नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को जनगणना के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह देश में 16वीं जनगणना होगी और आजादी के बाद 8वीं जनगणना है। 1 मार्च 2027 तक दो चरणों में जनगणना होगी। इस बार जनगणना के दौरान जाति जनगणना भी होगी, जिसे आजादी के बाद बंद कर दिया गया था। देश के गुलामी के दौर में अंग्रेजों के समय जाति जनजणना कराई जाती थी।

जनगणना के नोटिफिकेशन के मुताबिक 1 अक्टूबर 2026 तक जनगणना का पहला चरण होगा। पहले चरण में 4 पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं। दूसरे चरण तक 1 मार्च 2027 की रात 12 बजे तक जनगणना होगी।
जनगणना की पूरी प्रक्रिया एक मार्च 2027 तक पूरी कर ली जाएगी। जनगणना का प्राइमरी डेटा मार्च 2027 में ही जारी हो जाएगा। हालांकि विस्तृत डेटा जारी होने में साल के आखिर तक का इंतजार करना पड़ेगा। जनगणना की पूरी प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी होगी।
गृह मंत्रालय ने जनगणना के लिए दो संदर्भ तिथि तय की है। बर्फबारी वाले 2 राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और 2 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, लद्दाख की संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर 2026 रात 12 बजे तय की गई है। इलाके में खराब मौसम के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है। इन चारों राज्यों के अलावा देश के अन्य प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश में जनगणना की संदर्भ तारीख 1 मार्च 2027 रात 12 बजे तक होगी।
जनगणना की संदर्भ तिथि से आशय उस तारीख से है, जिस दिन जनसंख्या की गणना की जाती है। यह वह तारीख है जिस दिन देश की आबादी और सामाजिक-आर्थिक स्थिति का एक स्नैपशॉट लिया जाता है। भारत में 2027 की जनगणना के लिए, संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 की मध्यरात्रि होगी।
जनगणना की संदर्भ तिथि का महत्व यह है कि यह सुनिश्चित करता है कि सभी गणनाएं एक ही समय पर की जाएं, जिससे डेटा की सटीकता और तुलनात्मकता बनी रहे।
30 अप्रैल को जाति जनगणना को सरकार ने किया था ऐलान
केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल 2025 को जाति जनगणना कराने का ऐलान किया था। देश में आजादी के बाद यह पहली जाति जनगणना होगी। जाति जनगणना को मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है। इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
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कल ही अमित शाह ने की थी समीक्षा
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह सचिव, महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी।
जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण यानी मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (HLO) में प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण यानी जनगणना (PE) में प्रत्येक घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी। जनगणना में जाति गणना भी की जाएगी। जनगणना कार्य के लिए लगभग 34 लाख प्रगणक एवं पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे। आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा। संग्रहण, प्रेषण और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।