रायपुर। कोरबा जिले में पहाड़ी कोरवा के साथ गैंगरेप के बाद पूरे परिवार की हत्या करने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि भले ही यह घटना समाज को झकझोर देने वाली है, लेकिन तथ्यों और परिस्थितियों में आरोपियों को मृत्युदंड की कठोर सजा देना उचित नहीं है। बता दें कि निचली अदालत ने इस मामले में सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। Highcourt on Korba Case
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मामला नहीं माना है। हाईकोर्ट का कहना है कि भले ही यह घटना समाज को झकझोर देने वाली है, लेकिन तथ्यों और परिस्थितियों में आरोपियों को मृत्युदंड की कठोर सजा देना उचित नहीं है।
दरअसल, यह घटना जनवरी 2021 की है, जिसमें 16 साल की पहाड़ी कोरवा जनजाति की लड़की के साथ गैंगरेप कर उसके पिता और चार साल की बच्ची को बेरहमी से मार दिया गया था और शव को जंगल में फेंक दिया गया था। इसको लेकर पुलिस ने जांच करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिला कोर्ट ने पांच आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। पांचों की फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने रिविजिट करते हुए इसे उम्रकैद में बदल दिया है।