नई दिल्ली । कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने शनिवार को कहा कि उन्हें अमेरिका यात्रा के लिए केंद्र की मंजूरी मिल गई है। इससे दो दिन पहले उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर यह स्पष्ट करने की मांग की थी कि उनकी आधिकारिक यात्रा के लिए मंजूरी क्यों नहीं दी गई। प्रियांक खड़गे ने द लेंस को बताया कि फिलहाल वह विदेश नहीं जा रहे हैं।
बतौर मंत्री खड़गे जा रहे थे विदेश
कर्नाटक के मंत्री श्री खड़गे को बोस्टन बायो 2025 और इस साल सैन फ्रांसिस्को में होने वाले डिजाइन ऑटोमेशन सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए 14 जून से 27 जून तक अमेरिका का दौरा करना था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे श्री खड़गे फ्रांस में थे, जब उन्हें मंजूरी नहीं दी गई।
एक्स पर लिखी पोस्ट
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने “यू-टर्न” लेते हुए अपने पहले के फैसले को रद्द कर दिया है तथा उन्हें यात्रा के लिए मंजूरी दे दी है। खड़गे ने कहा कि उन्होंने 15 मई को अनुमति मांगी थी और कहा कि उन्हें 19 जून को “अनापत्ति मंजूरी” मिल गई, जिसके कुछ ही देर बाद उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया, उन्होंने इनकार के आधार पर सवाल उठाया और संभावित “राजनीतिक हस्तक्षेप” के बारे में चिंता जताई।
विदेश मंत्री को लिखी थी चिट्ठी
प्रियांक ने गुरुवार को श्री जयशंकर को दो पृष्ठों का पत्र भी लिखा था और कहा था कि उनकी यात्रा का उद्देश्य कर्नाटक के लिए “सहयोग को मजबूत करना, निवेश आकर्षित करना और रोजगार के अवसर पैदा करना” है।
उन्होंने पत्र में लिखा, “एक कैबिनेट मंत्री और दुनिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी क्लस्टरों में से एक के संरक्षक को बिना किसी स्पष्टीकरण के इस तरह के आधिकारिक दायित्वों को पूरा करने की क्षमता से वंचित करना गंभीर चिंता का विषय है।
पहले भी रोकी गई है यात्राएं
इसके पहले भी केंद्र सरकार के आदेश पर तमाम लोगों की विदेश यात्राएं रोकी गई हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद इसी साल अप्रैल माह में न्यूयार्कएक शैक्षणिक कार्यक्रम में जा रहे थे पर उन्हें रोक दिया गया था। स्वतंत्र पत्रकार राणा अयूब तो पुरस्कार लेने जा रही थीं पर उन्हें नहीं जाने दिया गया। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 2018 में ऑस्ट्रिया की एक आधिकारिक यात्रा पर जा रहे थे जहां उन्हें नर्सरी विद्यालयों को लेकर दिल्ली सरकार की उपलब्धियों पर बोलना था पर उन्हें नहीं जाने दिया गया। ग्रीन पीस एक्टिविस्ट प्रिया पिल्लई को विदेश यात्रा से रोक दिया गया। यह रोक ग्रीन पीस पर प्रतिबंध लगाने के बाद लगाई गई।