राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता के नाम पर लाखों का घोटाला उजागर हुआ है। तेंदूपत्ता घोटाला में 93 लाख रुपए तेंदूपत्ता को गायब कर दिया गया। साथ ही तेंदूपत्ता के बारे में पुराने कचरे को भर कर विक्रेताओं को पैसों का भुगतान कर दिया गया। इस मामले में तेंदूपत्ता खरीदार, रेंजर सहित कुल 10 वनकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। Tendupatta
दरअसल, वन विभाग की मुख्य गोदाम प्रभारी ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। जीई रोड में मौजूद गुरुकृपा गोदाम में वन विभाग ने साल 2022 से 2025 तक तेंदूपत्ता का भंडारण किया गया था। यहां बीजापुर के भैरमगढ़ वनक्षेत्र से तोड़े गए तेंदूपत्ता का भंडारण किया गया था। जिसके खरीददार सुधीर मानेक थे। लेकिन सुधीर मानेक ने खरीदी की राशि का भुगतान समिति को नहीं किया।
तेंदूपत्ता के खरीददार सुधीर मानेक ने पहले तो अनुबंध राशि का भुगतान भैरमगढ़ समिति को नहीं किया। इसके बाद समिति द्वारा तोड़ी गई उच्च क्वालिटी के तेंदूपत्ता के बोरों को बदलकर उसमें पुराना कचरा भर दिया। इससे शासन को 93 लाख 34 हजार रुपए का नुकसान पहुंचा हैं। गोदाम में बदले गए तेंदूपत्ता में तत्कालीन गोदाम प्रभारी जो वन कांकेर के वन परिक्षेत्र अधिकारी हैं, दो तत्कालीन गोदाम प्रभारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित वन विभाग द्वारा लगाए गए सुरक्षा श्रमिकों की भूमिका सामने आई है।
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आरोपियों के खिलाफ धारा 316(2), 316(5), 61(2) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।