोजेक्ट शुरू होना ही था, कि अचानक इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया। अब करीब डेढ़ साल बाद इसे फिर से शुरू करने की तैयारी है।
इसके अलावा कैबिनेट ने किसानों को एक बड़ा फैसला लिया है। कृषक उन्नति योजना में संशोधन कर इसके दायरे को और विस्तृत कर दिया है। अब इस योजना का लाभ खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल लगाने वाले किसानों को भी मिलेगा।
इसके अलावा कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ सरकार के अफसरों और कर्मचारियों के भविष्य में रिटायरमेंट के समय बेहतर फाइनेंशियल मैनेजमेंट के लिए छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन और इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
बैठक में दीर्घकालिक आर्थिक विकास और राजकोषीय स्थिरता बेहतर करने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन और इसके प्रबंधन एवं विनियमन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा लॉजिस्टिक सेक्टर के विकास के लिए छत्तीसगढ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया।