महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 (Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024) में कथित अनियमितताओं को लेकर दायर एक याचिका को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि इस याचिका में कोई ठोस आधार नहीं है और इसकी सुनवाई में कोर्ट का कीमती समय बर्बाद हुआ। हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर कोई जुर्माना नहीं लगाया। जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की बेंच ने यह फैसला सुनाया। याचिका में दावा किया गया था कि 20 नवंबर 2024 को हुए चुनाव में शाम 6 बजे के बाद 75 लाख से ज्यादा वोट डाले गए जो नियमों का उल्लंघन दर्शाता है। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि सभी 288 विधानसभा सीटों के नतीजों को रद्द किया जाए।
क्या है पूरा मामला?
मुंबई के रहने वाले चेतन चंद्रकांत अहिरे ने वंचित बहुजन आघाडी (VBA) के नेता प्रकाश आंबेडकर के समर्थन से यह याचिका दायर की थी। अहिरे का आरोप था कि चुनाव के दिन, 20 नवंबर 2024 को, शाम 6 बजे के बाद असामान्य रूप से ज्यादा वोट डाले गए। साथ ही, 90 से ज्यादा सीटों पर डाले गए और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर पाया गया। याचिका में कहा गया कि चुनाव आयोग ने टोकन सिस्टम और वोटिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी दिखाई, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठे।
चुनाव आयोग और केंद्र का जवाब
चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील आशुतोष कुंभकोनी ने कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ता को पूरे राज्य के चुनाव परिणामों को चुनौती देने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि याचिका में किसी भी विजयी उम्मीदवार को पक्षकार नहीं बनाया गया, जो जरूरी है। केंद्र सरकार की ओर से वकील उदय वरुंजिकर ने कहा कि अगर किसी को चुनाव प्रक्रिया से शिकायत है तो उसे रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट के तहत 45 दिनों के भीतर चुनाव याचिका दायर करनी होती है। लेकिन अहिरे ने इसके बजाय एक रिट याचिका दायर की, वो भी तय समयसीमा के बाद।
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस कुलकर्णी और जस्टिस डॉक्टर ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह दावा साबित नहीं हो सका कि 6 बजे के बाद डाले गए वोटों से किसी खास उम्मीदवार को फायदा हुआ। कोर्ट ने पूछा, ‘6 बजे के बाद डाले गए वोट किसे मिले? यह एक अनिश्चित क्षेत्र है। क्या यह प्रथा लोकसभा चुनाव में भी थी? अगर थी, तो तब कोई सवाल क्यों नहीं उठा?’ कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका में ठोस सबूतों का अभाव है और यह सुनवाई में कोर्ट का पूरा दिन बर्बाद हुआ।
राहुल गांधी और चुनाव आयोग की चर्चा
इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी महाराष्ट्र चुनाव में कथित धांधली का मुद्दा उठाया था। उन्होंने दावा किया था कि चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’ हुई और ऐसी ही रणनीति बिहार जैसे राज्यों में भी अपनाई जा सकती है। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने 12 जून 2025 को राहुल गांधी को पत्र लिखकर इन आरोपों पर चर्चा के लिए बुलाया। आयोग ने कहा कि भारत में चुनाव सख्त नियमों और कानूनों के तहत होते हैं और महाराष्ट्र चुनाव भी पारदर्शी तरीके से आयोजित किए गए।
बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की निष्पक्षता पर उठाए गए सवालों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि याचिका में कोई ठोस सबूत नहीं थे, और यह कानूनी रूप से कमजोर थी। साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ किया कि ऐसी याचिकाओं से चुनावी प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से प्रभावित करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।