नई दिल्ली। यूक्रेन रूस युद्ध उसके बाद इजरायल फ़लिस्तीन युद्ध, ऑपरेशन सिंदूर और अब इजरायल ईरान के बीच छिड़ी जंग के बीच फेक न्यूज का कारोबार भी जोर शोर से चल रहा है। बिना वाजिब सूत्रों के इस तरह की खबरें प्लांट की जा रही है कि किसी देश पर खतरे की घंटी बजने लग रही है। इसी सप्ताह एक खबर बेहद चर्चा में रही कि पाकिस्तान ने दावा किया है कि अगर इजरायल ने ईरान के खिलाफ परमाणु हथियार तैनात किए तो वह परमाणु हथियारों से जवाबी कार्रवाई करेगा।
सबसे पहले किसने छापी यह खबर
लेंस ने अपनी तहकीकात में पता लगाया कि यह खबर सबसे पहले कहां छपी। तहकीकात में पता चला यह खबर दरअसल तुर्कीये टाइम्स में प्रसारित एक वीडियो की वजह से वायरल हुई जिसमें एक ईरानी जनरल ने पाकिस्तान के द्वारा इजरायल पर एटोमिक हमले की बात कही थी। खबर देश के लगभग सभी बड़े अखबारों इकोनॉमिक टाइम्स , टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, मानी कंट्रोल में छाई रहीं टीवी वालों ने भी धड़ल्ले से इसे चलाया लेकिन गजब यह हुआ कि यह खबर ब्रिटिश अखबार डेली मेल में भी छप गई। पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। इजरायल से दुश्मनी मोल लेने का मतलब था सीधे अमेरिका से दुश्मनी मोल लेना।
पाकिस्तान को देनी पड़ी सफाई
फिर क्या था पाकिस्तान सरकार को सभी टीवी चैनलों और संसद में सफाई देनी पड़ी कि यह खबर फर्जी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने सोमवार को तुर्कीए टाइम्स द्वारा ऑनलाइन प्रसारित उस वीडियो क्लिप को ‘मनगढ़ंत’ करार देना पड़ा, जिसमें कहा गया है कि इस्लामाबाद ने तेहरान को आश्वासन दिया था कि अगर इजरायल ने ईरान पर परमाणु हमला किया तो पाकिस्तान उस पर परमाणु हमला कर देगा।
ईरान के वीडियो से पैदा हुआ संकट
डार, जो उप प्रधानमंत्री भी हैं, ने संसद को बताया, ‘सोशल मीडिया पर एक वीडियो है जिसमें एक ईरानी जनरल को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है: ‘यदि इजरायल ईरान पर परमाणु हमला करता है, तो पाकिस्तान भी परमाणु हथियारों से हमला करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘यह गैर-जिम्मेदाराना और झूठी खबर है।’ उन्होंने आगे कहा कि ये दावे इंटरनेट पर वायरल हो गए हैं और यहां तक कि ब्रिटेन के एक समाचार आउटलेट ने भी इसे उठाया है।*पाकिस्तान ने कहा हम अपनी परमाणु नीति पर कायम*डार ने कहा, ‘हमारी ओर से ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है। यह मनगढ़ंत है।’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की परमाणु नीति 1998 से नहीं बदली है।उन्होंने कहा, ‘उस समय भी हमने कहा था कि यह पाकिस्तान की घोषित नीति है। इसका उद्देश्य आत्मरक्षा है। यह हमारा प्रतिरोध है। यह इस क्षेत्र में समानता, शांति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।’