नई दिल्ली। इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध खत्म करवाने का अग्रदूत घोषित कर दिया हैं। बुधवार को उन्होंने एक बार फिर दावा कर दिया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 वीं बार कहा है, ‘मैंने युद्ध रुकवाया। मैं पाकिस्तान से प्यार करता हूं। पीएम मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं। मैंने उनसे कल रात बात की। हम भारत के साथ एक व्यापार समझौता करेंगे।’
समस्या यह है कि जब जब ट्रंप इस तरह का बयान दे रहे हैं, विपक्ष सरकार पर हमलवार हो जा रहा है।
विदेश सचिव ने क्या कहा था?
ट्रंप का यह बयान ठीक उस वक्त आया है जब भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सुबह प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का ब्यौरा देते हुए कहा था कि ‘प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर ट्रंप से बातचीत में स्पष्ट किया था कि भारत पाकिस्तान के साथ किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत हुई थी।’
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मोदी ने ट्रंप से कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर पर बातचीत हुई थी, जिसमें दोनों देशों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी।
कांग्रेस हुई हमलावर
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि विदेश सचिव के लिए थोड़ी सहानुभूति तो बनती हैउन्हें उस सरकार की गड़बड़ियों को संभालना पड़ रहा है जो खुद अपनी कहानी पर कायम नहीं रह पा रही है।
आज सुबह ही उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया था कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ युद्धविराम पूरी तरह से सैन्य स्तर पर हुई बातचीत का नतीजा था, जिसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। लेकिन कुछ ही घंटों बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद ही इस दावे को गलत साबित कर दिया — एक बार फिर यह दावा करते हुए कि उन्होंने ही दोनों परमाणु ताकतों के बीच यह युद्धविराम करवाया, और इसके लिए व्यापार को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया। क्या यह है इस सरकार की कूटनीतिक स्पष्टता?
प्रधानमंत्री से मांगा स्पष्टीकरण
पवन खेड़ा कहते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप किसी वरिष्ठ अधिकारी के जरिए नहीं, बल्कि खुद कह रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की। ऐसे में, अगर राष्ट्रपति ट्रंप के दावे गलत हैं, तो प्रधानमंत्री मोदी को खुद सामने आकर इन दावों को सार्वजनिक रूप से खारिज करना चाहिए।